आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन और चंद्र बाग तो थे ही कंक पंछियों के सातों वन शामिल थे मयूर थे संकुल पंछी सारस नीलकंठ दवा पंचमढ़ी हंस महाभारत पांडु जल का सुपर धनेश कुंज परिवार के सभी सदस्य और कोयल अपनी समस्त संतति के साथ शामिल थी
उनके गीतों और गाते स्वरूप से प्रकृति झूम उठी थी देवदासी रोना पंछियों के पंखों से उतर कर तत्काल आदिम अदीम के घर की ओर चल दी उस के दरवाजे तक पहुंच गई उसने देखा उसके दस्तक देने से पहले तमाम दस्त के वहां मौजूद थी और बेहद परेशान अधिक अपना माथा पकड़े बैठा हुआ था एक अर्दली उसकी दाहिनी ओर अदम से खड़ा अदब से खड़ा 10th को को पुकार पुकार कर उन्हें अजीब के सामने पेश होने की इजाजत दे रहा था लेकिन तभी यदि अपने सिर उठाकर देवदासी रूणा को देखा और पूछा तुम कहां की दस्तक हो अधीन आलिया मैं भ्रष्ट मैं भ्रष्ट हो गए देवताओं के लोग की दस्तक हूं मैं इंसान के लिए प्यार दोस्ती शांति और क्रांति के मूल और सम्राट गिलगामेश की आवाज लेकर आई हूं
मैंने उस समय उस आवाज को अपनी नाभि में छुपा लिया था जब समस्त सभ्यताओं के देवता इसे बंदी बनाना चाहते थे मनुष्य की यह सबसे बड़ी धरोहर है या बेलौस बेखौफ आवाज यही मैं आप को सौंपने आई हूं इसे स्वीकार कीजिए क्योंकि कोई अजीब जैसा सरल सहज सीधा और सत्यनिष्ठा व्यक्ति ही इसे जीवित रख सकता है और सदियों के बाद सदियों तक इसकी रक्षा कर सकता है अदीब ने देवदासी रोना से आवाज की सौगात लेकर उसे अपनी धमनियों उसके रक्त में पदस्थ कर लिया और देवदासी रोना से बैठने का निवेदन किया देवदासी रोना के बैठते ही दर्शकों का शोर बढ़ गया और दशक के आखिर तक की ओर देखते हुए अदीब ने पूछा तुम कहां की दस्तक हो अभी भी आलिया में डेन्यूब नदी की घाटी में बसे उस सर्बिया के कोषों प्रदेश की दस्तक हूं जहां से आप सदियों पहले जल चलकर सिंधु के तट पर आ बसे थे डेन्यूब नदी आज भी आप सबको याद करती है वहां के मुर्दे आज बड़ी पीड़ा और तकलीफ से आपको याद कर रहे हैं|
देवदासी रूणा के बैठते ही दर्शकों का शोर बढ़ गया, आखिर देखते हुए अजीब ने पूछा तुम कहां की दस्तक हो अभी भी आलिया में डेन्यूब नदी की घाटी में बसे उस सर्बिया के कोषों प्रदेश की दस्तक हूं जहां से आप सदियों पहले जल चलकर सिंधु के तट पर आ बसे थे डेन्यूब नदी आज भी आप सबको याद करती है वहां के मुर्दे आज बड़ी पीड़ा और तकलीफ से आपको याद कर रहे हैं
ऐसा क्या हादसा हुआ कि कोसोवो के हमारे वंशज तकलीफ से हमें याद कर रहे हैं अदीब ने सर्बिया की दस्तक से पूछा सभ्यता की इस प्राचीनतम घाटी में भयभीत युद्ध चल रहा है या युद्ध एक तरफा है एक तरफा युद्ध जी हां अजीब या लिया हमारे भूखंड पर नाटो नाम के एक दशानन दशानन ने जन्म लिया है सागर पार का एक और राक्षस उनका सरगना है उन्होंने मिलकर सर्बिया और युगोस्लाविया पर हमला करके मुझे श्मशान बना दिया है सरबिया प्रभुसत्ता संपन्न मेरे ही युगोस्लाविया का हिस्सा है और कोसोवो उसी आजाद भूखंड सरिया का इलाका है लेकिन नाटो के राक्षसों और उसके सरगना ने अपने हितों के लिए हमें बर्बाद कर दिया है वह राक्षस अग्नि तांडव कर रहे हैं वह मेरे स्वायत्तता संपन्न देश में विभाजित करके कोषों को अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं |
लेकिन क्यों आखिर या नियंत्रण की राजनीति क्या है अजीत ने दस्तक से पूछा दिवालिया नियंत्रण द्वारा आत्माओं को तोड़ा जाता है फिर उन्हीं में विभाजित किया जाता है उनमें सांस्कृतिक प्रतिरोध की शक्ति विखंडित की जाती और तब बाजारवादी जो के उस कॉम का सारा रस चूस लेती हैं खंडित संस्कृति के श्मशान में उत्सव उत्सव के बाजार स्थापित होते हैं धर्म और इतिहास शिक्षकों के हाथों में खिलौना बन कर नाचते गाते जश्न मनाते अपने को विभाजित अंग के सत्र और अपने विनाश के कारण बन जाते हैं बड़ी सभ्यताओं को तोड़कर उन्हें बंदी बनाने के लिए विभाजन का यही रास्ता उन सब अल्प संस्कृतियों ने चुना है जिनके खेतों में सिर्फ बारूद और बंदूक उगती है इसी के चलते कोसोवो अपनी लाखों संतानों की मृत्यु देख चुका है और लाखों लाख लोग के विस्थापन के कारण विराना हो चुका है लाखों शरणार्थी इधर उधर भटक रहे हैं |
ना तो और राक्षसों के एकतरफा मिसाइल हमले जारी हैं तेल भंडार और रासायनिक कारखाने धू-धू कर जल करके जल रहे हैं वायुमंडल और आप की प्राचीन नदी दैनिक का पानी विश्वास हो गया है मृत्यु पागलों की तरह जिंदगी का पीछा कर रही है सर्बिया में इस वक्त लाखों मासूम बिना मौत मर रहे हैं इस बर्बर राक्षसों की राक्षसों को किसी ने रोका क्यों नहीं अधीन ने सवाल किया फिर खुद ही नारा जी से पूछा कहां है संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव कोफी आनंद उसे अदालत में पेश किया जाए अर्दली आदेश लेकर चल पड़ा हुजूर दजला फरात की घाटी में यही हुआ है मौका पाकर एक और दस्तक ने अर्ज किया इसका जवाब भी कॉफी आनंद देगा अदीब ने कहा उसके आने का इंतजार करो इसी बीच अन्य के बुलाने और शोर मचाने लगी तो अजीब ने उन्हें शांत किया और देव साहनी गुना की ओर मुखातिब हुआ गिलगमेश की या आवाज तुमने मुझे सौंप दी इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया मैंने इसे अपने रक्त में मिलाकर सुरक्षित कर लिया जब तक मनुष्य जाति है उसकी धमनियों में दौड़ता हुआ रक्त है तब तक यह आवाज जीवित रहेगी सावधान रहना अधिक इसलिए अब मनुष्य विरोधी शक्तियां रख पाए और सूरज बल्कि पुरुषों ने कहा हालांकि देवताओं और संस्कृति रोपण पतित और व्यभिचारी हो गई है |
फिर भी कायर लोग आवाज के जीने के लिए कुछ भी कर सकते हैं इसीलिए अधिक सावधान रहना तभी अर्दली हो पूजा हाजिर हुआ को भी आनंद के साथ नहीं थे उसे अकेला देख कर अजीब का पारा चढ़ गया तुमको भी आनंद साहब को नहीं लाए हुजूर या पता लगते ही आपने उन्हें तलब किया को भी आनंद साहब की छाती में तेज दर्द उठा उन्हें शिकायत की कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है इसीलिए फिलहाल वह अस्पताल में दाखिल हो गए ऐसे ऐसी हालत में उन्हें लाना मुनासिब भी नहीं था और मुमकिन भी नहीं तो अस्पताल में जाकर को भी आनंद से कहो कि दुनिया की छाती में जो दर्द बार-बार उठता है उसे सांस लेने में जो तकलीफ लगातार हो रही है उसके इलाज के लिए उन्हें इस दुनिया का काम का सौंपा गया था लगता तो यह तक है कि एक ध्रुवी शक्ति के पक्ष में उन्होंने अपने व नैतिक हथियार भी डाल दिए जो बड़ी उम्मीद से उन्हें शॉप पर गए थे इसी का नतीजा है विभाजन और दांत दमन का याद और अगर को भी आनंद भूल गए तो उन्हें याद दिलाओ कि आर्थिक संस्कृति के संघर्ष में के नाम पर जो युद्ध चले और चल रहे हैं |
वह हर देश और संस्कृत के आम आदमी को विनाश का कारण बन रहे हैं वह अंधेरे इतिहास और धर्मार्थ विश्वास को जन्म देकर जन और जाति संघ आर के वाहक बन गए हैं जब तक यह युद्ध चलते रहेंगे तब तक विकलांग जातियां जन्म लेती रहेंगी जीने के लिए अवैध और अनैतिक संसाधनों की दुनिया कायम होती चली जाएगी डेन्यूब जैसी नदियां नदियों की मछलियां बार-बार मरती रहेंगी मानव रक्त से सिंचित खेतों में अन्न नहीं विषैले तत्वों के कांटेदार फसलें लगेगी उन जातियों की स्त्रियों स्त्रियां विचार और बलात्कार के लिए अभिशाप होंगी संताने मनोरोग और विधियों से ग्रस्त होंगी धर्म के नाम पर अधर्म की आंधियां चलेंगे और सत्ता के एकीकृत सिंहासन पर नर मुंडो की माला पहले कोई निरंकुश एक अधिकारी शासक विद्वान हो जाएगा वह भी आनंद से जाकर पूछो क्या इसी भविष्य के लिए उन्हें राष्ट्र का संयुक्त लोकतंत्र सौंपा गया था |
हुजूरे आलिया मैं आपके इस बड़े और पुरजोश भाषण को ले तो जाऊंगा लेकिन शायद कोई भी आनंद साहब को इसी बारीकियां समझ नहीं पाऊंगा बेहतर यही होगा कि जब वह अदालत में हाजिर हो तब आप उन्हें इस तकरीर पर मतलब समझा दीजिए मैं जानता हूं वह कभी भी यहां हाजिर नहीं होंगे क्योंकि यह मनुष्य के मन की सांसद अदालत है कानून के नाम पर कानून के धर्म के नाम पर अधर्म व्यापार करने वाले करने वालों के पास इतना साहस नहीं कि वे इस अदालत में हाजिर हो सके जैसा 9:00 तक चलने की इजाजत मांगी उसे विदा देते हुए अदीब ने इतना ही कहा दिल सानी रोना अपना ख्याल रखना क्योंकि जो लोग में देवता अब तुम्हें माफ नहीं करेंगे प्रभु तू तो अब तक मनुष्य के लिए आप चुराने के जुर्म में सदियों से सजा भुगत रही है अब मनुष्य के हित में गिलगमेश की आवाज चुराने के जुर्म में वह तुम्हें क्या सजा देंगे |
यह सोचकर मेरे रूम पर खड़े हो जाते हैं मैं तुम्हारे सुख की कामना करता हूं शुभकामनाएं लेकर दिवसानी रोना अंतर्ध्यान हो गई उसे उसके साथ दर्शकों का शोर बढ़ने लगा अजीब के कान पर दे फटने लगे उसने दोनों हथेलियों कानों को दवा लिया फिर अर्दली से बोला कहीं चलो कहीं और चलो मुझे यहां से कोई और ले जा चलो कहीं भी कहां ले चलो अभी भी आलिया बाहर तो शोर हो और भी ज्यादा है हाहाकार चित्रकार आगजनी सामूहिक हत्या बलात्कार की पुकार अपने अजन्मे बच्चे के लोड़े कीड़े पड़ जाती फूली हुई लाश ए अर्ज जीवित और मृत्यु का मांस खा खाकर थके हुए लकड़ बग्घे उत्तेजित और रक्त रंजिश का दृश्य तो 600 साल पहले हुए जलप्लावन से भी भयंकर दृश्य है |
कुछ भी हो मुझे यहां से ले चलो ने कहा तो अर्दली को आज्ञा पालन पालन करना ही था अब अतीत का महासागर पार करने लगा लेकिन उसकी उसका कहीं अंत नहीं था रक्त बहुत गाड़ा था इसीलिए उसे नाव खेने में बहुत दिक्कत हो रही थी बहुत दूर निकल जाने पर अंजलि को एकाएक लाशों का एक पहाड़ नजर आया वह भी रक्त के महासागर के पतवार चलाता चलाता बेहद थक गया था समूह की एक चट्टान उसे नाव बांधी चट्टानों बांधी अजीब चट्टान की छाया में बैठ गया उसके कानों में कुछ बूंदें लगा उसने इशारों से अंजलि को पास बुलाया और पूछा तुम्हें शब्दों की वजह अनुगूंज सुनाई पड़ रही है|
नहीं हुजूर लेकिन मेरे कानों में जयशंकर प्रसाद के शब्द गूंज रहे हैं हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर बैठे शीला और शीतल भीगे नयनों से देख रहा था प्ले प्रवाह मुझे सुमेरी सभ्यता की देवी इन्ना का अंदाज भी सुनाई पड़ रहा है वह शीघ्र ही है क्या मेरी संतति मेरे मरने के लिए है इस तरह की अप्राकृतिक मौत से मरने के लिए अर्दली ने उसे गौर से देखा मुझे मुझे लातिनी यूनानी गाथाओं के देवताओं के स्वर सुनाई दे ओलंपस पर्वत पर एकत्रित हो गए हैं| ईसाइयों के परम पिता कह रहे हैं कि धरती पर मनुष्य की दुष्टता बेहद बढ़ गई है दुष्टता बेहद बढ़ गई है मैंने जिस मानव को सिरजा है उसे ही नहीं मैं सभी जीव धारियों को मिटा दूंगा क्योंकि धरती हिंसा से भर उठी है जीवो के अत्याचार विचार भ्रष्ट हो चुके हैं मैं पृथ्वी पर प्रलय करके सारे जीव धारियों का नाश कर दूंगा मुझे पता है क्योंकि मेरी दृष्टि में तू अकेला आह्वान बचा है मैं तेरी रक्षा करूंगा इसीलिए ,रुकूंगा इस लिए तूतीन महले वाली काठ की एक नाव बना लेऔर उसमें घुस जा...इस जल-प्रलय में तू जीवत रहेगा !
इस जल प्रलय मां तू ही जीवित रहेगा अर्दली ने अधिक चिंता से देखा याद है तुझे तुम्हें अजीब नगर दिल्ली से कहा पृथ्वी के विनाश के लिए देवता जीयस ने बादलों का आकाश मार्ग खोल दिया था तब चीन में जून में तुम्हारा जल धाराओं के लिए मार्ग बनाकर समुद्र किया था और ची नदी की मिट्टी को अपने बाहों में समेट लिया था ताकि बाद भी डाल कर मनुष्य के याद है तुम्हें नहीं हुजूर मुझे तो कुछ याद नहीं हर गली में बेरुखी से कहा ना भी याद हो तो भी क्या कोई चीन की यू की तरह हमारे दो में पैदा नहीं हो सकता जो इस रक्षक रोक सके गांधी जी ने कोशिश तो बहुत की थी लेकिन वह अकेले पड़ गए हां आदि ने कहा इसके बाद जब कभी अकेले आएगी जो दूर नहीं है अब हमें गांधीजी के अहिंसा और ऑस्टिन के पश्चात आपकी बहुत जरूरत पड़ेगी स्टीम अकाउंट वही जिन्होंने प्रगति भेजकर ऊर्जा के स्रोतों का रास्ता खोज निकाला था |
महमूद अली समझ में नहीं आता हर महापुरुष का जीवन एक शोक गीत की तरह ही क्यों समाप्त होता है क्यों हर बड़े विचार और अभिशाप के दान बाद दंगों का उदय होता है जब वह हुआ जब जब जल प्रलय हुआ तब ही ग्रुप भेदों को चुरा ले गया था तब संगी मछली ने सिर्फ जिला हार करने वाले राजा सत्यव्रत को जीवित रहने का मंत्र दिया था उसी सिंघी मछली ने राक्षस है गरीब का वध करके वेदों के ज्ञान का उद्धार किया था शब्द की रक्षा की थी तभी प्ले के बाद शपथ को श्रद्धा मिली थी और मंदसौर इसकी शुरुआत हुई थी सारी सभ्यता जल प्ले की चाची है लेकिन इस वक्त प्ले के साक्षी केवल हम हैं या धरती रक्त के इस पर आवाज को शौक शौक कर समतल बन रही है रक्त की धरती की समाधि जा रही है या रक्त जल पर घट रहा है लेकिन ना मालूम इस वक्त लेकर बात का निर्माण होगा या नहीं होगा भी तो कैसे होगा आप चिंता क्यों कर रहे हैं दिव्या लिया आप चिंता क्यों कर रहे हैं दीदी आलिया आदि मनुष्य व्रत और श्रद्धा की तरह बूटा सिंह और जेनिफर ने याद संभाल लिया है |