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भाग 25

13 अगस्त 2022

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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले लोग हैं इस्लाम के दिल में मारने वाले मुसलमान हिंदुस्तान में उनसे कहीं ज्यादा है तब इन पाकिस्तानियों को बोलने का हक कहां सलमा पूरी तरह धड़क रही थी !  छोड़ो यह बातें आओ खाना खा ले अदीब ने कहा हां मुझे बहुत भूख लगी है अभी अपने पलटकर देखा होटल की मेन हॉल की रोशनी रोशनी आ गई थी उधर गया तो पता चला होटल बंद हो चुका है होली की छुट्टी है और अब खाना नहीं मिल सकता लेकिन बेटर तो आर्डर लेने आया था जी हां उसने बहुत देर आपका इंतजार किया आखिर छुट्टी का दिन था ! इंतजार करते करते वक़्त थक गया फिर वह किचन बंद हो गया तो वह चला गया तो आप कुछ नहीं मिल सकता सॉरी सर लेकिन आप साउथ अफ्रीकन टूरिस्टो को देर रात फिर भर खिलाते हैं जी तब जब छुट्टी का दिन नहीं होता वैसे भी साउथ अफ्रीकन टूरिस्ट शाम 8:30 बजे तक अपना डिनर खत्म कर देते हैं और हम हर दिन 9:30 बजे अपना किचन बंद कर देते हैं आप तो 11:30 बज रहे हैं वाह जब कॉटेज में लौटा तो बिस्तर पर पड़ी सलमा पूरी तरह सूख रही थी। नहीं की बातों और भूख भी उसे बिहार और बदहाल कर भी दिया था शर्मा कुछ नहीं मुझे बहुत भूख लग रही थी आप रिसेप्शन पर बहस में उलझे हुए थे आपको मेरी फिक्र नहीं थी इसीलिए मैं यहां चली आए मुझे पता है होटल मूवी किशन बंद हो चुका है! 

वहीं की वजह है पर हर एक तो हिंदू नहीं है गैर हिंदुओं को भी तो भूख लगती है कहते-कहते शर्मा की तरह रोने लगी देखो मैं कुछ कोशिश करता हूं कहते हुए धूप में बाहर निकालकर गाड़ी उठाने और गन्ने के खेतों की कटाई अंधेरा और गांव की ओर से होती हुई पतली सड़क होने से गुजरा तो भाई और एक मकान की लाइट जल रही थी वह समझ गया कि यहां कोई वंशज है रुक कर पूछा तो पता चला एक लेखक का घर है ना बुझाता की ना पड़े और उस लेखक की कलम एवा रोशनी उसका फोटो नहीं तक साथ देती रही जब वह उस बंदरगाह वाले शहर में पहुंचा तो 2 दिन से लहसुन और प्याज उतरने की महक आ रही थी पता चला या भारत में आता है क्रीम और चीज ऑस्ट्रेलिया से आती है! 

मटन न्यूजीलैंड से पेट्रोल कल से और टूरिस्ट पूरी दुनिया से सामान की कोई कमी नहीं थी पर बाजार को बंद था आखिर अजीब को एक जगह की गोली की तरह की रोशनी में कृत्रिम आती दिखाई दी वहां पहुंचा तो पता चला कि या प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम का घर है जिसके पीछे पहुंचे जैसे एक दुकान अब तक खुली हुई थी उस पर कुछ समोसे पकोड़े और केले मौजूद थे खरीदते हुए मालूम हुआ कि दुकानदार मेडागास्कर का एक मामूली सा आदमी है जो हिंदुस्तानी नाश्ता बना कर भेजता और अपना पेट भरता और मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने अपने घर के नीचे से ऊंचा लगाने की इजाजत दी हुई है नदीम को लगा था कि आखिर या कैसा देश है जो हर तरफ और जिंदगी को हर पहलू से पवित्र है जो कुछ मिला उसे लेकर अधिक रोगी की ओर भागा आधी रात बीत गई थी रेनू गुजराती लेखक अभिनंदन के कमरे की रोशनी अभी जग रही थी ! 

 काटेंगे मैं पहुंचा तो सलमान जॉब करती बैठी थी दीप के समोसे पकोड़े प्लेट में रख के लिए भी रख दिए लो खाओ मेरा पेट तो उस वक्त भर गया जब आप इसे लाने के लिए निकल पड़े थे पेट की भूख बहुत समझदार शर्मा ने कहा उसे प्यार कर लिया प्यास लगी है प्रदीप ने पानी की तरफ हाथ बढ़ाया तो सलमा ने रोक लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया प्यास का पानी और होता है अभी और तब कमरे में की सारी औपचारिक सुगंध कहीं और उड़ गई शरीर अपनी कुदरती महकमों के साथ नदियों की तरह उम्र कर एक होते हुए बहने लगा लगे थे शरीर वनस्पतियों के जंगल बन गए थे देवदार चीड़ बुरास चंदन दालचीनी और धरती के सिलसिले में जंगलों से होते हुए सदियों की बाहों में फैले हुए थे आप मुझे छोड़ना मत हम इसी तरह जीते जीते पत्रों में तब्दील हो जाएंगे आधे मेरे अधिक नदियों की बाहों में पानी किनारों की तरह चले थे बीच धार का पानी अब हम सफर कर रहा था एक बात कहूं आप के पसीने की तरह अभी खा रहा है या खुदा या मेरे परवरदिगार मुझे मुश्किल से मिली है शिवानी की मर्जी मत करना मेरी दुश्मनी खुशियों पर चाहे जो पाबंदियां लगा दे मेरे खुदा या मुझे मेरा हासिल मिला है परवरदिगार खैरात में इतनी बड़ी बात नहीं मिलती शायद या खैरात नहीं मेरा हासिल है इसमें मुझे जी लेने दे आमीन या आमीन आपने बोला था शर्मा ने चौक कर पूछा नहीं तो कोई तीसरा शायद लगातार हमारे साथ है ! 

जो हमें एक सा नाश्ता देता है और ऐसे सपने देता है अभी बोला अधिक हूं अभी आपने इतने से दिनों में मुझे यह सब दे दिया जो मेरे साथ सलमान ने मुझे आज वह कभी नहीं दिया क्या कह रही हो तुम क्या कह रही हो तुम कहीं वही जो सच है जो सच है आपने मुझे है वह से निकाल कर इबादत की दुनिया में पहुंचाया है विकास का आज शुरू से मेरे शरीके हयात होते हम शादीशुदा होते कहते हुए शर्मा बुरी तरह जो बड़ी अजीब में उसकी आंखों पर रोक लगाकर एक ही फूल गिरने नहीं दिया तुम्हारे आंसू तो मेरे पसीने की तरह सारे नहीं यह जजला हर आदमी और गंगा के पानी की तरह मीठे हैं अभी मैं उसे बाहों में ले की रेशमी बंदिश में लेते हुए कहा था आप उस साल कहां थे इस साल जिस साल सलमान से मेरी शादी हुई थी ।

तब मैं तुम्हारी कोठी के कोने पर एक पेड़ की तरह खड़ी खड़ा है जी रहा था जिसकी आंखों में बारात के स्वागत की चांदनी और बल्कि दुनिया बांधी गई थी अजीब पेड़ की तरह से हंसते हुए कहा था पर तब मैं लाचार था और तब मैंने तुम्हें तुम्हारी खुशियों के लिए खुला छोड़ दिया था हां ऐसा नहीं सलमान मुझे खुशियां नहीं दिए लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं कि जिनके बारे में सोचते हैं तो समझ में नहीं आता कि जिसकी उम्र 8 साल की जिंदगी के बारे में कहां तक सोचो अजीब सच कहूं सलमान का चेहरा मैं उनकी मौत के बाद भी खोजती रही पर कोई एक चेहरा कभी मेरे सामने नहीं आया और शायद यही कमजोरी है वह एक चेहरे वाले आदमी को खोजती है सलमा मेरे भी अगर ज्यादा चेहरे नहीं तो भी दो चेहरे तो है एक बार जो मेरी बीवी के साथ जुड़ा है और दूसरा जो तुम्हारे साथ जुड़ गया अजीम ने कहा उसकी असलियत मैं जानती हूं अभी क्या या कि आप मुझे छोड़ सकते हैं ना आप अपनी बीवी को या तुम कैसे जानती हो ऐसे कि मैं आपको जानती हूं ।

आप अपनी हसरतों की सजा किसी दूसरे को नहीं दे सकते या मैं बखूबी जानती हूं कि आप अपनी हसरतों के लिए जाएंगे उन्हें जी आएंगे आप अपनी हसरतों को देवी स्थानों के पार ले जाएंगे उनमें उगेंगे दुख उठाएंगे लेकिन उनका जो किसी को नहीं उठाने देंगे सलमानी उसकी आंखों में रखते हुए कहा तुम कहना क्या चाहती हो या कि आप अपनी बीवी शांता को मेरे लिए छोड़ सकते हैं लेकिन आपने अकेला नहीं छोड़ सकते क्योंकि आप अपनी हसरतों उसकी सजा खुद को दे सकते हैं ।

सांता को नहीं इसीलिए मुझे भरोसा है कि आप मुझे भी नहीं छोड़ सकते अगर आप शांता को छोड़ सकते होते तो आप मुझे कभी भी छोड़ सकते शर्मा ने आज ही अपने पैरों पर हाथ रख दिए थे शर्मा तुम क्या हो औरत हो या फरिश्ता अधिक सोचती हूं कि तो थोड़ी घबराहट होती है कि मुझे मेरे मजहब के नईम और तरह के लोग मजहब के नाम पर आपके साथ जीने नहीं देंगे आप ऐसा करो क्या इस सिर्फ जीने के लिए नहीं मैं हिंदू बन जाऊं और आप मुसलमान हो जाओ क्योंकि मुसलमानों की यह नियत या तो मंजूर कर सकती कि मुसलमान मर्द हिंदू औरतों को ध्यान दें पर कोई हिंदू और मुसलमान औरत को बिस्तर तक ले जा सके या मैं मंजू नहीं तो क्यों ना हम सिर्फ अपनी जिंदगी जी सकने के लिए अपने मित्रों को बदलने लगी इन्हे  चैन  पड़ जाए नहीं तो नहीं जैसे लोग हमें जीने नहीं देंगे ।

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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

21 जुलाई 2022
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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

21 जुलाई 2022
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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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भाग 21

6 अगस्त 2022
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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

13 अगस्त 2022
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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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भाग 25

13 अगस्त 2022
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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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भाग 26

13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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भाग 27

13 अगस्त 2022
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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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भाग 28

13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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भाग 29

13 अगस्त 2022
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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

13 अगस्त 2022
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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

15 अगस्त 2022
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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

15 अगस्त 2022
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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

20 अगस्त 2022
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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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भाग 37

20 अगस्त 2022
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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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20 अगस्त 2022
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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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भाग 40

20 अगस्त 2022
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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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