हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इसके दरोगा ने हम फकीरों पर कातिलाना हमला किया या अहमदाबाद में हजारों बुजुर्ग और पवित्र सूफी संत शेख जाहिया चिश्ती के खानपान में हुआ क्योंकि इसके बराबर दरबार में बैठे कट मुल्लों ने इसे अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया था या खुद से सिवा सबसे काफिर मानने लगा था उस और हम भी कुछ फरियाद करना चाहते हैं हम लोग गरीब कुमार हैं हम सभी धर्म वालों के मेलो रामायण 34 त्योहारों पर मिट्टी के खिलौने बनाकर बेचते थे परिंदों जानवरों आदमी और दूसरों में एक शहंशाह ने पूरी सदन में मिट्टी के खिलौने बनना बंद करवा दिया वालिया गुरी मुसलमान है हम ज्यादा ज्यादातर शिया है आलमगीर ने हमारी मस्जिदों में सुन्नी इमाम और मोअजीन तैनात करवा दिए इसके अलावा हम इसमें हम शियाओं को मोहर्रम के त्यौहार पर पाबंदी लगा दी इसने बड़े-बड़े सूफी संतों को नहीं बख्शा या बंगाल के दरवेश सैयद निजामत अल्लाह मियां मीर के चेले कश्मीर के मुल्लाह साक्षी और इलाहाबाद के शेख उल्ला जैसे साधुओं को बेइज्जत करने से बाज नहीं आया इस ने सैकड़ों मुसलमानों के सिर कलम करवा दिए हुजूर इस के दौर में दहशत छाया रहा हर सुबह हमारे दिल धड़कने रहते थे ।
कि कहीं आज पागलपन से भरा कोई और हुक्मनामा ना आ जाए इस के दरबार में घटिया मुल्लाह और मौलवियों का जमावड़ा था इस पर उन्हें और धर्म शास्त्रों ने घेरा डाल दिया था जो इस्लाम के बड़प्पन को भूलकर हमारे धर्म को स्वार्थी सीमाओं में कैद कर रहे थे और यह कटुता उनकी हर बात को आंख मूंदकर मंजूर करता जाता था जुल्म के हर कदम पर अपनी मुहर लगाता जाता था इसका इल्जाम इस्लाम हम मुसलमानों को भी नहीं पता था पता नहीं हुजूर इस्लाम कौन सा और कैसे था अदालत ने पूछा औरंगजेब क्या कहना है तुम्हें क्या कहना है मुझे मैं कोई सफाई नहीं देना चाहता मुझे जब ठीक लगा वही मैंने किया आखिर मैं शहंशाह था औरंगजेब ने हिकारत से कहा मुझे अच्छी तरह मालूम है कि अब्बा हुजूर को 7 साल कैद में रखते अपने भाइयों को मारकर तक हासिल करने ढक्कन की सलामी रियासतों को बर्बाद करने हिंदुओं को सताने उनके मंदिरों को तोड़ने और मराठों से लड़कर मुगलिया सल्तनत के पतन के रास्ते पर डालने के तमाम उस पर हैं मैं खुद कुछ नहीं कहना चाहता मेरे साथ मेरे दौर के जिम्मेदार इतिहासकार मौजूद हैं आप जो भी जानना चाहते इन से पूछ लीजिए तस्दीक कर लीजिए ।
मतलब औरंगजेब थोड़ा सा मुस्कुराया मुस्कुराहट में कड़वाहट थी आज यह कुछ चांद मामूली लोग आप से बगावत कर रहे हैं मेरे जमाने में इनकी जरूरत नहीं थी तब वक्त तब वक्त और हिंदुस्तान का मुस्तकिल मेरा गुलाम था मैं किसी का गुलाम नहीं था कहकर औरंगजेब एकाएक बहुत ऊंची आवाज में हंसने लगा कुछ इस तरह जैसे कोई उलझा हुआ आदमी अपनी अपनी ही बात कहने के बाद उसका मजा लेने लगता है शाहजहां औरंगजेब या भी भूल गया वह वक्त की अदालत के सामने मौजूद है वह अपना दरबार लगाकर बैठा बैठ गया और पागलों की तरह चीखने लगा सोमनाथ मंदिर क्या कहा मंदिर मौजूद है उसे तो मोहम्मद गजनबी ने मिस मार किया था फिर कैसे खड़ा हो गया उसे जमीन जोश कर दो और उड़ीसा क्या उड़ीसा में फिर मंदिर बनाए गए तो असद खान को हुक्म भेजो कि पिछले 10 12 सालों में जितने भी नए मंदिर वहां बने में गिरा दिया जाए और पुराने मंदिरों को मरम्मत के लिए जा जल्दी जाए हुक्म तालमेल हुआ इसकी खबर ताजी की मोहर लगी तहरीर के साथ फौरन दरबार में दाखिल किया जाए मथुरा में केशवराय मंदिर को भी गिरा दिया जाए उस मंदिर पर पत्थर की जो पैड़ी दारा शिकोह ने बनवाई है उसे तोड़ दिया जाए मथुरा के फौजदार को हुक्म दिया जाए बुक में शामिल होते ही उसके खबर फौरन शाही दरबार को दी जाए औरंगजेब फलसफा हफ्ता हुआ इधर से उधर टहल रहा था ।
उसके दरबारी जुबान बंद किए बैठे थे कुछ पलों की खामोशी के बाद कुछ कानाफूसी सी हुई आलमपुरा आलमगीर को याद हुआ क्या ऐसे तो शहंशाह शाहजहां जहांगीर के जमाने में भी नहीं हुआ खुद शाहजहां ने बहुत से मंदिरों को तोड़ पाया लेकिन कभी ऐसे जिद भरे और फरमान जारी नहीं किए सुना है कल दरबारे ख़ास में शहंशाह से सिर हिंद के कई मौलवी मिले थे उनसे घंटों बातचीत होती रही वहां शाही काजी अब्दुल अजीज भी मौजूद थे उन सब ने आलमगीर को बहुत से मसूड़ों पर मुस्कुरा दिया खासतौर पर सिया और मजहब के मामलों में तुम कैसे पता चला एक हवास ने बताया जो वही तैनात था कुछ खास बातें हुई या कि हिंदुओं को दबाकर रखा जाए अकबर और जहांगीर के जमाने जो मेलजोल हिंदू मुसलमान बराबरी की जोड़ी वाह रे चली आ रही उन्हें खत्म किया जाए हिंदू कोरिया या माना जाए राज्य के निजाम ए मुस्तफा के तहत चलाया जाए जयपुर के महाराजा मिर्जा राजा जयसिंह के बाद उनके खानदान में किसी आदमी को सल्तनत में इज्जत और मर्द बाद ना दिया जाए जो उन्हें हासिल रहा है ।