बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड आ गई खातिर शुरू हो गई हम जानत हैं आप तो आग बुझाने में लगे हैं आप जानो तस्वीर चाहे उतार ले या सुनते ही विनोद कैमरे लेकर फिर मजार के आंगन में चल गया और बातचीत का सिलसिला फिर शुरू जारी हो गया वहीं पेड़ के नीचे बड़ा सा दीप स्तंभ बना था उसे दिखाते हुए वह अधेड़ को बताने लगा इस पर 50 और चिराग जलते हैं हम जब ताजिया उठाते हैं कि देवघर हम जब हिंदू रहे तब हमारे पुरखों ने बनवाया रहा अब हम ताजिया उठाते वक्त इस पर चिराग जलाते हैं
मस्जिद में नमाज कौन पढ़ता है मैं ही पढ़ता हूं पर चुनी थे वहीं दुकान वाले अधेड़ बोले गांव में यही एक मस्जिद है हां इसी में दोनों नमाज पढ़ लेते हैं अभी सुननी भी पहले हम पढ़ लेते हैं फिर सुननी कोई झगड़ा नहीं पर लोग करवाना चाहते हैं इसी बात पर वैसे सिया और सुन्नी में फर्क क्या है अजीब ने पूछा कौन हो नहीं बाबू साहेब एक बुजुर्ग ने कहा है कि जॉन अली को शिद्दत से मानते हैं कौन सी या जॉन सुस्ती से मानते हैं तो तभी चीखती चिल्लाती छाती पीटते गधेड़ा औरत आ गई या सुन्नी गए भाड़ चूल्हे में इमाम साहब मोर बिल्कीस को तो तुमने मरवा दिया कि का जिम्मेदार है वह अमीरात का बिलाल या क्या वारदात है अजीब के कान खड़े हुए अर्दली तब तक इधर-उधर बनाकर के पास आ चुका था अदालत की शुरुआत जरूरत को समझ कर वह फौरन बिलाल को बुलाने गया और खाली लौट आया हुजूर बिलाल का कहीं पता नहीं वह ना हुआ
इस दुनिया में ना उस दुनिया में या कैसे हो सकता है अदालत बोली सारे धर्मों और सब बताओ ने सिर्फ दो ही दुनिया का वसूल आयत किया है तीसरी दुनिया कैसे हो सकती है जिसमें जाकर बिलाल छुप जाए पता नहीं हूं जो पर वह मुझे मिला नहीं इतना जरूर मालूम कि वह मिस्र की तरफ भाग गया मिस्र की तरफ तत्वों का जरूर पकड़ में आ जाएगा आखिर मिश्र वाले मुझे कैसे भूल सकते हैं हम उसे जमाने की बात कर रहे हैं इस समय जब इंसान और इंसान का खून एक था हमारी सभ्यता एक थी हम सब दे दिया नील की गोद में पड़े थे हमने भी मिस्र की सभ्यता को जन्म दिया मिस्र की सभ्यता मेरी ही तो दिन है
मिश्र वालों से जाकर कहो कि जिसने तुम्हें तुम्हारी सभ्यता भी उसे बिलाल की जरूरत है क्या दरिया नींद के देशवासी भूल गए किसी से लेकर भूमध्य सागर तक 500 मील का हुआ जरखेज हिस्सा महीने ही खींचा था इससे 6000 साल पहले फिर आरोप जांच और सुना मैंने ही मेरे साथियों ने बनाया था जिसे रोडे टेस्ट देखने आया था अरे वही यूनानी इतिहासकार रोटेटर्स सम्राट मैंने क्या किया इसकी तफ्तीश में जाने की जरूरत नहीं पर पुरातन मिश्र को आत्माओं के आगमन और पुनरागमन की परिकल्पना में ही दी थी चुप रहो हां आज से 6000 साल पहले मैंने या कल्पना की थी मनुष्य में दो आत्माओं का निवास होता है वह एक अलौकिक दूसरी जो पारलौकिक मृत्यु के बाद आत्मा अपने पुराने घर को कोसती खोजती आती है
इसलिए मैंने सोचा था कि पिरामिड जरूरी है जिसमें उस आत्मा के सहयोग को सुरक्षित रखा जा सके ताकि आत्मा अब चाहे तब अपना सके और जानते हो तुम जानते हो तुम मुझे सिर्फ सदियां ही नहीं सब बताएं बोलती हैं उनको में आत्मा आवागमन के लिए रास्ते बनाए ताकि आत्माओं को भटकना पड़े हमारी तरह जैसे आज हम भटक रहे हैं अभी आलिया वजह से परेशान होकर तो हा टोका सुनते जाओ बाबा अगर इंसान की इंसान की जड़ों को नहीं पहचानेंगे तो तुम आज की दुनिया के दुख दर्द को नहीं समझोगे मुझे आज की दुनिया से लेना देना क्या डालते आया बाबा ने कहा लेना-देना है क्योंकि हम तो दुनिया बनाते हैं उस से आने वाली नस्लें बर्बाद होती है अगर तुम्हें कुछ लेना देना नहीं तो तुम आज यहां इस अदालत में मौजूद ना होते कोई जिंदगी सुधर नहीं है अगर आगे और पीछे जुड़ी हुई है जी तो सुनो तुम या कोई भी सभी तो मिस्र की सभ्यता से जुड़े हुए हो अपनी मिस्र की सभ्यता से मैंने ही पुनर्जन्म की परिकल्पना की थी मैं मित्र को अंतिम सत्य नहीं मानता मृत्यु के बाद फिर जीवन यही सबसे बड़ा सत्य था ।
और शायद आपने ही प्रीत पूजा की परिपाटी तोड़कर अद्वैतवाद की स्थापना की थी अजय तिवारी हनी एक एकेश्वरवाद बहुत अदब से बोला तुमने इससे शायद क्यों लगा दिया शायद नहीं बिला शक और सूर्य को ही हमने परमेश्वर माना था उसे श्रद्धा से राहुकाल पुकारा था राही हमें शक्ति देता है ऊर्जा देता था वही मौसमों का कष्ट तथा सर्जन और शुभ का दाता है एकेश्वरवाद को पुख्ता करने के लिए तब थारो अमीन होता में आमूल को स्वीकार किया था ताकि थीम्स और कान्हा की दक्षिणावर्ती संस्कृति को उतरवर्ती रीमिक्स संसद से एकीकृत किया जा सके उसी से सूर्य और सूर्य के चक्र की परिकल्पना की थी तब हमारी सभ्यता में या विश्वासगढ़ हुआ था सूर्य अस्त होता है तो मित्रों के संसार में चला जाता और राधा उदित होकर जूतों के संसार में लौट आता है अजीब सभ्यता की इस कहानी को लगातार बताता जा रहा था इसे ध्यान से कोई नहीं सुन रहा था
बाबर ने अर्दली की ओर देखा उसे खुश हो जाता पुष्कर कहा हमारे साहब कभी कभी बहक जाते हैं राजनेताओं की तरह उटपटांग भाषण देने लगते हैं पर क्या करें आखिर इंसान की इस रक्त रंजित के बारे में फैसला तो इन्हीं देना है अदालत अदालत को कौन रोक सकता है तभी 10th के फिर पढ़ने लगी फिर वही हाहाकार ओं कोहराम मचाने लगा अदीब ने पहले तो कानों में हाथ रखे जब उस भयानक चोर को नहीं आया तो कड़कड़ाती बिजली सीआवासजी खामोश दुनिया हमसे तो तुम परास्त होकर यह यहां चले आए अगर मैंने तुम्हें यहां से निकाल दिया तो कहां जाओगे बोलो कहां जाओगे कोलाहल कुछ कुछ होने लगा तो अभी फिर भाषण पर उतर आया देखो हर सभ्यता हर धर्म और ब्राह्मणवाद पैदा हुआ है।
भारत में तो वह बहुत देर से आया पर मिस्र की सभ्यता में भी पुरोहित बाद और ब्राह्मणवाद पैदा हुआ यह जनता का प्रतीक था मेरे मिस्र में भी देवताओं के नाम पर जो प्रसाद चढ़ाया जाता हुआ वहां के मंदिरों पंजाबियों में पेट में जाता था पुजारी उन मंदिरों में वैभव से रहते थे वह श्रम फौजी सेवा और करो से मुक्त थे यह पुरोहित पुजारी और ब्राह्मण ही मिस्र की सभ्यता के पतन का कारण बने यही सुमिरन सब में हुआ जो सूर्य कि नहीं चंद्र के पूजक थे जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बहुत महत्व देते थे हुजूर अजूबे आलिया बावर्ची का सुनो तो उससे ज्यादा जोर से पकङा।
तो सुनो सुमेरी संस्कृति के ब्राह्मणों ने मृतकों और आत्माओं के लिए पिरामिड नहीं बनाए बल्कि देवताओं के नाम पर अपने लिए मंदिरों का निर्माण किया जब सुमेरियन सभ्यता के ब्राह्मण स्वार्थी हो गए तो उस सभ्यता का भी विनाश हो गया तब उस दिन अष्ट सभ्यता पर जन्मी निमोनिया सभ्यता विपुल यूनियन सभ्यता ने पहली बार मिली जुली संस्कृति को मंजूर किया था दजला और फरात की घाटी इस मिली जुली संस्कृत से मालामाल हो उठी थी लेकिन विवो लोनिया किस सभ्यता में भी कुलीनता कदम पैदा हुआ उसमें भी अलिखित वर्ण बनते गए यही असीरियन विनती हमार नियम निंबू एरोनियन और गरीब देशों के साथ हुआ पर यह सब बता जी नहीं सकी क्योंकि इनमें भी कुलीनता के नाम पर उन लोगों का उदय हुआ ।
जो मंदिर निर्माण पुराण पुराण और पवित्रता के नाम पर स्वयं को पुरोहित यह पुरोहित भी असर ब्राह्मण से जो जाती नहीं स्वार्थ केंद्रित कुलीनता और ब्राह्मणवाद के प्रतीक थे यानी जो जनता को राज रत्न देते थे वक्त के बदलने बदलते नहीं नहीं देते थे अभी-अभी पागलों की तरह घूम घूम कर और कभी-कभी बाल नोच नोच ते हुए अपना भाषण दे ही रहा था कि फिर भयानक दस्तक पड़ने लगी मुर्दों की दुनिया में हाहाकार मचने लगा गुलाब जोरो से होने लगा घबराकर अदीब ने अंजलि से बहुत चिंतित होकर पूछा भयानक शोर कैसा सर आप भाषण देने लगते हैं तो संसार में किसी हिस्से में कहीं ना कहीं वक्त पास हो जाता है कोई हिंसा आदमी जाग पड़ता और नचनिया मजहब के नाम पर लोगों को भड़का देता है और वह मजहब का नयानस अपना बदला चुकाने लगती है यह पर यह कौन लोग हैं जो सभ्यता की कहानी को रोककर बर्बरता को दर्शाते बताना चाहते हैं सर यह 39 लोग दक्षिण अफ्रीका के वहीं पोटोंग इलाके से अभी-अभी मर कर आप की अदालत में हाजिर हुए यह काले अफ्रीकी हैं जिन्हें गोरी चमड़ी वाले साउथ अफ्रीकी सरकार ने ही मरवाया है लेकिन वहां तो नेशनल मंडेला की अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस और डी क्लर्क की गोरा सरकार समझौता हो चुका है मिलजुल कर नया संविधान बनाएंगे और कानों को पर उनके नरसिंह अधिकार देंगे फिर याद हत्याकांड क्यों अंग्रेजों ने अफ्रीकी एक पार्टी इतिहास फ्रीडम पार्टी को तोड़ दिया या हत्याकांड 19 से करवाया है यह 39 मुर्दों क्या चाहते हैं इंसाफ चाहते हैं ।
पर यह दूसरे कौन लोग दस्तक के दे रहे हैं जब तक दस्तक ओं का सिलसिला बंद नहीं होगा इंसाफ कैसे होगा क्या किया जाए हुजूर आज इंसाफ कल आप इंसाफ करते चलिए 10th के अपनी रफ्तार से बढ़ती रहेंगी लेकिन दर्शकों की रफ्तार बहुत तेज है लेकिन 10 को गिरफ्तार बहुत तेज है सर आपको अपने हिसाब की रफ्तार तेज करनी होगी जब इंसाफ तेज होगा रफ्तार से चलेगा तो कोई कोई ना कोई हल निकल जाएगा तभी उबासी लेते हुए बाबर और फीवर ने कहा अदिव्या लिया अब हमें जाने की इजाजत दी जाए हमारी खबरों पर फतवा दिया पढ़ने वाले लोग आने वाले हैं अगर हम उन्हें वहां नहीं मिलेंगे तो आपके लिए बवाल खड़ा हो जाएगा और 10 20 लाख बेगुनाह मारे मार डाले जाएंगे ठीक है ।
अभी ने कहा तुम दोनों जाओ पर शिवा अपनी कब्र खेत में और कहीं जाने की इजाजत नहीं था कि जब जरूरत हो तो मैं बुलाया जा सके बाबा रो शिवहर रुखसत हुए तो और तेजी से दूसरे पड़ने लगी और लोग सीखने लगे हम कराची से आए हैं हम हिंदी हैं हमें पाकिस्तानी फौज ने मुझे हीरोइन के कहने पर मारा है हमले भिवानी ले बनानी है हमें कृष्ण ने मारा है हम मोल्दोवा से मर कर आए हैं हमें दूसरों ने मारा है हुजूर हम बोस्निया ऐसे आए हैं हमें शर्मा ने मारा है ठीक है ठीक है आप मर गए हो तो चैन से बैठो जिंदा रहने के लिए बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ती है मर कर आदमी चैन की जिंदगी बसर करता है यही मिश्री सभ्यता ने हमें बताया था और मिश्री सभ्यता था आर्य सभ्यता ने इसीलिए पुनर्जन्म को मारा था फर्क सिर्फ इतना था ।
कि सिंधु सभ्यता के सत्य को अलग-अलग योनियों में बांटा हुआ माना था पर मिस्र की सभ्यता ने मनुष्य मनुष्य के रूप में ही मंजूर किया था इसीलिए मैं मिश्री सभ्यता करता हूं क्योंकि हम मनुष्य होते आए हैं सरकार क्या कह रहे हैं आप अगर हम लगातार सब होते आए हैं तो आप की अदालत में इंडस ट्रकों की जरूरत क्यों है हां यह तो सही सवाल है कहते हैं कुछ कहते हुए अदालत कुछ सोचने लगी फिर बहुत परेशान होकर उसने हुक्म दिया जिंदगी को बुलाओ उसे फौरन से बिस्तर हाजिर करो जिंदगी अर्दली में भाव में चढ़ा कर पूछा हां जिंदगी ऐसी कहानी जो भी समझो कहानी और जिंदगी में आज दूरी कहा अदालत ने कहा अर्दली जिंदगी और उसकी कहानी को लाने के लिए चलने चलने लगा पर वह एका एक रुक कर बोला और सरकार आपने तो बिलाल 19 से पकड़कर लाने का हुक्म दिया से लाऊं या नहीं क्योंकि सरकार ने अपनी हिंदुस्तानी लड़की बिल्कुल इस बहुत रो रही है और अपना हिसाब मांग रही हो मैं भूल ही गया जाऊंगा और वही और कहीं भी लाकर बिलाल को हाजिर करो अर्दली एकाएक गायब हुआ और अरब अमीरात भी सामाजिक समस्याओं के वेदार मोहम्मद बिलाल को काम से पकड़ कर ले आया से पेश कर दिया हॉलीवुड बिलाल से पकड़ लिया लाया हाजिर अदालत है और बिलाल समझ नहीं पाया एक ऐसी अदालत है उसे क्यों पकड़ कर लाया गया है उसके बारे में बताया गया कि हिंदुस्तानी लड़की मारी गई है हिंदुस्तानी औरत कि नहीं उसके बारे में जवाब मांगा जाए मरती है उनके साथ जीजिना किया जाता है तब तुम खामोश रहते हो तब अपने लोगों से तुम जवाब नहीं मांगते तभी मुर्दा बिल्कीस की सिसकियों की तेज आवाज आने लगी और मुश्किलें या थी कि बिल किस किस चीज की मां के साथ ही कोरिया की 170 साला औरत के हक सुन भी थी वह भी लगातार रोए जा रही थी अदालत सकते में आ गई उसने परेशानियों से कह मुर्दा लोगों को जिंदा लोगों ने नहीं तो वह गड़बड़ हो जाएगा मेरे कान में भी अभी जापानी ने कानूनी नजाकत उठाया और कहा भी कि मैं अभी जिंदा है उसे मेरे दादा में हाजिर होने का कोई हक नहीं कहते बताने में अपने हाथों पर दस्तक दी या एक मुख्य सवाल है ।