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भाग 18

6 अगस्त 2022

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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से बोला पहले मुसाफिर को ठीक से देख लिया करो समझे इतना कहकर वह चला गया हालांकि काउंटर वाला आश्वस्त नहीं हुआ था।  पर उसने शायद यही सोचा कि जब पुलिस ही अपना काम नहीं करना चाहती तो मैं उसका काम क्यों करूं और उसने बोर्डिंग कार्ड सलमा के आगे बढ़ा दिया उसके बाद सलमा उसे जहाज में मिली और उससे के कोटा जाने तथा उसके बीजिंग उड़ जाने से पहले ही उनकी मुलाकात कराची के होलीडे इन के रेस्तरां में सुबह नाश्ते पर हुई नाश्ते के वक्त कुछ अनहोनी घटनाएं हुई वह जब रेस्त्रा  में पहुंचा तो सलमा वहां कुछ पहले से मौजूद थी उसने सलमा को देखा तो एकाएक देखता ही रह गया शायद किसी ऐसी ही हूं वह ऐसी ही औरतों को देखने की उसकी तमन्ना ना जाने कितने वर्षों से दूरी पड़ी थी और आज जागे पूरी हुई मन में छुपी हुई कोई बात जब एकाएक पूरी होती है तो आदमी का मन बहुत समझाने लगता है। 

 सपना इस तरह सामने आ जाए तो यही होता है और फिर रात जो सपना उसने देखा था वह भी उसकी याद में उलझा हुआ था उस सपने में उसने सलमा को पंजाबी लिबास में देखा था और सलमा हूं उसी निवास में सामने थी वह जैसे कुछ बोल ही नहीं पाया था पर सलमान ने सारी स्थिति को बहुत शहद बना दिया था आइए तक तशरीफ़ लाइए मुझे उम्मीद थी कि आपके चीन जाने से पहले हमारी एक और मुलाकात जरूर होगी वह सब कुछ आ गया था यही सब तो वह भी चाह रहा था तब तक मेरा आ गया और उसने नाश्ते का आर्डर दिया मेरे लिए तो कान्फ्रेंस ब्रेड स्लाइस पर फ्राइड एग और चिली सॉस भाई माफ करना मुझे चिली सॉस बहुत पसंद है उसने सलमा की ओर देखकर पूछा और आप तो शर्मा ने बताया वह अपना आर्डर पहले ही दे चुकी है दोनों का नाश्ता साथी आया और पहली अनहोनी सामने आई दोनों का नाश्ता एक ही था । 

वही कंफर्म भी एक ही था लगता है यहां एक ही नाश्ता मिलता है आपका नाश्ता भी वही आया जो मेरा उसने कहा जी नहीं या इत्तेफाक की बात है कि मैंने भी बिल्कुल वही आर्डर दिया था जो आपने दिया सलमा भूली चिली सॉस भी या तो मैंने खासकर तो उसे बोला था जी हां मैंने भी बोला था मुझे भी ना जाने क्यों प्राइडेक्स के साथ चिल्ली सास का हल का सेट टच बहुत पसंद है सलमा ने कहा और शायद आपको भी हैरत की बात है और उनके बीच तब एक अजीब सा सन्नाटा छा गया कहीं कुछ एक होने का सन्नाटा इस ऐशबाग का सन्नाटा काफी देर खामोशी रही फिर सलमा ही बोली थी अजीब आज रात मैंने एक अजीब सा सपना देखा वैसे मैं अक्सर सपने नहीं देखती शायद याद नहीं रह रह जाते होंगे पर यह सपना याद ही रह गया क्या सपना देखा आपने पूछते हुए कुछ सहमा सा था कहीं इस नाश्ते की पसंद की तरह कहीं सपना भी सपना एक साथ ही क्योंकि उसने सपने में देखा था कि लाहौर से कराची आने वाला उसका जहाज किसी हादसे की वजह से एक हिंदुस्तान में उतरा उतर पड़ा था और रेत की लहरों से टकराता हुआ एक जहाज आकर ऐसे रुक गया था जैसे जहां उसने लैंड किया हो और सारे पैसेंजर से भी देखा यह कि सलमान ने बताया कि लाहौर से कराची आने वाला हमारा जहाज किसी हादसे की वजह से रेगिस्तान में उतर पड़ा उसकी सांसे रुकने सी लगी थी सलमा या कौन सा सपना सुना रही है पर वह आगे बता रही थी जी और हुआ या की जहाज रेत की लहरों से टकराता हुआ एक जगह जाकर ऐसे रुक गया जैसे उसने लैंड किया हो ताज्जुब की बात यह है कि सारे पैसेंजर से अजीब सपना था इतना ही काफी पीने लगी उसकी सांस तो अभी गई थी । 

उसने भी काफी का एक घूंट लिया और बड़ी मुश्किल से बोला था शर्मा जी अब मैं कैसे बताऊं कि यही यही बिल्कुल यही हूं वो सपना मैंने भी आगे वह कुछ कह नहीं पाया था दोनों अपने-अपने काफी पीते बैठ रहे थे और सोचते रहे कि क्या या कभी सचमुच मुमकिन हो सकता है और दो अलग-अलग लोग बिल्कुल एक साथ सपना एक ही रात में देखें या तो अनहोनी से बात है एक ऐसी बात जो कभी नहीं होती जो शायद कभी हो ही नहीं सकती कुछ देर सलमान ने उसे देखा जैसे कि कभी एक सपना देखने की बात भाजपा किसी खास मकसद से तो नहीं रहा वह सोचने लगी कि जो लोग जो जो लोग घंटे 2 घंटे बाद अलग रास्तों पर जाने वाले हो जो  2 लोग पहली बार यूं ही अकस्मात मिल जाएं और जो 2 लोग अगली जिंदगी की शायद कभी ना मिलने वाले हो एक दूसरे से झूठ बोलकर क्या पाएंगे क्या खाएंगे उनके बीच शिवा सच बोलने के अलावा था भी क्या झूठ की वह कोई जगह थी ना जरूरत .......  काफी देर तक वह दोनों खामोश ही बैठे रहे वह एक से सपने को लेकर कुछ ऐसे अटक गए थे कि मामूली बातों का सिलसिला ही खत्म हो गया था फिर भी महज कुछ बात करके करने की खातिर उसने सलमा से पूछा था क्या आप शुरू से हिंदुस्तानी हैं मतलब यही कि आप हिंदुस्तान में पैदा हुई थी हां यही सच है पर सच यह भी है कि मैं को में जन्म लिया पाकिस्तान में पैदा हुई हिंदुस्तान में 45 में असल में हम बिहार के रहने वाले हैं वहां की एक छोटी-सी रियासत के मेरी नानी वहां हैं वह जिंदा है पर मेरे नाना काफी पहले यहां सिंध चले आए थे ।  

तब हिंदुस्तान एक था मेरे वालिद और मां भी उन्हीं के साथ यहां आ गए थे पाकिस्तान बनते ही वैसे मेरे नाना एक तरफ से कहे तो मुजाहिद बन गए और अब भी उन्हें बिहार याद आता है तो कहते हैं कि हमारा मूल पाकिस्तान हो गया लेकिन वतन तो हिंदुस्तानी ही है हमारी यादें तक हिंदुस्तानी है ना ना यही हैं कोटा में मैं उन्हीं से मिलने जा रही हूं वह बिहार को याद करते हैं अब सब उन्हें याद करते हैं लेकिन यह तो पहले हैं कि आपने अपनी मां की कोख को जन्म लिया पाकिस्तान में और आप पैदा हुई हिंदुस्तान में पहले कैसी जब पार्टीशन हुआ तब मैं अपनी अम्मी की कोख में थी उस वक्त बिहार में भयानक दंगे चल रहे थे मुसलमानों का कत्लेआम हो रहा था पर अब बा और मम्मी नहीं रुके नाना ने उन्हें बहुत रोका पर वह यही बोले कि नानी बिहार में अकेली है और फिर या भी कुछ भी हो हम अपना घर और वतन नहीं छोड़ सकते अजीब ने उसे आश्चर्य से देखा फिर धीरे से अटक अटक कर कहा या तो अजीब बात है जब लाखों मुसलमान हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान आ रहे थे तब आपके अब्बा और अम्मी ने मुसलमान होते हुए भी हिंदुस्तान जाने का फैसला लिया दो मुसलमान नहीं नहीं तीसरी मैं अम्मी की कोख में मैं भी तो थी अजीब तुम मुसलमान को इस रूहानी तकलीफ को नहीं समझ सकते अगर तुम हिंदू मुसलमान की रानी वाशिंदे हो तो हम भी यही सलामी औलादे हैं हम मुसलमान हो गए तो क्या हुआ मजहब बदलने से मिट्टी तो नहीं बदल जाती अजीब ने सलमा को गहरी नजरों से देखा क्यों आप इस तरह मुझे क्यों देख रहे हैं मैंने अपने खानदान में बहुत सी मौतें देखी है जब मौत आती है तब किसी को का बाया कर्बला याद नहीं आता अपना घर याद आता है।

 मैं तो यह कहीं रही हूं यकीन ना हो तो पूछिए जाकर किसी भी मुल्क के मुसलमान यहां तक कि रियाद और तेहरान में रहने वाले मुसलमान से खुदा का घर सब के लिए है लेकिन अपनी मौत के वक्त सिर्फ अपने घर गांव का घर अपना होता है यही आखिरी सच है उस पर इन तुर्की मिस इंडोनेशिया कहीं का भी मुसलमान अपने वतन की धरती पर मरना चाहता है मक्का मदीना में नहीं लेकिन लेकिन क्या तुम आर्यों ने खुद अपने मजहब को सील बंद करके तोड़ा है यह तुम कैसे कह सकती हो सलाह सलमा तुम्हारे ब्राह्मण ग्रंथ ग्रंथों के आधार पर तुमने अपना वन वर्णाश्रम धर्म बना लिया था हर बच्चा मां के पेट से पैदा होता है पर तुम्हारे ब्राह्मणों और उनके ग्रंथ में मां की कोख का अपमान करते हुए मनुष्य को ब्रह्म के अलग-अलग अंगों से पैदा करने का सिद्धांत पैदा किया आज के शब्दों में कहूं तो तुम्हारे ब्राह्मणों ने अपना पाकिस्तान बना लिया अधिक सकते में आ गया है उसके पास कोई उत्तर नहीं था और तब सलमा बोली तो अजीब उसे गौर से देखा और तब तुम्हारे उपनिषदों ने इंसानी मूल्यों में संपदा को बचाने का प्रयास किया अदीब ने अकोला ते हुए फिर उसे परेशानी से देखा तुम्हारे उपनिषद और कुछ नहीं मैं ब्राह्मणवादी अत्याचारों वरवादी आना चारों अवसरवादी आस्था को स्थापित करने वाले पास्ता पश्चाताप के ग्रंथ हैं। 

उन्होंने तुम कुलीन आर्यों को जरूर संभाला पर वह विश्व के बदलते हुए मानसिक मानचित्र को नहीं संभाल सके दुनिया की सच्चाई या बदल गई थी पर तुम आर्यन बदलती हुई शक्तियों को आत्मसात नहीं कर पाए यही तुम्हारे प्रभाव का कारण है धर्म के आधार पर कृतियां बनती हैं पर कालांतर में वे धर्म से मुक्त होकर मानव संस्कृतियों में तब्दील हो जाती हैं पर तुम और तुम्हारे लोग बार-बार संस्कृत को धर्म की ओर खींचते रहे हैं इसका मतलब यह है तो नहीं कि बाद में इंकलाब और सर सैयद अहमद खान ने जो रंग तैयार किया हुआ ठीक था कौन कहता है कि वह ठीक था लेकिन यह बदलाव तब आया था जब लोकमान तिलक ने आजादी के आंदोलन में गणपति उत्सव से जोड़कर इसे आजादी का हिंदु आंदोलन बना दिया लेकिन गांधी जी ने आकर इस गलती को सुधारा भी तो तो था तब तक बहुत देर हो चुकी थी दिल तक्सीम हो चुके थे वह दोनों खामोश खामोशी से एक दूसरे को देखने लगे तब सलमान ने फिर खामोशी को तोङा था। 

उसके बाद के इतिहास को देखो अजीब यह ठीक है कि गांधीजी ने सब संभाला पर तब तक अंग्रेजी सच्चाई का फायदा उठा चुका था और देखो ना बाद में क्या हुआ लोकमान तिलक ने अंततः सारे हिंदू वादियों को जन्म दिया सावरकर जैसे क्रांतिकारी हिंदूवादी हो गए उनकी नस्लें में नाथूराम गोडसे पैदा किए आखिर उसी ने गांधी जी की हत्या की तो गांधी नेहरू पटेल मौलाना आजाद के रहते हुए भी मुसलमान के लिए उम्मीद बची ही कहां थी दिलों में शक बैठ गया कि सत्ता मिलते ही धीरे-धीरे नेहरू का संकुचित हो जाएगा और मूर्छित हिंदुत्व होश में आता जाएगा फिर क्या इसलिए संजय क्रश मुस्लिम दिमाग में बाबर तैमूर और चंगेज खान जैसे से अपना रिश्ता तोड़ा था तो संडे ग्रेट मुस्लिम दिमाग को क्या करता अंग्रेजों के हाथों में तो दुधारी तलवार आ गई थी वह भला क्यों चुप थे और यह मत भूलिए अधिक की मध्यकाल के सारे अक्रांता साम्राज्यवादी थे वह धर्म के प्रचारक और तक नहीं थे मंगोल चंगेज खां हो तो मुसलमान भी नहीं था तब इस्लाम ही नहीं था ।

वह तो पौधों से भी पहले के सयानी धर्म का पूर्ण मूर्तिपूजक था आपको हिस्ट्री की बहुत जानकारी है उसने नाश्ता खत्म करते हुए कहा आखिर में ही श्री स्टूडेंट नहीं हूं उसके उसी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में जहां आप क्या दीप बनकर निकले हैं और एक खास बात कहूं कहिए जिन्ना साहब ने इतिहास नहीं बनाया इतिहास ने जिन्ना साहब को बनाया था अपने इतिहास से सबक लीजिए उसकी देख को मजहब के चूल्हे पर मत चलाइए नहीं तो फिर वही हाल होगा जो तक्सीम के साथ हिंदुस्तान का हुआ और आज पाकिस्तान का हो रहा है उसे आश्चर्य हुआ कि सलमा इतना खुलकर कैसे बोल पा रही है और वह भी कराची पाकिस्तान में बैठकर गनीमत यही था कि उस वक्त उनकी नाश्ते की मैच के आसपास उसके अलावा और कोई नहीं सुनने वाला था तभी तभी कह रहा बरपा हुआ दशकों की आवाज से उसका वजूद चलाने लगा सलमा भी सामने नहीं थी अजीब एकाएक चीज अर्दली मैं कहां हूं हुजूर आप अपनी अदालत में है ! 







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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

21 जुलाई 2022
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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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6 अगस्त 2022
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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

13 अगस्त 2022
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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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भाग 25

13 अगस्त 2022
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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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भाग 27

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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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भाग 28

13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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भाग 29

13 अगस्त 2022
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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

13 अगस्त 2022
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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

15 अगस्त 2022
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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

15 अगस्त 2022
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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

20 अगस्त 2022
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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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भाग 37

20 अगस्त 2022
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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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भाग 39

20 अगस्त 2022
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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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भाग 40

20 अगस्त 2022
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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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