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भाग 17

6 अगस्त 2022

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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर आए तो आराम से खेल सके और इसी महामंदिर को बेबी बेबी लोन पुकारा गया उसी माधुरी ने अपनी पूर्व की आमद के शरीर को फाड़कर अन्य भौतिक तत्वों की उत्पत्ति खंडित शरीर की पीड़ा से जब हिमायत की आंखें आंसुओं के सैलाब से भर गई तो वहीं से जिला और फरात नदियां निकली और श्रेष्ठ कथा का शुभारंभ हुआ नया मत की हड्डियों और रक्त से ही तब बर बर मनुष्य का जन्म हुआ वह यही सही अर्थों में का केस चमकी आर्य सभ्यता थी उसी मूल आर्य सभ्यता का वारिस हूं। एक दहाड़ की आवाज में शांत रेगिस्तान को खामोश खामोशी की को तोड़ दिया या बदतमीज कौन है अजीब ने पूछा तो अर्दली ने अदब से बताया झुरिया शक्स हिटलर है जर्मनी का नाजी हिटलर वह दरिंदा जिसने पूरी दुनिया को तबाह करने की ठान ली थी इसे सामने देख कर मेरा माथा फटता है खून खोलता है इसे हिरासत में रखो मैं तारीख तय करूंगा तब इसे मेरी सहादत में पेश किया जाए मैं बहुत थक गया हूं अब कुछ आराम करना चाहता हूं तो हुजूर आराम फरमाइए अली ने कहा तभी वही पतंग पतंग में चली हुई गोलियों की 39 लाशों ने फिर दस्तक दी अर्दली ने उन्हें रोका और बोला साहब आराम कर रहे हैं फिर इंसानी तहजीब का कानून भी कुछ होता है आप हर वक्त तक नहीं दे सकते तब तक चेक करके आ रहा हूं । 

 दर्शकों ने अजीब के कानों पर दे फटने लगे वह चिल्लाया अर्दली आने दो बर्बरता तकलीफ यात्रा मानवी घटनाओं के शिकार लोगों को आने दो या इंसान की अदालत है कानून की नपुंसक और अपाहिज अदालत नहीं हमारी अदालत हर मानवी अत्याचार के खिलाफ खुली है इसीलिए जिओ भी दस्तक दे उसे आने दो इतना सुनते ही 39 लाशें चीखने लगी हमें जुलू आतंकवादियों ने मारा है कहां से आए हो तुम लोग साउथ अफ्रीका से वहां के प्राइम मिनिस्टर निकला जिससे हमें पतंग की बस्ती मारा गया हमें बताइए कि हमारा कसूर क्या है कसूर सिर्फ इतना कि तुम एक शोषित जाति के गरीब इंसान हो लेकिन जुलू भी तो हमारी ही तरह शोषित है गरीब है हम एक ही नस्ल के हैं पर यह गोरे हमें हमारी नस्ल वालों से ही मरवा रहे हैं ।

 गरीबी और भूख की कोई नस नहीं होती पर हम उनको रोक से बदला लेंगे बदला बंद करो यह बदले की बात आखरी कितनी सदियां कितनी सदियां से बदला ले लेगी पागल हो गए हो तुम लोग सर आप थके हुए हैं आराम करें तब तक हमें अपने गांव को दो डालने डालते हैं कहते हुए वहीं पतंग के सारे शो एक और चले गए अजीब ने राहत और राहत की सांस ली जिसका कर एक तकिया रानी लगाया कि तकिए के नीचे दबे पांव का कागज कबूतरों के पंखे की तरह निकल निकल कर उड़ने लगे अजीब चौका अरे जिंदगी तुम तकिए के नीचे दबी हो जिंदगी में कोई उत्तर नहीं दिया खामोश सन्नाटा जिंदगी तुम कहां हो अभी सीखा फिर भी कोई उत्तर नहीं आया मुझे आपकी किसी उलझन में गिरफ्त दिखाई देते हैं मैं कुछ मदद करूं आपकी बड़े अदब से अर्दली ने कहा हां दोस्त कहां से जाकर जिंदगी को बुला लाओ मैं कुछ देर जीना चाहता हूं इसी तरह तुम मेरी अधूरी लिखी जिंदगी को वापस ले आओ कहीं से भी ले आओ प्लीज लेकर आओ अजीत ने कहा मैं अभी लेकर आता हूं दूर कहकर तेजी से बाहर चला गया। 

अर्दली जब लौटकर आया तो अदालत अपने कानों में जूतों से और आंखें बंद किए बैठी थी कुछ देर और दिलीप परेशानी में चलता रहा उसने जेब से सिगरेट निकाल कर पी पर अदालत को ठोकने की हिम्मत नहीं हुई आखिर बड़ी खामोशी से उसने याद नाम की एक परछाई को आदत अदालत के सामने वाली कुर्सी पर बैठा दिया कुछ देर बाद अजीब ने गहरी सांस लेकर आंखें खोली तो सामने बैठी यादों की परछाई को ना पहचानते हुए पूछा अब जी मैं आपने शायद मुझे तलब किया आपका अरी मुझे लगा लाया है कहां पाकिस्तान से जी नहीं आपने फिर मुझे गलत समझा यही गलती आपने लाहौर एयरपोर्ट में भी की थी तब भी आप ने मुझे पाकिस्तानी समझा था और मैंने आपको बताया था कि मैं पाकिस्तानी नहीं हिंदुस्तानी हूं इंसान और इंसान की कुदरती पहचान के बीच या हिंदुस्तान और पाकिस्तान सीरिया और लेबनान कहां से आ जाते हैं ।   

मुझे क्या मालूम या तो सुकरात से लेकर आज तक चला रहा है परछाई ने कहा खैर सुकरात से मैं बात करूंगा लेकिन आप यहां क्यों हाजिर हुई हैं मुर्दों के बीच रहते रहते क्या आप जिंदगी को पहचानना ही भूल गए हैं परछाई ने कहा आपने मुझे अपने अर्दली से तलब किया है याद कीजिए तब आप लाहौर से कराची जा रहे थे आप कोचिंग जाना था और वहां सीधी उड़ान कराची से मिलती थी मुझे भी कराची जाना था और उस उड़ान का इंतजार करते करते हैं हम आप बातें करने लगे थे वह सलमा आदित्य का एक शिक्षा पड़ा अर्दली भी सकते में आ गया अजीब उसे देखता रहा फिर बोला हां मुझे अब सब याद आ गया मैंने ही तुमसे सब पूछा था कराची में आपके रिश्तेदार होंगे जी नहीं रिश्तेदार तो ज्यादातर पटना में है और शायद आपको पता हो उसकी पटना मेरे मुल्क हिंदुस्तान का एक शहर है कराची में मेरे ज्यादा रिश्तेदार नहीं हैं और और फिर मुझे आगे जाना है कोटा मैं 2 दिनों में के लिए कराची के किसी होटल में ठहर ऊंगी किस होटल में शायद हॉलिडे इन में तब तो शायद कल नाश्ते पर मुलाकात हो सके मैं भी उसी होटल में ठहरा हूं शायद एयरलाइन वालों वाले वही ठहरा रहे हैं ।  

 इंशा अल्लाह तब लाहौर एयरपोर्ट पर कराची वाली फ्लाइट का अनाउंसमेंट होने वाला था मैं एक मजा दिखाऊं सलमा बोली थी क्या यही कि मैं साड़ी पहने हूं और देखिए कि लाहौर एयरपोर्ट के यह लोग हिंदुस्तानी औरतों से किस तरह पेश आते हैं यह लोग अमूमन औरतों को बहुत परेशान करते हैं हिंदुस्तानी औरतों को तो खासतौर से कहते हुए सलमा काउंटर की ओर बढ़ी गई पाकिस्तान एयरलाइंस वाले ने पहले तो उसे घूर कर देखा और टिकट देखने से पहले सा सवाल किया कितनी साड़ियां ब्लाउज और प्रेशियस अप्लाई हैं कस्टम वालों की जिम्मेदारी आप क्यों पूरी कर रहे हैं उन्हें जो जरूरत होगी पूछ लेंगे सलमा ने कहा था कितने पेटीकोट और पेंट पेटीज आपके सामान में है और कितने दिन रुकेंगे आप पाकिस्तान में यह सवाल भी कस्टमर ले पूछेंगे या मेरा पासपोर्ट जांच कर मालूमात हासिल कर लेंगे आप लिखिए टिकट देखिए और मुझे सीट दीजिए सलमा जिला सकरी से बोली थी इस बीच वा कनखियों से अधिक को देखती भी रही थी काउंटर वालों ने उसे उसकी इस हरकत को देख लिया देख लिया था पूछने लगा वह साहब आपके साथ हैं जी उसमें सलमा का टिकट ड्रायर में डाल दिया और उठकर पीछे की तरफ चला गया सलमा को भी ताज्जुब हुआ आखिर या आदमी चाहता क्या है और सोचने लगी खाना खाए उसने मजाक मजाक में अपने लिए शायद मुश्किल पैदा कर ली है तभी वह काउंटर वाला एक पुलिस इंस्पेक्टर को लेकर लौटा तो शायद सलमा से सवाल जवाब करने के लिए खास तौर से लाया गया था सलमा सहम सी गई तभी उस पुलिस इंस्पेक्टर ने उसे करीब-करीब पहचानते हुए कहा माफ कीजिएगा आप....... आप......

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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

21 जुलाई 2022
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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

21 जुलाई 2022
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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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भाग 21

6 अगस्त 2022
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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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भाग 25

13 अगस्त 2022
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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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भाग 26

13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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भाग 27

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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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भाग 28

13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

15 अगस्त 2022
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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

15 अगस्त 2022
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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

20 अगस्त 2022
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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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भाग 37

20 अगस्त 2022
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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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20 अगस्त 2022
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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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20 अगस्त 2022
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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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