और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर आए तो आराम से खेल सके और इसी महामंदिर को बेबी बेबी लोन पुकारा गया उसी माधुरी ने अपनी पूर्व की आमद के शरीर को फाड़कर अन्य भौतिक तत्वों की उत्पत्ति खंडित शरीर की पीड़ा से जब हिमायत की आंखें आंसुओं के सैलाब से भर गई तो वहीं से जिला और फरात नदियां निकली और श्रेष्ठ कथा का शुभारंभ हुआ नया मत की हड्डियों और रक्त से ही तब बर बर मनुष्य का जन्म हुआ वह यही सही अर्थों में का केस चमकी आर्य सभ्यता थी उसी मूल आर्य सभ्यता का वारिस हूं। एक दहाड़ की आवाज में शांत रेगिस्तान को खामोश खामोशी की को तोड़ दिया या बदतमीज कौन है अजीब ने पूछा तो अर्दली ने अदब से बताया झुरिया शक्स हिटलर है जर्मनी का नाजी हिटलर वह दरिंदा जिसने पूरी दुनिया को तबाह करने की ठान ली थी इसे सामने देख कर मेरा माथा फटता है खून खोलता है इसे हिरासत में रखो मैं तारीख तय करूंगा तब इसे मेरी सहादत में पेश किया जाए मैं बहुत थक गया हूं अब कुछ आराम करना चाहता हूं तो हुजूर आराम फरमाइए अली ने कहा तभी वही पतंग पतंग में चली हुई गोलियों की 39 लाशों ने फिर दस्तक दी अर्दली ने उन्हें रोका और बोला साहब आराम कर रहे हैं फिर इंसानी तहजीब का कानून भी कुछ होता है आप हर वक्त तक नहीं दे सकते तब तक चेक करके आ रहा हूं ।
दर्शकों ने अजीब के कानों पर दे फटने लगे वह चिल्लाया अर्दली आने दो बर्बरता तकलीफ यात्रा मानवी घटनाओं के शिकार लोगों को आने दो या इंसान की अदालत है कानून की नपुंसक और अपाहिज अदालत नहीं हमारी अदालत हर मानवी अत्याचार के खिलाफ खुली है इसीलिए जिओ भी दस्तक दे उसे आने दो इतना सुनते ही 39 लाशें चीखने लगी हमें जुलू आतंकवादियों ने मारा है कहां से आए हो तुम लोग साउथ अफ्रीका से वहां के प्राइम मिनिस्टर निकला जिससे हमें पतंग की बस्ती मारा गया हमें बताइए कि हमारा कसूर क्या है कसूर सिर्फ इतना कि तुम एक शोषित जाति के गरीब इंसान हो लेकिन जुलू भी तो हमारी ही तरह शोषित है गरीब है हम एक ही नस्ल के हैं पर यह गोरे हमें हमारी नस्ल वालों से ही मरवा रहे हैं ।
गरीबी और भूख की कोई नस नहीं होती पर हम उनको रोक से बदला लेंगे बदला बंद करो यह बदले की बात आखरी कितनी सदियां कितनी सदियां से बदला ले लेगी पागल हो गए हो तुम लोग सर आप थके हुए हैं आराम करें तब तक हमें अपने गांव को दो डालने डालते हैं कहते हुए वहीं पतंग के सारे शो एक और चले गए अजीब ने राहत और राहत की सांस ली जिसका कर एक तकिया रानी लगाया कि तकिए के नीचे दबे पांव का कागज कबूतरों के पंखे की तरह निकल निकल कर उड़ने लगे अजीब चौका अरे जिंदगी तुम तकिए के नीचे दबी हो जिंदगी में कोई उत्तर नहीं दिया खामोश सन्नाटा जिंदगी तुम कहां हो अभी सीखा फिर भी कोई उत्तर नहीं आया मुझे आपकी किसी उलझन में गिरफ्त दिखाई देते हैं मैं कुछ मदद करूं आपकी बड़े अदब से अर्दली ने कहा हां दोस्त कहां से जाकर जिंदगी को बुला लाओ मैं कुछ देर जीना चाहता हूं इसी तरह तुम मेरी अधूरी लिखी जिंदगी को वापस ले आओ कहीं से भी ले आओ प्लीज लेकर आओ अजीत ने कहा मैं अभी लेकर आता हूं दूर कहकर तेजी से बाहर चला गया।
अर्दली जब लौटकर आया तो अदालत अपने कानों में जूतों से और आंखें बंद किए बैठी थी कुछ देर और दिलीप परेशानी में चलता रहा उसने जेब से सिगरेट निकाल कर पी पर अदालत को ठोकने की हिम्मत नहीं हुई आखिर बड़ी खामोशी से उसने याद नाम की एक परछाई को आदत अदालत के सामने वाली कुर्सी पर बैठा दिया कुछ देर बाद अजीब ने गहरी सांस लेकर आंखें खोली तो सामने बैठी यादों की परछाई को ना पहचानते हुए पूछा अब जी मैं आपने शायद मुझे तलब किया आपका अरी मुझे लगा लाया है कहां पाकिस्तान से जी नहीं आपने फिर मुझे गलत समझा यही गलती आपने लाहौर एयरपोर्ट में भी की थी तब भी आप ने मुझे पाकिस्तानी समझा था और मैंने आपको बताया था कि मैं पाकिस्तानी नहीं हिंदुस्तानी हूं इंसान और इंसान की कुदरती पहचान के बीच या हिंदुस्तान और पाकिस्तान सीरिया और लेबनान कहां से आ जाते हैं ।
मुझे क्या मालूम या तो सुकरात से लेकर आज तक चला रहा है परछाई ने कहा खैर सुकरात से मैं बात करूंगा लेकिन आप यहां क्यों हाजिर हुई हैं मुर्दों के बीच रहते रहते क्या आप जिंदगी को पहचानना ही भूल गए हैं परछाई ने कहा आपने मुझे अपने अर्दली से तलब किया है याद कीजिए तब आप लाहौर से कराची जा रहे थे आप कोचिंग जाना था और वहां सीधी उड़ान कराची से मिलती थी मुझे भी कराची जाना था और उस उड़ान का इंतजार करते करते हैं हम आप बातें करने लगे थे वह सलमा आदित्य का एक शिक्षा पड़ा अर्दली भी सकते में आ गया अजीब उसे देखता रहा फिर बोला हां मुझे अब सब याद आ गया मैंने ही तुमसे सब पूछा था कराची में आपके रिश्तेदार होंगे जी नहीं रिश्तेदार तो ज्यादातर पटना में है और शायद आपको पता हो उसकी पटना मेरे मुल्क हिंदुस्तान का एक शहर है कराची में मेरे ज्यादा रिश्तेदार नहीं हैं और और फिर मुझे आगे जाना है कोटा मैं 2 दिनों में के लिए कराची के किसी होटल में ठहर ऊंगी किस होटल में शायद हॉलिडे इन में तब तो शायद कल नाश्ते पर मुलाकात हो सके मैं भी उसी होटल में ठहरा हूं शायद एयरलाइन वालों वाले वही ठहरा रहे हैं ।
इंशा अल्लाह तब लाहौर एयरपोर्ट पर कराची वाली फ्लाइट का अनाउंसमेंट होने वाला था मैं एक मजा दिखाऊं सलमा बोली थी क्या यही कि मैं साड़ी पहने हूं और देखिए कि लाहौर एयरपोर्ट के यह लोग हिंदुस्तानी औरतों से किस तरह पेश आते हैं यह लोग अमूमन औरतों को बहुत परेशान करते हैं हिंदुस्तानी औरतों को तो खासतौर से कहते हुए सलमा काउंटर की ओर बढ़ी गई पाकिस्तान एयरलाइंस वाले ने पहले तो उसे घूर कर देखा और टिकट देखने से पहले सा सवाल किया कितनी साड़ियां ब्लाउज और प्रेशियस अप्लाई हैं कस्टम वालों की जिम्मेदारी आप क्यों पूरी कर रहे हैं उन्हें जो जरूरत होगी पूछ लेंगे सलमा ने कहा था कितने पेटीकोट और पेंट पेटीज आपके सामान में है और कितने दिन रुकेंगे आप पाकिस्तान में यह सवाल भी कस्टमर ले पूछेंगे या मेरा पासपोर्ट जांच कर मालूमात हासिल कर लेंगे आप लिखिए टिकट देखिए और मुझे सीट दीजिए सलमा जिला सकरी से बोली थी इस बीच वा कनखियों से अधिक को देखती भी रही थी काउंटर वालों ने उसे उसकी इस हरकत को देख लिया देख लिया था पूछने लगा वह साहब आपके साथ हैं जी उसमें सलमा का टिकट ड्रायर में डाल दिया और उठकर पीछे की तरफ चला गया सलमा को भी ताज्जुब हुआ आखिर या आदमी चाहता क्या है और सोचने लगी खाना खाए उसने मजाक मजाक में अपने लिए शायद मुश्किल पैदा कर ली है तभी वह काउंटर वाला एक पुलिस इंस्पेक्टर को लेकर लौटा तो शायद सलमा से सवाल जवाब करने के लिए खास तौर से लाया गया था सलमा सहम सी गई तभी उस पुलिस इंस्पेक्टर ने उसे करीब-करीब पहचानते हुए कहा माफ कीजिएगा आप....... आप......