- हुआ या था नहीं स ! पहले या सुनिए कि हुआ क्या है......
उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था। उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कुदुरे कागजों उसके टुकड़े थे। क्या हुआ है उसने पूछा महमूद ने खबरें उसके सामने रख दी खबरों पर नजर डाल डालते उसने शीशे की दीवार से बाहर देखा हाल में लंबे टैक्स के इर्द-गिर्द शाम की लिस्ट शिफ्ट के सारे पत्रकार तेजतर्रार बातों में उलझे हुए थे। और दोनों समाचार संपादक तेजी से उसके केबिन की ओर चले आ रहे थे। पहला सिटी एडिशन मशीन पर जाने वाला था बेसमेंट में मशीनों के चलने की हल्की थरथराहट वह महसूस कर रहा था तब तक दोनों न्यूज़ एडिटर उसके केबिन में आ गए।
सर इस वक्त तो आपके फ्रंटपेज एडिटोरियल की जरूरत है अभी आप डिटेक्ट कर दें सर तो पहले एडिशन में चला जाएगा जरूरी भी है।ठीक है कंप्यूटर रूम में बोल दो तैयार रहें एक प्याला काफी ले आओ उसने कहा तो महमूद हुक्म बजाने चला गया उसने बंजर देकर उसे वापस बुलाया फिर उसने जल्दी-जल्दी डिसपेर्ज पड़े वही फिर हुआ था सन 1948, 1965, और 1972, कारगिल के इलाके में घुसपैठियों ने के नाम पर फिर पाकिस्तानी फौजियों ने अघोषित आक्रमण कर दिया है.......लाख मकारगल, द्रास मस्को, तुतक, ज़ोजीला, काकसर, चिंदियाल, घोघ, होतापाल के नियंण रेखा को तोड़ कर पाकतानी फ़ौजय ने कई-कई मील अंदर तक अपने मुजाहिदीन और बंकर बना लिए है। वैसे पाकतान के फौजी अफसर का कहना है कि वे घुसपैठिए इलामी मुजाहदन है , लेकन असलियत यही है कि मुजाहिद दिनों के बीच में वे पाकिस्तानी फौजी हैं।
इतना ही नहीं सर समाचार संपादक ने कहा पाकिस्तानियों ने सन 1972 के संधिपत्र का उल्लंघन किया है इसी साल मित्रता, भाईचारे और व्यापार के लिए की गई लाहौर घोषणा की पीठ में छुरा भोंक दिया है । फौजों का मूवमेंट तो प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा से बहुत पहले शुरु हो चुका है । लेकिन दुश्मन ऊंची पहाड़ियों पर काबिज हो चुका है इसीलिए अपनी जान माल का बहुत नुकसान हुआ है ।
- तो नजम सेठी से फोन मिलाओ नजम सेठी हां हां नजम सेठी एडिटर फ्राइडे टाइम्स लाहौर पाकिस्तान मुंह क्या देख रहा हैं क्या तुम्हें इतना भी पता नहीं कि लाहौर पाकिस्तान में है जी वह तो है लेकिन सर न जब से थी इसमें क्या करेंगे वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पूछेंगे कि यह क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है सर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री ने कहा है कि हमारी फौज का घुसपैठियों से कोई लेना देना नहीं है या समस्या भारत की है अगर यह मान भी लिया जाए तो भी वह आए तो पाकिस्तान की धरती से ही है
यही तो सर अगर पाकिस्तान लाहौर घोषणा पत्र में दी गई दोस्ती की शर्त से सहमत है तब तो उसका फर्ज बनता है कि वह घुसपैठियों को अपने इलाके में से गुजर कर भारत की सीमाओं में पहुंचने से रोके सर अगर यह हमला युद्ध में बदल गया तब तो बड़ा नुकसान होगा दोनों मुल्कों में नुकसान सिर्फ आवाम की होगी इसीलिए तो मैं फौरन नजम सेठी साहब से बात करना चाहता हूं क्योंकि पाकिस्तान में उन जैसे दानिशमंद और अवामपरस्त पत्रकारों की आवाज में ही इस खून खराबे को रोकने का माहौल बना सकती ।
तब तक दूसरा न्यूज़ एडिटर कारगिल में मारे गए सैनिकों की लिस्ट ले आया सर या है हमारे अब तक के शहीद सिपाहियों और वायु सैनिकों की लिस्ट जिन्होंने आज की तारीख तक अपनी कुर्बानी दी है नागालैंड के सिपाही से लेकर कोटा, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक, कन्याकुमारी, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के जांबाज सैनिकों और हवा बाज शहीदों के नाम इसमें दर्ज हैं अर्दली उसने आवाज लगाई सर यस सर महमूद ने हाजिरी दी डिक- टेंशन लो लिखो -
प्रिय प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्र रक्षा मंत्री जी !
प्रिय प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री जी ! आप दोनों के नाम हम या खुला खत बहुत भारी दिल और अफसोस के साथ लिख रहे हैं। हमने पिछले सप्ताह अपने पाठकों को कारगिल की भयानक युद्ध स्थिति की वजह खबरें और जानकारी दी थी ।
जिससे आप दोनों बेखबर बने हुए थे ।
हमने कहा था कि यह रवैया आत्मघाती है और देश के नागरिकों को सूचना दी थी कि कांग्रेस देशी-विदेशी सोनिया गांधी को लेकर के मसले में फंसी हुई है भाजपा और उसके मित्र पार्टियां अपने निजी कार्यक्रमों में व्यस्त हैं काम चलाओ प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जगजीत गुलजार के कैसेट मरासिम का लोकार्पण कर रहे हैं अखबार वर्ल्ड कप की खबरों से भरे हैं जो सूचनाएं देश को तत्काल मिलनी चाहिए उसके सूत्रों को संभालने वाले सूचना प्रसारण मंत्री प्रमोद महाजन विशाल भारतीयों को समाप्त करने की मुहिम में मजबूर है।
विदेश मंत्री जसवंत सिंह कारगिल सीमा पर चल रही विदेशी गोलाबारी से बेखबर मध्यम एशिया के देशों से मैत्री संबंध बनाने में व्यस्त हैं और हमारे रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज युगोस्लाविया पर हो रहे नैटो अमेरिकी हमलों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कर रहे हैं कोई भी पार्टी नेता या राजनेता देश की उत्तरी सीमा पर चल रहे इस विस्फोटक युद्ध पर ना तो चिंता व्यक्त कर रहा है और ना को बयान दे रहा जबकि उत्तरी सीमांत पर कारगिल द्रास के इलाके और पाकिस्तानी तोपे पिछले पखवाड़े से अपने बारूदी बयान लगातार दर्ज कर रही हैं। घुसपैठियों को नियंत्रण रेखा के उस पार खदेड़ने का काम तब ही किया जा सकता है जब देश की सत्ता सरकार अपना राजनीतिक फैसला घोषित करें या लापरवाही हमें भारी पड़ सकती ।
तो प्रधानमंत्री जी या चेतावनी छपने के बाद आपके सलाहकार श्री बृजेश मिश्रा जी का चेहरा स्टार न्यूज़ में पहली बार दिखाई दिया और बातों के अलावा उनके बयान में या भी चिन्हित था कि कारगिल द्रास बटालिक क्षेत्र में आतंकी घुसपैठियों की मौजूदगी को लेकर सरकार का खुफिया सूचना तंत्र निष्क्रिय था।
इतना ही नहीं मिश्र जी ने सेना के सूचना तंत्र को भी दोषी ठहरा दिया और उसके बाद फिर देश को विश्वास में लेने के लिए आखिर ऑपरेशंस के निर्देशक एयर कमांड और सुभाष भोजवानी और आर्मी ऑपरेशन के उपमहानिदेशक ब्रिगेडियर मोहन भंडारी को दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विश्व में सामने लाया गया और उनसे या खबर दिलवाई गई कि आज सुबह पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों को भारतीय इलाकों से खदेड़ने के लिए कारगिल क्षेत्र में हवाई हमला किया गया साथ ही भारत ने चेतावनी दी है कि इस कार्रवाई में यदि पाकिस्तान ने हस्तक्षेप किया तो भारतीय सेना उचित उत्तर देगी।
दोनों सैनिक अधिकारियों ने यह भी बताया कि हवाई अभियान के परिणाम स्वरुप घुसपैठियों को चारों तरफ से घेर लिया गया है। इन्हें उन्हें हासिल होने वाली पाकिस्तानी पाकिस्तान से किसी भी तरह की यानि राशन, गोला बारूद, घायलों के लिए दवाओं, आदि आपूर्ति रोक दी गई है। भागने के उनके रास्ते बंद कर दिए गए हैं। या सब जानकारी सेना के गुप्तचर सूत्रों के हवाले से दी गई या अभी बताया गया कि 160 पाकिस्तानी घुसपैठिए मारे मार गिराए गए हैं।
तो प्रधानमंत्री जी या तो आप के नैतिक पतन की पराकाष्ठा है कि जब आपकी सरकार गिराई गई थी। तो दूसरे ही दिन आप देश की जनता को संदेश देने के लिए दूरदर्शन पर मौजूद थे। लेकिन जब उत्तरी सीमांत पर स्पाइडर लीडर अजय कुमार आहुजा मारा गया फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता अपनी जान को खतरे में डालकर छठ के जहाज से खुदा जब कारगिल क्षेत्र की वायुसेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटना और चालक दल के 4 सदस्य मारे गए साथ ही सरकारी आंकड़ों को विश नेता संदीप होने के बावजूद या बताया गया कि हमारी सेना के 29 जवान मारे गए इस 28 गाल तथा 12 लापता हैं तब तक इस देश को विश्वास में लेने के लिए उसको उसके संकट और दुख में शामिल होने के लिए आपको दूसरा दूरदर्शन पर आने की जरूरत महसूस नहीं हुई या संवेदनहीनता की इंतिहा है।
और आपके या रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस तो उल जलूल बयान देने के विशेषज्ञ बन चुके हैं । पोखरण परमाणु विस्फोटों को उचित ठहराते हुए उन्होंने चीन को दुश्मन नंबर एक घोषित करने में देरी नहीं की थी और अपनी गुप्तचर सूचनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने यहां तक कह डाला था कि चीन ने भारत के विरुद्ध तिब्बत में परमाणु मिसाइलें तैनात कर रखी हैं । लेकिन इस बार उनकी गुप्तचर एजेंसी उन्हें कारगिल क्षेत्र में घुसकर जम जाने वाले पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों की जानकारी नहीं दे सकी जो तब से वहां पहुंच चुके थे।
जब से उतरी सीमांत के पहाड़ों की बर्फ पिघली है और ऊपर से तुर्रा या की रक्षा मंत्री ने अपने विरोधी और दायित्व विहीन बयान में यहां तक कह डाला कि इस घुसपैठ में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान सेना के गुप्तचर संगठन आईएसआई का हाथ नहीं है या घुसपैठ पाकिस्तानी सेना की करतूत है। भारत के रक्षा मंत्री को मालूम होना चाहिए कि यह एक हास्यास्पद बयान है बल्कि लगता तो यह है कि माननीय प्रधानमंत्री की औसत चेतना और समझ कुंद हो चुकी है अगर सचमुच ऐसा है कि पाकिस्तान में कार्यपालिका उसकी अन्य एजेंसियां और सेना के बीच आपसी तालमेल नहीं है यदि वे अपने फैसले लेने के लिए एक दूसरे से स्वतंत्र है तब तो यह और भी खतरनाक स्थिति है।
आज जबकि दोनों देश परमाणु शक्ति से संपन्न है। तो क्या हमारे बीमार दिमाग रक्षा मंत्री हमें यह संकेत दे रहे हैं। कि आज यदि भारत-पाक युद्ध हो जाता है। जिसके खिलाफ दोनों देशों की जनता है। तो उसका फैसला पाकिस्तान की सरकार के हाथों में नहीं बल्कि पाकिस्तानी फौज के हाथों में होगी इसी तर्क में यह संकेत मिलता है। कि प्रमाण विकल्प के मामले में भी बाप फैसला पाकिस्तानी फौज के तानाशाही के हाथों में होगा जनता द्वारा दो तिहाई जन्म से चुनी गई नवाज शरीफ की पाकिस्तानी सरकार के हाथों में नहीं इतने उल जलूल दर्द रहित दायित्व विहीन बयान और विश्लेषण यदि देश का रक्षा मंत्री दे सकता है तो दोनों देशों की अमन पसंद जनता को उसका भगवान या अल्लाह ही बचा सकता है।
रक्षा मंत्री के इस बयान से पाकिस्तान के अमन पसंद लोकतंत्र वादी तत्वों की विचार की उद्देश्य होती है और भारत के लोकतंत्र वादी तत्वों को या बयान दिग्भ्रमित करता है। दोनों तरह से दोनों देशों के लोकतांत्रिक लोकतंत्र वादियों का अहित करता है। शैतानी चतुराई से भरा या बयान संभव सत्या भास पैदा करके पाकिस्तानी सेना को नक्कू बनाता है और बिना कहे या कहता है। कि इसका सामना और मुकाबला सैन्य शक्ति द्वारा ही किया जा सकता है।
क्योंकि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार का कोई अंकुश अपनी सेना पर नहीं है सत्य का आभास देते ऐसे मासूम बयानबाजी के रास्तों को अघोषित तरीके से व्यर्थ घोषित करके करते हुए कट्टरपंथी मुठभेड़ वादियों के हाथ का हथियार बन जाते हैं जाहिर है कि ऐसा बयान कोई पागल सा मंत्री दे सकता है और यदि वह पागल नहीं है तो निश्चय ही महाधूर्त है।
अब आप इतना तो कीजिए की सेना का साथ दीजिए और सेना कि जो पराक्रमी जवान और वायु सेना के जांबाज पूरा पायलट अपनी जान दांव पर लगाकर देश की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं। उन्हें आपकी लापरवाही की कीमत अपनी कुर्बानियों से ना चुकानी पड़े आप लोगों के पैर में आई मौज तक का इलाज देश के खर्चे पर विदेशों में होता है जो 128 सैनिक घायल हुए हैं उन्हें विदेश भेजना तो संभव नहीं होगा प्रदेश में ही अच्छे अच्छे अस्पतालों में उनके उपचार की व्यवस्था कीजिए।
भटिंडा में शहीद स्क्वायड लीडर अजय अहूजा कि अंतत टेस्ट अंत्येष्टि हो गई वहां तो आप और आप के रक्षा मंत्री संवेदना प्रकट करने पहुंचे नहीं पाए क्योंकि आप दोनों ही बहुत व्यस्त हैं और फिर रक्षा मंत्री तो इस अंदाज में कारगिल का दौरा करने चले गए जैसे कि वे सैन्य संचालन के विशेषज्ञ हैं। उन्हें वापस वापस बुलाएं और आप दोनों कोटा राजस्थान जाकर शहीद अजय अहूजा के शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दीजिए वैसे किसी संदिग्ध या अपराधी चरित के राजनीति के नेता राजनेता यहां के यहां कोई मौत हो जाती है तो वहां संवेदना प्रकट करने के लिए आपकी बिरादरी के लोग पहुंच ही जाते हैं यहां तो एक जांबाज सिपाही देश के लिए शहीद हुआ है।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता की बहनें माता-पिता और घरवाले बिजली तमाम रातों से सोए नहीं है नचिकेता को पाकिस्तान से वापस लाकर उसे उसके घरवालों के हवाले कीजिए अपनी राजनीति लापरवाही की इस बड़ी गलती के लिए उसके परिवार से माफी मांगे 12 लापता जवानों का पता लगाइए और आज सुबह तक जो 29 जवान शहीद हुए हैं उनके लिए इस देश से क्षमा याचना कीजिए उम्मीद है कि आप अभी पूरी तरह संवेदना सुन नहीं हुए हैं सत्ता प्रेम के चलते लापरवाही बरतने का जो जगन अपराध आप से हुआ है उसके लिए आप इतना तो कर ही सकते हैं।