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भाग 14

6 अगस्त 2022

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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड आ गई खातिर शुरू हो गई हम जानत हैं आप तो आग बुझाने में लगे हैं आप जानो तस्वीर चाहे उतार ले या सुनते ही विनोद कैमरे लेकर फिर मजार के आंगन में चल गया और बातचीत का सिलसिला फिर शुरू जारी हो गया वहीं पेड़ के नीचे बड़ा सा दीप स्तंभ बना था उसे दिखाते हुए वह अधेड़ को बताने लगा इस पर 50 और चिराग जलते हैं हम जब ताजिया उठाते हैं कि देवघर हम जब हिंदू रहे तब हमारे पुरखों ने बनवाया रहा अब हम ताजिया उठाते वक्त इस पर चिराग जलाते हैं

 मस्जिद में नमाज कौन पढ़ता है मैं ही पढ़ता हूं पर चुनी थे वहीं दुकान वाले अधेड़ बोले गांव में यही एक मस्जिद है हां इसी में दोनों नमाज पढ़ लेते हैं अभी सुननी भी पहले हम पढ़ लेते हैं फिर सुननी कोई झगड़ा नहीं पर लोग करवाना चाहते हैं इसी बात पर वैसे सिया और सुन्नी में फर्क क्या है अजीब ने पूछा कौन हो नहीं बाबू साहेब एक बुजुर्ग ने कहा है कि जॉन अली को शिद्दत से मानते हैं कौन सी या जॉन सुस्ती से मानते हैं तो तभी चीखती चिल्लाती छाती पीटते गधेड़ा औरत आ गई या सुन्नी गए भाड़ चूल्हे में इमाम साहब मोर बिल्कीस को तो तुमने मरवा दिया कि का जिम्मेदार है वह अमीरात का बिलाल या क्या वारदात है अजीब के कान खड़े हुए अर्दली तब तक इधर-उधर बनाकर के पास आ चुका था अदालत की शुरुआत जरूरत को समझ कर वह फौरन बिलाल को बुलाने गया और खाली लौट आया हुजूर बिलाल का कहीं पता नहीं वह ना हुआ 

इस दुनिया में ना उस दुनिया में या कैसे हो सकता है अदालत बोली सारे धर्मों और सब बताओ ने सिर्फ दो ही दुनिया का वसूल आयत किया है तीसरी दुनिया कैसे हो सकती है जिसमें जाकर बिलाल छुप जाए पता नहीं हूं जो पर वह मुझे मिला नहीं इतना जरूर मालूम कि वह मिस्र की तरफ भाग गया मिस्र की तरफ तत्वों का जरूर पकड़ में आ जाएगा आखिर मिश्र वाले मुझे कैसे भूल सकते हैं हम उसे जमाने की बात कर रहे हैं इस समय जब इंसान और इंसान का खून एक था हमारी सभ्यता एक थी हम सब दे दिया नील की गोद में पड़े थे हमने भी मिस्र की सभ्यता को जन्म दिया मिस्र की सभ्यता मेरी ही तो दिन है 

मिश्र वालों से जाकर कहो कि जिसने तुम्हें तुम्हारी सभ्यता भी उसे बिलाल की जरूरत है क्या दरिया नींद के देशवासी भूल गए किसी से लेकर भूमध्य सागर तक 500 मील का हुआ जरखेज हिस्सा महीने ही खींचा था इससे 6000 साल पहले फिर आरोप जांच और सुना मैंने ही मेरे साथियों ने बनाया था जिसे रोडे टेस्ट देखने आया था अरे वही यूनानी इतिहासकार रोटेटर्स सम्राट मैंने क्या किया इसकी तफ्तीश में जाने की जरूरत नहीं पर पुरातन मिश्र को आत्माओं के आगमन और पुनरागमन की परिकल्पना में ही दी थी चुप रहो हां आज से 6000 साल पहले मैंने या कल्पना की थी मनुष्य में दो आत्माओं का निवास होता है वह एक अलौकिक दूसरी जो पारलौकिक मृत्यु के बाद आत्मा अपने पुराने घर को कोसती खोजती आती है 

इसलिए मैंने सोचा था कि पिरामिड जरूरी है जिसमें उस आत्मा के सहयोग को सुरक्षित रखा जा सके ताकि आत्मा अब चाहे तब अपना सके और जानते हो तुम जानते हो तुम मुझे सिर्फ सदियां ही नहीं सब बताएं बोलती हैं उनको में आत्मा आवागमन के लिए रास्ते बनाए ताकि आत्माओं को भटकना पड़े हमारी तरह जैसे आज हम भटक रहे हैं अभी आलिया वजह से परेशान होकर तो हा टोका सुनते जाओ बाबा अगर इंसान की इंसान की जड़ों को नहीं पहचानेंगे तो तुम आज की दुनिया के दुख दर्द को नहीं समझोगे मुझे आज की दुनिया से लेना देना क्या डालते आया बाबा ने कहा लेना-देना है क्योंकि हम तो दुनिया बनाते हैं उस से आने वाली नस्लें बर्बाद होती है अगर तुम्हें कुछ लेना देना नहीं तो तुम आज यहां इस अदालत में मौजूद ना होते कोई जिंदगी सुधर नहीं है अगर आगे और पीछे जुड़ी हुई है जी तो सुनो तुम या कोई भी सभी तो मिस्र की सभ्यता से जुड़े हुए हो अपनी मिस्र की सभ्यता से मैंने ही पुनर्जन्म की परिकल्पना की थी मैं मित्र को अंतिम सत्य नहीं मानता मृत्यु के बाद फिर जीवन यही सबसे बड़ा सत्य था ।  

और शायद आपने ही प्रीत पूजा की परिपाटी तोड़कर अद्वैतवाद की स्थापना की थी अजय तिवारी हनी एक एकेश्वरवाद बहुत अदब से बोला तुमने इससे शायद क्यों लगा दिया शायद नहीं बिला शक और सूर्य को ही हमने परमेश्वर माना था उसे श्रद्धा से राहुकाल पुकारा था राही हमें शक्ति देता है ऊर्जा देता था वही मौसमों का कष्ट तथा सर्जन और शुभ का दाता है एकेश्वरवाद को पुख्ता करने के लिए तब थारो अमीन होता में आमूल को स्वीकार किया था ताकि थीम्स और कान्हा की दक्षिणावर्ती संस्कृति को उतरवर्ती रीमिक्स संसद से एकीकृत किया जा सके उसी से सूर्य और सूर्य के चक्र की परिकल्पना की थी तब हमारी सभ्यता में या विश्वासगढ़ हुआ था सूर्य अस्त होता है तो मित्रों के संसार में चला जाता और राधा उदित होकर जूतों के संसार में लौट आता है अजीब सभ्यता की इस कहानी को लगातार बताता जा रहा था इसे ध्यान से कोई नहीं सुन रहा था

 बाबर ने अर्दली की ओर देखा उसे खुश हो जाता पुष्कर कहा हमारे साहब कभी कभी बहक जाते हैं राजनेताओं की तरह उटपटांग भाषण देने लगते हैं पर क्या करें आखिर इंसान की इस रक्त रंजित के बारे में फैसला तो इन्हीं देना है अदालत अदालत को कौन रोक सकता है तभी 10th के फिर पढ़ने लगी फिर वही हाहाकार ओं कोहराम मचाने लगा अदीब ने पहले तो कानों में हाथ रखे जब उस भयानक चोर को नहीं आया तो कड़कड़ाती बिजली सीआवासजी खामोश दुनिया हमसे तो तुम परास्त होकर यह यहां चले आए अगर मैंने तुम्हें यहां से निकाल दिया तो कहां जाओगे बोलो कहां जाओगे कोलाहल कुछ कुछ होने लगा तो अभी फिर भाषण पर उतर आया देखो हर सभ्यता हर धर्म और ब्राह्मणवाद पैदा हुआ है।  

भारत में तो वह बहुत देर से आया पर मिस्र की सभ्यता में भी पुरोहित बाद और ब्राह्मणवाद पैदा हुआ यह जनता का प्रतीक था मेरे मिस्र में भी देवताओं के नाम पर जो प्रसाद चढ़ाया जाता हुआ वहां के मंदिरों पंजाबियों में पेट में जाता था पुजारी उन मंदिरों में वैभव से रहते थे वह श्रम फौजी सेवा और करो से मुक्त थे यह पुरोहित पुजारी और ब्राह्मण ही मिस्र की सभ्यता के पतन का कारण बने यही सुमिरन सब में हुआ जो सूर्य कि नहीं चंद्र के पूजक थे जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बहुत महत्व देते थे हुजूर अजूबे आलिया बावर्ची का सुनो तो उससे ज्यादा जोर से पकङा। 

तो सुनो सुमेरी संस्कृति के ब्राह्मणों ने मृतकों और आत्माओं के लिए पिरामिड नहीं बनाए बल्कि देवताओं के नाम पर अपने लिए मंदिरों का निर्माण किया जब सुमेरियन सभ्यता के ब्राह्मण स्वार्थी हो गए तो उस सभ्यता का भी विनाश हो गया तब उस दिन अष्ट सभ्यता पर जन्मी निमोनिया सभ्यता विपुल यूनियन सभ्यता ने पहली बार मिली जुली संस्कृति को मंजूर किया था दजला और फरात की घाटी इस मिली जुली संस्कृत से मालामाल हो उठी थी लेकिन विवो लोनिया किस सभ्यता में भी कुलीनता कदम पैदा हुआ उसमें भी अलिखित वर्ण बनते गए यही असीरियन विनती हमार नियम निंबू एरोनियन और गरीब देशों के साथ हुआ पर यह सब बता जी नहीं सकी क्योंकि इनमें भी कुलीनता के नाम पर उन लोगों का उदय हुआ ।  

जो मंदिर निर्माण पुराण पुराण और पवित्रता के नाम पर स्वयं को पुरोहित यह पुरोहित भी असर ब्राह्मण से जो जाती नहीं स्वार्थ केंद्रित कुलीनता और ब्राह्मणवाद के प्रतीक थे यानी जो जनता को राज रत्न देते थे वक्त के बदलने बदलते नहीं नहीं देते थे अभी-अभी पागलों की तरह घूम घूम कर और कभी-कभी बाल नोच नोच ते हुए अपना भाषण दे ही रहा था कि फिर भयानक दस्तक पड़ने लगी मुर्दों की दुनिया में हाहाकार मचने लगा गुलाब जोरो से होने लगा घबराकर अदीब ने अंजलि से बहुत चिंतित होकर पूछा भयानक शोर  कैसा सर आप भाषण देने लगते हैं तो संसार में किसी हिस्से में कहीं ना कहीं वक्त पास हो जाता है कोई हिंसा आदमी जाग पड़ता और नचनिया मजहब के नाम पर लोगों को भड़का देता है और वह मजहब का नयानस अपना बदला चुकाने लगती है यह पर यह कौन लोग हैं जो सभ्यता की कहानी को रोककर बर्बरता को दर्शाते बताना चाहते हैं सर यह 39 लोग दक्षिण अफ्रीका के वहीं पोटोंग इलाके से अभी-अभी मर कर आप की अदालत में हाजिर हुए यह काले अफ्रीकी हैं जिन्हें गोरी चमड़ी वाले साउथ अफ्रीकी सरकार ने ही मरवाया है लेकिन वहां तो नेशनल मंडेला की अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस और डी क्लर्क की गोरा सरकार समझौता हो चुका है मिलजुल कर नया संविधान बनाएंगे और कानों को पर उनके नरसिंह अधिकार देंगे फिर याद हत्याकांड क्यों अंग्रेजों ने अफ्रीकी एक पार्टी इतिहास फ्रीडम पार्टी को तोड़ दिया या हत्याकांड 19 से करवाया है यह 39 मुर्दों क्या चाहते हैं  इंसाफ चाहते हैं ।  

पर यह दूसरे कौन लोग दस्तक के दे रहे हैं जब तक दस्तक ओं का सिलसिला बंद नहीं होगा इंसाफ कैसे होगा क्या किया जाए हुजूर आज इंसाफ कल आप इंसाफ करते चलिए 10th के अपनी रफ्तार से बढ़ती रहेंगी लेकिन दर्शकों की रफ्तार बहुत तेज है लेकिन 10 को गिरफ्तार बहुत तेज है सर आपको अपने हिसाब की रफ्तार तेज करनी होगी जब इंसाफ तेज होगा रफ्तार से चलेगा तो कोई कोई ना कोई हल निकल जाएगा तभी उबासी लेते हुए बाबर और फीवर ने कहा अदिव्या लिया अब हमें जाने की इजाजत दी जाए हमारी खबरों पर फतवा दिया पढ़ने वाले लोग आने वाले हैं अगर हम उन्हें वहां नहीं मिलेंगे तो आपके लिए बवाल खड़ा हो जाएगा और 10 20 लाख बेगुनाह मारे मार डाले जाएंगे ठीक है ।  

 अभी ने कहा तुम दोनों जाओ पर शिवा अपनी कब्र खेत में और कहीं जाने की इजाजत नहीं था कि जब जरूरत हो तो मैं बुलाया जा सके बाबा रो शिवहर रुखसत हुए तो और तेजी से दूसरे पड़ने लगी और लोग सीखने लगे हम कराची से आए हैं हम हिंदी हैं हमें पाकिस्तानी फौज ने मुझे हीरोइन के कहने पर मारा है हमले भिवानी ले बनानी है हमें कृष्ण ने मारा है हम मोल्दोवा से मर कर आए हैं हमें दूसरों ने मारा है हुजूर हम बोस्निया ऐसे आए हैं हमें शर्मा ने मारा है ठीक है ठीक है आप मर गए हो तो चैन से बैठो जिंदा रहने के लिए बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ती है मर कर आदमी चैन की जिंदगी बसर करता है यही मिश्री सभ्यता ने हमें बताया था और मिश्री सभ्यता था आर्य सभ्यता ने इसीलिए पुनर्जन्म को मारा था फर्क सिर्फ इतना था ।  

कि सिंधु सभ्यता के सत्य को अलग-अलग योनियों में बांटा हुआ माना था पर मिस्र की सभ्यता ने मनुष्य मनुष्य के रूप में ही मंजूर किया था इसीलिए मैं मिश्री सभ्यता करता हूं क्योंकि हम मनुष्य होते आए हैं सरकार क्या कह रहे हैं आप अगर हम लगातार सब होते आए हैं तो आप की अदालत में इंडस ट्रकों की जरूरत क्यों है हां यह तो सही सवाल है कहते हैं कुछ कहते हुए अदालत कुछ सोचने लगी फिर बहुत परेशान होकर उसने हुक्म दिया जिंदगी को बुलाओ उसे फौरन से बिस्तर हाजिर करो जिंदगी अर्दली में भाव में चढ़ा कर पूछा हां जिंदगी ऐसी कहानी जो भी समझो कहानी और जिंदगी में आज दूरी कहा अदालत ने कहा अर्दली जिंदगी और उसकी कहानी को लाने के लिए चलने चलने लगा पर वह एका एक रुक कर बोला और सरकार आपने तो बिलाल 19 से पकड़कर लाने का हुक्म दिया से लाऊं या नहीं क्योंकि सरकार ने अपनी हिंदुस्तानी लड़की बिल्कुल इस बहुत रो रही है और अपना हिसाब मांग रही हो मैं भूल ही गया जाऊंगा और वही और कहीं भी लाकर बिलाल को हाजिर करो अर्दली एकाएक गायब हुआ और अरब अमीरात भी सामाजिक समस्याओं के वेदार मोहम्मद बिलाल को काम से पकड़ कर ले आया से पेश कर दिया हॉलीवुड बिलाल से पकड़ लिया लाया हाजिर अदालत है और बिलाल समझ नहीं पाया एक ऐसी अदालत है उसे क्यों पकड़ कर लाया गया है उसके बारे में बताया गया कि हिंदुस्तानी लड़की मारी गई है हिंदुस्तानी औरत कि नहीं उसके बारे में जवाब मांगा जाए मरती है उनके साथ जीजिना किया जाता है तब तुम खामोश रहते हो तब अपने लोगों से तुम जवाब नहीं मांगते तभी मुर्दा बिल्कीस की सिसकियों की तेज आवाज आने लगी और मुश्किलें या थी कि बिल किस किस चीज की मां के साथ ही कोरिया की 170 साला औरत के हक सुन भी थी वह भी लगातार रोए जा रही थी अदालत सकते में आ गई उसने परेशानियों से कह मुर्दा लोगों को जिंदा लोगों ने नहीं तो वह गड़बड़ हो जाएगा मेरे कान में भी अभी जापानी ने कानूनी नजाकत उठाया और कहा भी कि मैं अभी जिंदा है उसे मेरे दादा में हाजिर होने का कोई हक नहीं कहते बताने में अपने हाथों पर दस्तक दी या एक मुख्य सवाल है ।  

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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

21 जुलाई 2022
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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

21 जुलाई 2022
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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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भाग 21

6 अगस्त 2022
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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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भाग 25

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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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भाग 26

13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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भाग 28

13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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भाग 29

13 अगस्त 2022
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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

13 अगस्त 2022
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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

15 अगस्त 2022
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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

15 अगस्त 2022
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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

20 अगस्त 2022
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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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भाग 37

20 अगस्त 2022
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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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भाग 39

20 अगस्त 2022
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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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भाग 40

20 अगस्त 2022
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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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