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भाग 19

6 अगस्त 2022

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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता लिंग करते हुए उस परछाई को मैंने आपके सामने पेश किया है था अर्दली बेहद अदब से बोला तब तक दस लोगऔर चीखना चिल्लाना फिर तेज हो गया अदालत ने हुक्म दिया फरियादी को पेश किया जाए अपनी छाती पीट दिशाहीन सामने हाजिर हुई तुम कौन हो साहिब कहां से आई हो मुंबई हिंदुस्तान कब्रिस्तान से क्या हुआ तुम्हें बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद पूरा हिंदुस्तान जलोटा मुंबई में तो हैवानियत का जलजला आ गया मैं कब्र में पड़ी सो रही थी कि मुझे भी नहीं बख्शा गया मेरी कब्र में बेदखल कर दिया गया कहां है कयामत के दिन मेरा फैसला होना है पर अब मेरे पास उस दिन का इंतजार करने के लिए कोई जगह नहीं है इसलिए आपके पास हाजिर हुई हूं लेकिन याद आलत है कब्रिस्तान नहीं हिंदुस्तान में सारी रात दे कब्रिस्तान में तब्दील हो चुकी है उनमें अब सिर छुपाने की जगह भी बाकी नहीं है इसीलिए मैं बना लेने आई हूं पर तुम तो इतनी कम हो क्या हक था

 मौत को वह तुम्हें खींचकर कब तक ले आई अदालत ने तेरी करके जमा जानना चाहा मौत ने मेरे साथ कोई जाति नहीं की मैंने खुद मौत के बेहतर समझा था शाहिद ने कहा लेकिन क्यों इसलिए कि पाकिस्तान बन चुका था लेकिन मैं पाकिस्तान नहीं जाना चाहती थी तो तुम्हें हिंदू दरिंदों ने दंगों के दौरान मार डाला नहीं मेरी मौत की कहानी बिल्कुल अलग है हजूर तक्सीम हुआ अभी अदालत ने यह सुना ही था कि बरसों बरस लौट कर आने लगे और भगवान से ताली सामने आकर खड़ा हो गया और उसी के साथ ऊपर आसमान के गिद्धों के झुंड उतरने लगे जिससे अंधियारा छा गया पंजाब से लेकर आसमान तक की नदियों पर पानी खून से लाल हो गया और करो ला से जश्न मनाते हुए प्रत्याशी नृत्य करने लगी अध मरे और घायल लोग वहशत दहशत और हैवानियत के शिकार होकर चीखने लगे लाखों और घायलों के सीने पर चढ़कर घर जिन्ना आजाद पाकिस्तान और इधर नेहरू आजाद हिंदुस्तान का झंडा फहराने लगे तभी कुछ आवाजें आने लगी कौन क्या कर रहा है । 

इसका कुछ पता नहीं चल रहा पर उन आवाजों में उपस्थित हो और को बोल रहा था यह आवाजें बिजली यों की तरह कड़क रही थी और अजीब के दिमाग पर घोड़ों की तरह बरस रही थी हिंदुस्तान की कमी तक भी एक है तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा और आजादी का लाल किला मोहब्बतें बुनियाद पर खड़ा होगा नफरत की बुनियाद पर नहीं पाकिस्तान एक नफरत का नाम है नफरत के उसूलों पर पाकिस्तान बना है जिन्हें इतिहास नहीं बनाया साम्राज्यवाद ताकतों ने इतिहास ने जिन्ना को बनाया है मुझे मंजूर नहीं मैं अभी कहता हूं कि मजहब से कम नहीं बनती एक खून और 1 तारीख में कौन बनतीहै।

 अगर मजहब से कम की शिनाख्त पैदा करोगे तो यह सारी दुनिया टुकड़ों में बट जाएगी अरे कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना सुना तुमने तुम खुद पर तूने पंजाबियों ब्लूस्ट्रीम सिंधियों बंगालियों और मुजा हीरो तो नहीं संभाल पाओगे यह आपस में लड़ मरेंगे मजहब काम नहीं आएगा तब तहजीब तवारीख और इन नसों में बहता खून ही काम आएगा जो काम की असलियत को तय करेगा आवाज में लगातार ऊंची होती जा रही थी अजीब कुछ समझ ही नहीं पाया तो उसने अगली को आवाज दी इन आवाजों का पता करो या मेरे काम में दखल डाल रही हैं अर्दली भागा भागा गया और फौरन ही मालूम करके वापस आया हुजूर यह आवाजें 34 पागलों की है यह कौन पागल है हुजूर कैसे बताऊं मुझे ऐसे दुनिया को बचाना है। 

 हुजूर यह दुनिया को पागलपन से बचाते हुए खुद पागल हो गए हैं अजीब लोग हैं जी हुजूर अब ऐसे पागल लोग इस दुनिया में नहीं मिलते अगर मिलते होते तो सोवियत यूनियन नहीं टूटता जो घोषाल लिया युगोस्लाविया वह सानिया के मुसलमानों का कत्लेआम ना होता सोमालिया में लोग और बच्चे बरसों बरस अकाल से ना मरते और 400 फिलिस्तीनी इसराइल की सरहद पर भूख ठंड और मौत का इंतजार ना करके रहे होते उन्हें इसराइली इस तरह मौत के मुंह में ना खदेड़ देते अर्दली कुछ अजीब से देश में बोला अधि हंसा तो तुम इस अदालत में अर्दली गिरी करते-करते बहुत समझदार हो गए हो लेकिन यह पागल लोग आखिर हैं कौन हुजूरे आला यह चार पागल हैं इनके नाम जो मैं पता करके लाया हूं वह कहते हैं । 

कहते हुए अर्दली ने अपनी याद की पट्टी पर दस्तक दी जी हां इसमें सबसे बड़ा पागल है महात्मा गांधी दूसरा पागल है नेताजी सुभाष चंद्र बोस तीसरा खान अब्दुल गफ्फार खान और चौथा है एक अजीब इन्हें खामोश करो हुजूर यह बड़े खामोश लोग हैं पर जब भी इतिहास उधर आ जाता है तो इन पागलों की आत्माएं चीखने लगती हैं और अपनी करो और शादियों से निकलकर इसी तरह की बातें करने लगते हैं तो फिलहाल इन्हें रो को रोक दिया हुजूर इन्हें मैंने इनकी मजारों और शादियों के पागलों खानों में कैद कर दिया है अब यह सब आपको परेशान करने नहीं आएंगे तब तक शायद उपकार वह परछाइयां वाली परछाइयों वाली याद उसके सामने फिर आ बैठी उसके बदन में झील सी तरह पढ़ते कामों के लोगों और महसूस करते हुए तब अजीब सा खाता बोल पड़ा था सलमा तुम बहुत खूबसूरत हो सलमा सलमा इस जुमले पर चौकी नहीं वह सिर्फ इतना बोली तक्सीम ना होती तो पूरी कायनात बहुत खूबसूरत होती सलमा ने कहा और घड़ी देखी अब उठना चाहिए ।  

आपकी फ्लाइट कितने बजे है 11:00 बजे ठीक है देखिए फिर कभी मुलाकात होती या नहीं मैं तो समझी थी आप कोई खूबसूरत यह जुमला बोलकर अलविदा कहेंगे या नहीं कैसे कैसा जुल्म जुमला मैं समझा नहीं कुछ ऐसा कि जैसे या शेर है कह रहो या की बला हो काश तुम मेरे लिए होते कहकर सलमा हस पड़ी अच्छा खुदा हाफिज भारत पहुंचे तो कहते कहते उसने पेपर नैपकिन पर अपना पता लिखकर उसे थाम समाते हुए कहा हालांकि हालांकि उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन फिर भी फिर भी और शुक्रिया कहे थे चली गई उसके जाते ही सदियों के सन्नाटे ने उसे घेर लिया उसे एकाएक एहसास हुआ वह सचमुच अब दूसरे देश में है नहीं तो कल लाहौर से लेकर आज कराची की सुबह तक वह भूल ही गया कि वह कहीं और है।

सलमा तो बेटा के लिए चली गई वह अपनी बहुत गहरी महक उसके पास छोड़ गई थी एक और काफी का ऑर्डर देकर वह उसी महक के साथ कुछ देर और बैठना चाहता था काफी आ गई वह हैरत भरे अंदाज में सोच रहा था कि पैसे कैसे होंगे शर्मा के नाना जो पाकिस्तान भी पाकिस्तानी भी हैं और अपनी यादों को लेकर मुजाहिद भी और कैसे होंगे शर्मा के अब्बा अम्मी जब हिंदू सिख खून के समुंदर पार करते हुए भारत की ओर भागा राय भाग रहे थे और भारत के मुसलमान पाकिस्तान की ओर तब एक मुसलमान जुड़ा पाकिस्तान छोड़कर अपनी अगली सदियों की है खैरियत के लिए किसी देश की ओर नहीं अपनी मिट्टी की ओर भाग रहा । 

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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

21 जुलाई 2022
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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

21 जुलाई 2022
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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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भाग 21

6 अगस्त 2022
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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

13 अगस्त 2022
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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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भाग 25

13 अगस्त 2022
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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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भाग 26

13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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भाग 27

13 अगस्त 2022
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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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भाग 28

13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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भाग 29

13 अगस्त 2022
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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

13 अगस्त 2022
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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

15 अगस्त 2022
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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

15 अगस्त 2022
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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

20 अगस्त 2022
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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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भाग 37

20 अगस्त 2022
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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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भाग 39

20 अगस्त 2022
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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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भाग 40

20 अगस्त 2022
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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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