बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है बूटा सिंह उसके लिए 4 कोस दूर बाजार से कपड़े लेने गया हुआ है |
सम्राट गिलगमेश में अभी भी सागर की अतल गहराइयों में उतरा उतरता चला जा रहा है और पृथ्वी के कंधे पर बैठक गिद्ध अभी भी उसके मांस नोच नोच कर खा रहा है सम्राट गिलगमेश के लौटने तक मृत्यु के हाथों मरते हुए भी मनुष्य अपने जीवन की श्रृंखला बना ली है वह अपनी इच्छाएं वचन और सपने अपनी संतति को सौंप कर चला जाता है तब से यह परंपरा अनवरत चली आ रही है कि क्योंकि गिलगमेश को लौटना है |
अभी तो वह सदियों का समय लगता है योजनाओं की गहराइयों में बसे पाताल लोक के तल की ओर लगातार जल को चीरता गहराइयों को नाता बढ़ता चला जा रहा है कभी-कभी वह पुकारता है और बताता है मनुष्य धीरज मत खोना वृषभ और वृश्चिक अभी भी मुझसे लिपटे हैं इनके दसों ने मुझे नीलबड़ बना दिया है लेकिन सागर एक मित्र की तरह मेरा साथ दे रहा है एक हिंदू के बलिदान से मित्र की जो परंपरा शुरू हुई है उसे सागर निभा रहा है इसीलिए उन भ्रष्ट देवताओं ने श्राप देकर इसे खारा बना दिया है ताकि इसका जल मनुष्य जाति के काम ना आ सके लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है |
मैं शिरूपक के युवक तक पहुंचने के लिए सागर के तल में सदियों तक उतरता ही चला जाऊंगा पता नहीं अभी और कितने जल वर्ष लगेंगे तब तक तुम लोग मृत्यु का विरोध करते रहो धरती से अपना तारतम बनाए रहो मर मर कर अपनी शक्तियों में जीवित होते रहो मैं औषधि लेकर ही लौटूंगा मेरी प्रतीक्षा करो प्रतीक्षा करो प्रतीक्षा वही आवाज ब्रह्मांड में गूंजने लगी मैं औषधि लेकर ही लौटूंगा मेरी प्रतीक्षा करो देवताओं की दुनिया फिर व्याकुल हो गई बेबीलोनिया का दूसरा देवता दीवानी तू घबरा उठा मेसोपोटामिया का देवता क्रोनोस और सुमेर का अनु उद्वेलित हो उठा देवी अफरोडाइट का पुत्र हीरो अपने महल से बाहर आकर आवाज की दिशा का अंदाज लेने लगा देवता भी निकल आया |
दोनों जुड़वा देवता भाई कृष्णा और पोलूकाश भी बाहर आ गए अनश्वर देवी यूरोपा के साथ-साथ देवी हीरा भी भए दूर भयभीत होकर निकल पड़ी देवी स्त्रियां और बिलाड़ाभी चैन से नहीं बैठ सकी मिश्र का देवता हापी व्यंग हो उठा सारी सभ्यताओं के देवता और देवियां सम्राट गिलगमेश की आवाज को तलाशने लगे अपने-अपने फरिश्तों और देवताओं ने अपने दूतों को देवताओं ने आदेश दिया जाओ और उस आवाज को पकड़ो उन्होंने चारों दिशाएं छान डाली लेकिन उन्हें गिलगमेश की आवाज कहीं नहीं मिली वे निराश और नाकाम लौट आए। तब जीयस नेकहा–फिर तलाशो...ज़हाँ भी है
गिलगामेश की आवाज उस आवाज को समाप्त करना बेहद जरूरी है अगर इस विद्रोही आवाज को पकड़ पकड़ आना गया तो हमारी श्रेष्ठ नष्ट हो जाएगी इस आवाज को बंदी बनाना जरूरी है विवेक से काम लो विवेक से या करा हाथी आवाज प्रमोद क्यों की थी जिसने मनुष्य के लिए जीएस के महल से अग्नि चुराए ने का अपराध किया था वह अगली जिस पर देवताओं ने एकाधिकार कर रखा था वहीं पर मिस यू कराता हुआ बोल रहा था |
गिलगामेश जैसे मनुष्य की आवाज को बंदी मत बनाओ जी एस के साथ-साथ सारे देवता ने देखा अग्नि चुराने के अपराध में सदियों से बंधी अमित जंजीरों में जकड़ा खड़ा था उसके कंधे पर जी एस का गीत अभी बैठा उसके मांस को नोच नोच कर खा रहा था मांस के तमाम लोग खड़े कारागार में फर्श पर पड़े तड़प रहे थे भाई ग्रस्त और देवता देवताओं ने प्रमुख को हिकारत से देखा और वह एक स्वर में पूरे तू तो अधिकारी योग्य है चोर है अपराधी है अहंकारी और अय्याश देवताओं अपराध तो तुम्हारे तय होंगे प्रमोद तूने रिश्ते गांव से रक्त पूछते हुए कहा तुम आता ताई हो तुमने प्रकृति को आवाज और अजस्र पराशक्ति ईश्वर का जामा पहना कर खुद को उसका पुरोहित और वंशज बना रखा है |
वाह-वाह और आज अस्त्र पराशक्ति अपनी सक्रियता से निरंतर मनुष्य के लिए अपने रहस्य उद्घाटित कर रही है वह तुम्हारे अधीन नहीं है मौत मृत्यु इसे मृत्यु दो देवता कुठे प्रमुख ने कहा चाहे मुझे मौत दे दो लेकिन तुम कुछ भी करो तुम गिलगामेश की आवाज को बंदी नहीं बना सकते आवाज फरार हो चुकी है समिति ने घोषणा की देवदासी रूणा प्रेम मित्रता शांति और क्रांति के साथ-साथ विकास की आवाज को लेकर फरार हो चुकी हैं जरूरत नहीं ज़रुत नही थी, इस लिए देवदासी ना यह लेकर मृत्यु लोक की ओर प्रस्थान कर चुके है...वह देखो ! मृत्यु लोक उसका अवतरण !