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भाग 5

21 जुलाई 2022

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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य में प्रेम तथा मित्रता जैसे तत्वों की खोज दिया है लेकिन तुम्हें किसने रोका था तुम सब घोर ऐंकारी हो तुम या भूल गए कि मनुष्य ने ही तुम्हें सजा है |

मनुष्य के बिना तुम्हारी और हम जैसी देवियों की कोई औकात नहीं है तुम समस्त देवता लोग प्रेम विहीन और एक आदि व्यक्ति हो तुम सब स्त्री पर आसक्त होकर उसका सम शीलभंग कर सकते हो अवैध संतानें पैदा कर सकते हो क्योंकि तुम अहंकारी हो तुम नितांत व्यक्तिवादी हो तुम्हारे पास मित्रता का मूल्य नहीं है तुम एक दूसरे के पूरक नहीं हो तुम हमेशा एक दूसरे से स्पर्धा करते हो तुम्हारे सारे आचरण अवैध हैं|

इसीलिए तुम किसी वैध सभ्यता या संस्कृति का निर्माण नहीं कर सकते हो तुम सब भूल रहे हो धरती के मनुष्य ने प्रेम और मित्रता के अलावा प्रजनन की वैध परंपरा का आविष्कार भी कर लिया है इसीलिए उन्हें संस्कार जैसी महाशक्ति भी प्राप्त हो गई है तुम्हारे पास केवल वासना है प्रेम नहीं केवल व्यक्तित्व श्रेष्ठता का देश है इसीलिए मित्रता नहीं तुमने स्त्री को मात्र भोग्या मान कर अवैध संतानों का देवलोक स्थापित कर लिया है|

इस पर देव लोग के पास कोई संस्कार या परंपरा नहीं है देव तानिया तुम अपने तुम अपने ही वंशजों का अपमान कर रही हो तमाम देवता और कुछ दिव्या एक साथ चीख उठे मैं अपमान नहीं सिर्फ तुम्हें आगाह कर रही हूं मनुष्य ने जिन जीवन तथ्यों को तलाशा है और आगे तलाशी गांव वह हमारी मित्र की घोषणा होगी देवी तान्या ने कहा और अंतर्ध्यान हो गई सारे देवता आवाज और हजरत रह गए और तब अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए परम देवता अनु ने सुझाव दिया|

अस्तित्व के संकट की इस घड़ी में हमें सप्तसिंधु के आर्य देवताओं के से संपर्क करना चाहिए हमारे पास केवल 3 नदियां हैं दजला, फरात और डेन्यूब हमें केवल इन तीन नदियों की संपदा मिली है उनके पास शब्द सिंधु की 7 मुख्य नदियां हैं सिंधु विस्ता, आशिकी, पर रोशनी विकास और सरस्वती इतना ही नहीं देवाधिदेव संदेशी ने आदर्श से सर झुका कर कहा आगे कुछ कहता इससे पहले एक देवता ने टोका तुम कौन श्रीमान हम तो घुमंतू पशुपालक हैं पर आपके संदेश ईस्वर का कार्य भी करते हैं हम तो शब्द सिंधु से लेकर आपके प्रदेश तक और यहां से लेकर मलेशिया पाषाण क्षेत्र लेकर वास पोरस और दर्रे दानियाल तक हमेशा घूमते ही रहते हैं यहां से लेकर तो आर्य कबीले सिंधु घाटी तक गए हैं|

उन्हीं में से कुछ कबीले आर्य में बस गए जो आगे बढ़ते गए वे सिंधु सरस्वती और तिश्ता नदी को पार करके यमुना के मध्य प्रदेश तक पहुंच चुके हैं उससे वे ब्रह्मवर्त के नाम से पुकारते हैं पूरब की ओर उनका सीमांत जो नदी बनाती है उस नदी का नाम है गंगा और देवताओं ने साम्राज्य स्थापित कर लिया है उनके साम्राज्य में उत्तर पश्चिम की और 4 नदियां की संपदा भी मौजूद है क्या आर्यों ने उन नदियों का नामकरण कर दिया है हां श्रीमान उन्होंने उनका नामकरण करके अपनी संपदा बना लिया है आर्य इसी के लिए बिछड़ते गए क्योंकि उन्होंने नामकरण की पद्धत नहीं अपनाई आर्यन उत्तम उत्तर पश्चिमी की नदियों का नाम दिए हैं |

काबुल कुर्रम गोमती गोमल और श्वासतू इतने दीर्घ नाम श्रीमान नदियों के नामकरण के साथ-साथ उन्होंने विभागों को भी अंकित कर लिया है हम तो घुमंतू हैं जब भी आर प्रदेशों तक जाते हैं तो गंधारी जनपद से पशु के सिले जाते हैं मौजवंत में पहुंचते ही तो श्रेष्ठ सुरापान का आनंद उठाते हैं फिर हम उनके दो और बस प्रदेशों में रुकते हैं और धान में भी प्राप्त कर लेते हैं इन प्रदेशों का अन्य है श्रीमान आर्यों के पास जलसंपदा के अलावा सुंदर कालीन  प्रातः कालीन ऊंचा  पर्वत है परिजन ने पूरब में और घनघोर वर्षा है उन्होंने अपने क्षेत्र को वैदिक गणित और जनों में विभक्त कर रखा है उनके पास है वह है और अन्य पशु भी हैं विकृति कर्म करने लगे हैं या श्रम क्या आर्य देवता स्वयं करते हैं देवता अनु ने पूछा नहीं श्रीमान आर्य देवता आप सब देवताओं की तरह ही कर्म विहीन हैं उन्हें श्रम की जरूरत ही नहीं श्रम तो उन देवताओं की मनुष्य जाति ही करती है परंतु तभी एक देवता ने हस्तक्षेप किया हमें संदेशी के प्रांतों में नहीं लेना चाहिए हमारी समस्या सम्राट गिलगमेश है जो मृत्यु की औषधि तलाशने की घोषणा कर चुके  हैं|

संदेशी ने उन्हें शांत किया मैं आपकी इस समस्या के लिए ही सारे वृतांत दे रहा हूं |  ताकि आप इस समस्या को पूरे परिप्रेक्ष्य में समझ सके देखिए यहां आकर एक एकन्दु भूल गया कि वह आकाश पुत्र है मनुष्य बनते ही उसने प्रेम नामक संवेग  को तलाशा और स्थापित कर लिया सम्राट गिलगमेश  शांति  का रास्ता  को खोज लिया और उधर आर्य मनुष्य ने पृथ्वी के महत्वपूर्ण को खोजा और आतंक कारी प्रवृत्ति को वशीभूत करने के लिए उसने शांति जैसी महाशक्ति का आविष्कार कर लिया

शांति के बाद अब यदि मनुष्य को अंतिम रूप से कुछ तलाशना है तो वह है मृत्यु और औषधि आप देवताओं का प्रभाव निश्चित है संदेश  कि यह बात सुनते ही देव मंडलियों के प्रत्येक देवता की भर्तियां तन गई उनकी आंखों से क्रोध बरसने लगा क्रोधित मन सत्य को शिव कार्य मनुष्य ने जिन महा शक्तियों का अन्वेषण किया है वह आपके पास नहीं है उसने आ विकृत कर लिया है जीवन कर्म श्रम प्रेम मित्रता और शांति जय जीवन के महा तत्वों को इसलिए अब उसकी अमृत की कामना अनुचित नहीं है नहीं नहीं उसकी यह कामना हमें स्वीकार नहीं है तमाम देवता सन्देश  लिखने लगे फिर अलग-अलग घोषणाएं करने लगे हम कर्म को कर्म हीन बना देंगे, हम श्रम को  श्रम हीन बना देंगे, हम प्रेम के विरुद्ध   घृणा करेंगे हम मित्रता को शत्रुता में बदल देंगे, हम शांति को अशांत में ध्वस्त कर देंगे, हम जीवन को मृत्यु के उन्मुक्त नहीं होने देंगे, तभी 3 देवियो ने वहां प्रवेश किया उन्हें देवताओं ने आश्चर्य से देखा देवता अनु ने उनसे प्रश्न किया तुम तीनों इस समय यहां क्यों आई हो कोई विशेष कारण हम तीनों देव लोग तोड़कर मित्र लोग जा रहे हैं हम स्त्रियां तुम्हारे पाप से पीड़ित हैं तुमने हमें मात्र भोग्या बना रखा है प्रेम की वह मर्यादा जो मनुष्य ने विकसित कर ली है उसका लेश मात्र अंश तुम में नहीं है तुम सब विचारी हो और तुम ही ने सिंधु सभ्यता के देवता भी तुम्हारी ही तरह है अप्सराओं को देखते ही उनका तप भंग हो जाता है विभिन्न बात करने लगते हैं तुम्हारे सखा जीएस इस समय भी पाषाण प्रदेश में मंदिर में देवदासी ईस्टर के साथ रति मग्न है देवता डेन्यूब नदी के किनारे देवी पति के साथ संभोग में लिप्त हैं सिंधु सभ्यता का ब्रह्मा अपनी पुत्री शतरूपा सरस्वती पर आसक्त होकर पिछले 100 वर्षों से उसके साथ संभोग में लिप्त है |

तभी इना ने घोषित किया प्रलय के समय एक मत्स्यकन्या के ने गिलगामेश को अमरता प्राप्त करने का रहस्य बताया था मत्स्य कन्या के कहे मुताबिक गिलगामेश ने मृत्यु के विरुद्ध जीने की शक्ति रखने वाले सभी जीवाणुओं अणुओं को अपनी नाभि में छुपा लिया थ इसीलिए वहां जल प्रलय में वह जीवित रह सका था उस मत्स्य कन्या ने भी उसे स्वरूप के जानकारी दी थी जिसके पास मित्र से मुक्त की औषधि सुरक्षित थी किसी को मालूम नहीं था कि जल प्रलय के बाद शुरू पक्का वाह औषधि को लेकर कहां छुप गया था तो सुनो सुमेर सभ्यता के देवताओं सम्राट गिलगामेश निश्चय ही शुरु  उस स्थान का पता लगाकर रहेगा उस औषधि को प्राप्त करके रहेगा जो मनुष्य को अमरता देगी इसीलिए हम तीनों तुम्हारा देव लोग छोड़कर मित्र लोग में जा रही हैं क्योंकि सम्राट गिलगामेश उस सागर तक पहुंच गया है जहां से वह जलमार्ग जाता है जहां अतल जल समाधि के नीचे के प्रदेश में शुरू चिपक का युद्ध मित्र से मुक्त की औषधि लिए छुपा बैठा है  | 

या सूचना सुनते ही देवताओं की मंडली में फिर भूकंप आ गया अब क्या होगा क्या दूसरी प्रलय होगी कोलाहल और जबरदस्त शोर के बीच परम देवता अनु ने ऐलान किया इससे पहले कि गिलगामेश सागर के अतुल गहराइयों में उतर सके उसे बंदी बनाया जाए  | 

अब तुम उसकी परछाई को भी बंदी नहीं बना सकते इना ने कहा रुको रुको परम देवता ने अपनी सृष्टि के विषय में जीव जंतुओं को पुकारा विषधर भुजंग ओ विषैले विश्व को गिलगामेश को अपने नाक पास में ले लो अपने विषय में धन से उसके शरीर को जिस पर वार्निश प्राण कर दो और तब तीनो देवियों ने देखा समुद्र में छलांग लगाने के लिए उधर गिलगामेश के शरीर पर सैकड़ों विषैले सर्व लिपट के लिपट गए थे उन्होंने उसे पकड़ जकड़ लिया था सैकड़ों बिच्छू उसके शरीर पर डंक मार रहे थे या दृश्य देखकर देवियां विचलित हो उठे लेकिन तभी गिलगामेश ने उन विषय लेविस घरों और मिश्री को की परवाह न करते हुए अपनी बलिष्ठ भुजाओं को पसारा और और उसने उस सागर में छलांग लगा दी | 

सागर ने अपनी उटांग तरंगों में उसका स्वागत किया और कहा धरतीपुत्र जब तक तेरा एक अंग भी सक्रिय रहेगा तब तक इन विश्व धर्म काविश प्रभावहीन होता जाएगा मेरा जल पृथ्वी के हर विश्व को सुमित करता है तू पाताल लोक की अपनी यात्रा पूरी कर और गिलगामेश था पानी के उत्तल हीन संसार के नीचे उतरता गया उतरता चला गया सदियां बीत गई और अब तक गिलगामेश की यात्रा जारी है औषधि की तलाश में वह अभी सागरतल की गहराइयों में उतरता जा रहा है | 

और अब तक गिलगामेश की यात्रा जारी है औषधि की तलाश में वह अभी सागरतल की गहराइयों में उतरता जा रहा है उतरता जा रहा सदियां बीत गई मित्र से मुक्त की औषधि लेकर मनुष्य सम्राट गिलगामेश अभी लौटा नहीं है लेकिन देव साहनी रूणा और वन्य पुरुष एक अंजू ने प्रेम नामक जिस संवेग का अन्वेषण सहज ही कर लिया था उसे मृत्यु का भय नहीं था मनुष्य जाति में वह जीवित जागृत और सदा सदा के लिए स्थिर हो गया उसे मृत्यु मार नहीं सकती अग्नि जला नहीं सकती वायु उड़ा नहीं सकती शस्त्र उसे काट नहीं सकता सागर उसे  डुबो नहीं सकता मृत्यु की तरह यह  उस दिन स्थापित हो गया था जिस दिन मिस्र की एक मंदिर की पथरीली दीवार पर किसी धातु के नुकीले कलम से या वाक्य उत्कीर्ण मिला था मुझे तुम्हारी प्रतीक्षा है या तुम्हारी या दुनिया की प्रथम प्रेम कहानी थी इस प्रथम प्रेम कहानी के बाद मिस्र के पिरामिड बने थे पिरामिडों के इतिहास से ज्यादा बड़ा और पुराना है मनुष्य का प्रेम का इतिहास देवयानी रूणा और वन्य पुरुष एकन्दू  के  एकांत क्षण जब वासना के बाद उन्होंने एक दूसरे की आंखों में अपने अस्तित्व की तलाश की थी और उसे प्राप्त किया था प्रेम की यही शास्वत कहानी तब से सांस ले रही है|

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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

21 जुलाई 2022
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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

21 जुलाई 2022
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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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भाग 21

6 अगस्त 2022
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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

13 अगस्त 2022
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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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भाग 25

13 अगस्त 2022
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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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भाग 26

13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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भाग 27

13 अगस्त 2022
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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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भाग 28

13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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भाग 29

13 अगस्त 2022
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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

13 अगस्त 2022
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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

15 अगस्त 2022
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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

15 अगस्त 2022
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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

20 अगस्त 2022
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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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भाग 37

20 अगस्त 2022
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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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भाग 39

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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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भाग 40

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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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