बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी वह भी त्रियोबिश की रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गहरी नजरों से अदीब को देखकर कहा था और फिर क्या यही कि वह कुछ झझक की सच्चाई यही है कुदरत ने कुछ कानून बनाए आदमी औरत के आपसी रिश्तो का यही कानून है और औरत कुछ देकर पाती है और आदमी को छुपा कर देता है ।
सलमा बोली थी इस कानून से तो बराबरी खत्म होती होती है नहीं बराबरी जिस नहीं जिसे तराजू पर रखकर तो ले लिया जाए बराबरी तो तमन्नाओं की होती है सपनों की होती है अजीब ने उसे गहराई से देखा आज रात कौन सा सपना देखा आज रात रात हुई ही कहा आज तो खुली आंखों वाला सपना देखा और इस बात की बात यह है कि सपना भी मैंने और आपने एक साथ देखा हॉलिडे इन वादे सपने की तरह शायद यही हमारी जिंदगी सबसे बड़ी सच्चाई है । सर आप लोगों ने या चाय मंगवाई ना लंच पर आए कहिए तो कमरा साफ कर दूं चेंबर बाय बोला थैंक यू लेकिन यहां गंदा कुछ है ही नहीं सलमा बोली थी फर्नीचर साफ करने की जरूरत हो तो कल कर देना नो प्रॉब्लम मैडम कहता हुआ ।
चेंबर बाय वापस चला गया और तब सलमान ने अजीब से सहजता से देखते हुए कहा सुनिए अब हम इस बिस्तर पर नहीं लेते आएंगे क्यों इस बिस्तर पर मोहब्बत सोई है इस पर लेटने से हमारी मोहब्बत कहीं मैली ना हो जाए चलो अब ब्रश कर लो नहा लो और चलकर कुछ खा लो वैसे भी यहां मारी सच में रात 8:00 बजे के बाद खाना नहीं मिलता नहा तो लेंगे पर यह नीले फूल तो तब भी नहीं कुंभ लाएंगे इनका क्या करेंगे शर्मा ने पूछा हम से पूछने वाला है कौन अभी बोला था और उसने सलमा को एक बार फिर बाहों में भर लिया था ।
कि जो दुनिया की में कहीं सच नहीं होता कभी सच नहीं हुआ वह हमारे साथ सच सच की तरह मौजूद है अभी बोला यही सच है शर्मा ने कहा और सलमा के वह सब यही सच है मारीशस के उस कॉटेज से निकलकर ब्रह्मांड में गूंजते चले गए यही सच है यही सच है तब दोनों ही खुद को रोक नहीं पाए थे और तूफानी सांसो के एक घर में समा गए थे पत्थर ईटो और शरीर के घर तो इस दुनिया में बहुत बने थे सभी ने बनाए थे पर या घर सांसो का था सांसे सांसे जो दूर कोरल रीफ से टकराती हिंद महासागर की लहरों की तरह फैल हो आई थी और दोनों की कश्ती बाहों में और उसके अंगों से चीन गाड़ियों के फूल झड़ने लगे थे लगता है हम कहीं ढाक के जंगल में लेटे हैं रुकती थरथरा सांसो से सलमा बोली थी ।
हां अजीब की सांसे भी भारी थी सदियों से शताब्दियों पहले मारीशस में एक ज्वालामुखी फूटा था सागर के अटल से उसी ने इस देश को जन्म दिया था आज हमारे ज्वालामुखी ने हमें जन्म दिया है कितना खूबसूरत है आप के झरने में नहाया हुआ इस पता प्लस वन और तब भी एक और गहरी पहचान के लिए दोनों एक दूसरे के कुछ खोजने लगे थे ।
आप क्या और खोजना चाहते हैं वही जो तुम भी शायद खोजना चाहती हो मैं किसी भी अंग का स्पर्श नहीं करना चाहता और शायद हर अंग का सघन स्पर्श खोज रहा हूं अजीब महसूस करो जब आधी हवा ने आदम धरती को पहली बार छुआ होगा अभी उसे देखता रह गया सलमा हां तुमने कब नहाया तुमने मेकअप कब किया मेकअप आधा दिन चडगया चढ़ाया हमने आई हुई सुबह कहां देखी है जो मेकअप लेकिन तुम्हारी पलकें जामुनी क्यों हो गई माथे पर चांदी का या कुमकुम तुमने कब लगाया और तुम्हारे हाथ जोड़ बबलू जांघों और हर रंग से कस्तूरी की या गंद क्यों फूट रही है पर आपके बदन से आती भीगी धरती की महक मुझे बेहोश क्यों कर रही है पता नहीं यह सब क्या है ।
शर्मा शायद हम ही सृष्टि है न सर होते हुए भी निरंतर जी सकने की संख्या की एक कड़ी अधिक उसमें समाहित होते हुए बोला था अब कुछ बोलो मत अजीब कुछ सोचो मत कुछ भी बोलो मत नहीं तो सांसो का यह महल ढह जाएगा सोचो मत मन जो चाहता है वह उसे दे दो वही होने दो जो होना है जो होता है जो हमेशा होगा कहते-कहते सलमा उसके शरीर में सांस की तरह समा गई और उनके शरीर ऊपर हजारों नीले फूल खिल उठे थे एकाएक तभी दरवाजे पर दस्तक हुई ।
थकान की मदहोशी में दोनों ने दरवाजे की तरफ देखा आवाज दी कम इन चेंबर बाय भीतर आया तो दोनों ने खुद को संभाला सर आप लोगों ने या चाय मंगवाई ना लंच पर आए कहिए तो कमरा साफ कर दूं चेंबर बाय बोला थैंक यू लेकिन यहां गंदा कुछ है ही नहीं सलमा बोली थी फर्नीचर साफ करने की जरूरत हो तो कल कर देना नो प्रॉब्लम मैडम कहता हुआ चेंबर बाय वापस चला गया और तब सलमान ने अजीब से सहजता से देखते हुए कहा सुनिए अब हम इस बिस्तर पर नहीं लेते आएंगे क्यों इस बिस्तर पर मोहब्बत सोई है इस पर लेटने से हमारी मोहब्बत कहीं मैली ना हो जाए चलो अब ब्रश कर लो नहा लो और चलकर कुछ खा लो वैसे भी यहां मारी सच में रात 8:00 बजे के बाद खाना नहीं मिलता नहा तो लेंगे पर यह नीले फूल तो तब भी नहीं कुंभ लाएंगे इनका क्या करेंगे शर्मा ने पूछा हम से पूछने वाला है कौन अभी बोला था और उसने सलमा को एक बार फिर बाहों में भर लिया था