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भाग 32

13 अगस्त 2022

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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं कहा आने वाली सदियों में तुम्हारे वंशजों ने उसे खारिज क्यों नहीं किया मैं इस इल्जाम को मंजूर नहीं करता रहा सांगा ने तिल मिलाकर कहा तुम मंजूर करो ना करो लेकिन वक्त गवाह है सबूत गवाह है इतिहास गवाह है मुझे तो मनचाहा मौका दिया था तुमने फिर किस सोने की चिड़िया को छोड़कर चला जाऊं इतना बेवकूफ मैं नहीं था यहीं से हमारी तुम्हारी दुश्मनी का आगाज हुआ तब हुकूमत चलाने के लिए मुझे इस्लाम परस्त मुसलमानों और बादशाह पर हिंदुओं का जरूरत पड़ी थी इसीलिए तुमने गाजी मुसलमान होने का सेहरा अपने सर पर बांध लिया था अदीब ने तंग किया तब हालात दूसरे थे अभी भी आलिया बाबर बोला मेरे साथ जो लड़ाकू सिपहसालार और कभी-कभी ले कंधार खुरखुरा शान बन जा किस्तान और उत्तरी इरान से आए थे । 

वह लड़ते-लड़ते थक गए थे हिंदुस्तान के मौसम को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे गर्मी लू रेतीले बवंडर पसीनो और पित्त के पत्तों से उन्हें बेहाल कर बदल कर दिया जंग में लगे उनके गांव बारिश के मौसम में फिर खुल जाते थे इन हालात में हुए अपने घर लौट जाना चाहते थे वह मुझसे भी दरख्वास्त कर रहे थे कि सल्तनत की सुभेदारी सौंपकर मैं भी वापस चल पड़ो फरगना को सर करूं और वही रहूं लेकिन मेरे लिए या मुन्ना शिवम को नहीं था तब उन लौटने वाले फौजी वकीलों कभी लो और सिपहसालार ओं को रोकने के लिए मैंने मजबूरी में मजहब का वास्ता दिया था धन दौलत और औरों की पेशकश भी उन्हीं नहीं रोक पा रही थी मुझे तो यही रहना था इसीलिए मैं आगरा में दफन हुआ था । 

वहां तो बाद में मुझे आगरा से खोदकर काबुल में दफनाया गया ताशी इस्लाम परसों की जरूरतों की वजह से मुझे गाजी बनाया गया राणा सांगा ने फिर हस्तक्षेप करना चाहा तो अजीब ने उन्हें रोककर हुक्म दिया मोहम्मद बिन कासिम को पेश किया जाए अर्दली तूफान की तरह गया और खलीफा वालिद की राजधानी से मोहम्मद बिन कासिम को पकड़ लाया 23 -  24 साल के उत्सर्जी  जवान को अदालत में पेश किया गया रास्ते में ही अर्दली ने उसे गिरफ्तारी की वजह बता दी अदालत को अदब से सलाम करने के बाद उसने बयान दर्ज कराया हुजूर अब मैं बाद अब कहना चाहता हूं । 

कि मैं अरब हूं मेरे कबीले का मालिक आजाद था जनाब हमारे खलीफा थे उन दिनों हिंद के धन दौलत की दास्तान ए हवा में तैरती थी हमने खजूर रेत और अति ले आंधियों में सिवा कुछ देखा नहीं था हमारा कबीला नया-नया मुसलमान बना था हमें तो सिर्फ यह मालूम था कि मजहब को मंजूर किया जाता है मजहब को फैलाया जाता है या हमें तब तक पता भी नहीं था मैं तो तब खुद 17 साल का था धर्मांतरण कैसे किया जाता है इसका मुझे फिल्म तक नहीं था इसलिए इस इल्जाम कि मैं तलवार के जोर पर हिंदुओं को मुसलमान बनाने आया था बिल्कुल बेबुनियाद और गलत है

तो तुम किस लिए आए थे अदालत में सवाल किया हुजूर मुझे तो मेरे मालिक हजार ने  हिंद को लूटने भेजा था इसके लिए उन्होंने पैसा उधार दिया था शर्त पर कि उनका दिया हुआ पैसा तो मैं वापस करूंगा साथ-साथ हिंद नदी के उपजाऊ इलाके के हुकूमत कायम करके मैं उन्हें लगातार 500,000, दिनार की सालाना मालगुजारी भी देता रहूंगा इसी के साथ-साथ उन्होंने एक खास सर आज मेरे हवाले किया था हुजूर जंग के वक्त हमारा तो बच्चा बच्चा लड़ता है लेकिन जज ने हमें यार आज बताया कि हिंद में पूरी कॉम नहीं लड़ती रवायत के मुताबिक वहां सिर छतरी लड़ता है छतरी हारता था । 

तो उस सब हार जाते थे यह बात सच साबित हुई हुजूर राजा दहाड़ हारा तो सब हार गए सारे हिंदू ब्राह्मण और बौद्धों बौद्धों ने भी शिकस्त मंजूर कर ली इन्हीं हिंदू ब्राह्मणों के मंदिरों और पौधों में बिहारो में अकूत धन-दौलत का खजाना था मैंने इन्हें लूटा फिर मुझे इन्हीं ब्राह्मणों से जानकारी मिली थी कि वह g52 जो कश्मीर के महाराजा का सूबेदार था हुजूर उसने मुल्तान की बस्ती के पूरब तरफ बड़े तालाब में एक मंदिर बनवा रखा था हिंदुओं के खजाने मंदिरों के नीचे ही जमींदोज रहते थे तालाब वाले मंदिर के नीचे उसने तांबे के 40 कोटवारों में सोने का चूरा छुपा रहा था कोठार तोड़ने से पहले मैंने मूर्तियों को तोड़ा था मूर्तियां तोड़कर मुझे 300mn सोना मिला था फिर जब तालाब के अंदर मंदिर के नीचे वाले 40 कोचों में मैंने तोड़ा तो 13200 मन सोना मेरे हाथ लगाया तब मैं मंदिरों को क्यों ना तोड़ता दिव्या लिया अदालत जैसे सकते में सब कुछ सुन रही थी और फिर हुजूर हिंदू के बाशिंदे का अल्लाह एक नहीं था यहां हर ब्राह्मण का खुदा अलग अलग था । 

एक खुदा लूटता था तो दूसरा बचाने नहीं आता था दूसरा लूटता था तो तीसरा बचाने नहीं आता था इन अदालत ने मेरी मदद की मेरे सामने हिंदू और गैर हिंदू का सवाल नहीं था मैं तो हिंद नदी के बहाने से तक्षशिला बौद्ध ब्राह्मणों को चीरता हुआ कांगड़ा तक चिता चला गया अभी मोहम्मद बिन कासिम का बयान जारी था कश्मीर से जबरदस्त जो रूठा तक राजस्थान चीखने लगा इराक पर अमेरिकी बमबारी आतिशबाजी की तरह दिखाई देने लगी और सोनिया के मुसलमानों पर दोबारा सब्रोक ने हमला कर दिया श्रीलंका में प्रभाकरण ने 1000 नागरिक को जान से मार कर जमीन में गाड़ दिया । 

उनके पिंजर निकाल निकाल कर करने लगे सऊदी अरब सूडान अफगानिस्तान पाकिस्तान आतंकवादी जेहाद के नाम पर मासूम नागरिकों को मारते फिरते हुए डोडा उधमपुर और कुल्लू मनाली तक आगजनी हत्या अपहरण और लूट मार्ग में मशगूल हो गए उसी में कराची के कराते घायलों की आवाज आई  अदालते आलिया सुनिए लंदन से हमारे मुल्क को तोड़ने के लिए मुजाहिद अल्ताफ हुसैन जहर उगल रहा है या वही डालते हैं जिन्होंने पहले हिंदुस्तान को थोड़ा अब पाकिस्तान को तोड़ना चाहते हैं अजीब सीखा सुनो कराची के बाशिंदों जितना जो कुछ टूटा टूट गया उसे भूल जाओ जो पुल टूटने के बाद बना है उसे डूबने से बचाओ जितने मुल्क बनेंगे वह सिर्फ इंसान को नसीम करेंगे जरूरत से ज्यादा इस दुनिया का बंटवारा हो चुका है पूजा के लिए बंटवारे को यह नियत को खत्म करो लेकिन जो गलत बंटवारे हुए हैं  । 

उन्हें खत्म करना जरूरी है नहीं तो अभी बेरिया दुनिया में कत्लेआम और खून खराबा बंद नहीं होगा या तेजतर्रार आवाज सिंध पाकिस्तान के नेता डॉक्टर होता किसी धर्म के नाम पर तेजी से बुखार और रक्त जी भी हो जाती है यही हम सिंधियों के साथ हुआ हम सिंधी सदियों से स्वादहीन रह हमारी जवान संस्कृति और सभ्यता इन पाकिस्तानियों से अलग है हम चार करोड़ सिंधियों को आत्म निर्णय का अधिकार चाहिए हम हमारे साथ सन 1947 में दगा हुआ पाकिस्तान के उस घोषणापत्र को जो सन 1940 में लाहौर में जारी हुआ था इसमें हम सिंधियों को पूरी सुरक्षा देने की का वादा है लेकिन पाकिस्तान पाकिस्तान बनने के बाद सियासत के इरादे बदल गए कठपुतली हुक्मरानों और सैनिक तानाशाह ने वादा पूरा कि मैं नहीं किया इसी तरह और वादे ना दीवाने की वजह से पाकिस्तान टूटा और बांग्लादेशियों ने अपना पाकिस्तान बना लिया अब हम अपना सेंड आजाद चाहते हैं चीन तुम मुसलमानों और सिंध हिंदुओं के लिए क्योंकि हमारी भाषा इतिहास संस्कृति और सभ्यता एक है नमाज पढ़ लो और होटल कनिष्क के कमरे में तभी लोग बैठे दिखाई दिए 84 वर्षीय आंदोलन के जनक सीए सैयद बालकवि बैरागी और रामेश्वर नीखरा जी ऐसे यह कह रहे हैं डॉक्टर हिले पोता ठीक कहता है। 

सिंधु सभ्यता ही अलग है वॉइस अलार्म और वैदिक धर्म की मिली जुली सभ्यता है या ठीक है मैंने इससे 1943 में सिंध असेंबली में भारत के विभाजन का प्रस्ताव मुस्लिम लीग सदस्य के रूप में रखा था 2 साल बीतते बीतते 1945 में ही पाकिस्तान की नफरत और फिलासफी मेरे समझ में आ गई मुझे शक होने लगा कि जो जिंदा भारत में आज हिंदुओं को से नफरत करने की रागनी चला रहा है वह कल हम हिंदुओं से भी नफरत करेगा सन 1947 ईस्वी में इसलिए मैंने बहुत मुझे मन और आशा आशंकाओं के बीच पाकिस्तान बनने का स्वागत किया था अगर तुम सिंधी मुसलमानों की भाषा संस्कृति और सभ्यता एक मानते हो तो फिर आज विभाजन के इतने वर्षों बाद भी भारत गया हुआ सिंधी हिंदू तुमसे इतनी नफरत क्यों करता है यह सवाल एक पत्थर की तरह आकर गिरा !

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रचनाएँ
कितने पाकिस्तान
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कितने पाकिस्तान हिन्दी के विख्यात साहित्यकार कमलेश्वर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बँटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आधारित है। यह उनके मन के भीतर चलने वाले अंतर्द्वंद्व का परिणाम माना जाता है।'कितने पाकिस्तान' कमलेश्वर का लिखा हुआ एक प्रयोगवादी उपन्यास है। इस उपन्यास को 2003 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था। यह उपन्यास बाकी उपन्यासों से कई मामलों में अलग है। पहला, इसमें सामान्य घटनायें, जैसे उपन्यासों में होती हैं, नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक घटनाओं का लेखक के नज़रिये से वर्णन है। क्योंकि सारा कथानक उसी के इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में सदियों से चले आ रही हिंसा और मारकाट के प्रति गहरा क्षोभ है। पात्रों की इस कमी को इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तियों को कटघरे में लाकर दूर किया गया है। अगर उपन्यास का सार निकालने की कोशिश की जाए तो यही आयेगा कि विभाजन अब बंद होने चाहिये।
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भाग 1

21 जुलाई 2022
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एक भूली हुई दास्तान उसे याद आती है  ।   वह तो एक बंजर जमीन से आया था ।  खामोश  आकर्षणों की दुनिया से जहां कहां कुछ भी नहीं जाता । मन ही मन में कुछ अरमान करवटें लेते हैं । अनबूझी इच्छाएं आती और चली जा

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भाग 2

21 जुलाई 2022
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- हुआ या था नहीं स !  पहले या सुनिए कि हुआ क्या है...... उसने चौक कर आवाज की तरफ देखा था उसका एक में 3 सहायक स्टोनो और अर्दली महमूद उसके सामने खड़ा था।  उसके हाथ में टेलीप्रिंटर से आई खबरों के कुछ कु

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भाग 3

21 जुलाई 2022
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खत भेजने के बाद अभी बहुत परेशान था । वह सोच रहा था कि उसके उद्गार और विचार कहीं देश की रक्षा सुरक्षा के नाम पर दूसरों के लिए मौत तो पैदा नहीं करते क्या एक के जीवित रहने के लिए दूसरे की मौत जरूरी है?

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भाग 4

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और तभी यूरोप के सम्राट गिल गमेंश की गूंजती आवाज आई -  - मैं पीड़ा से लड़ लूंगा यातना सहूँगा  कुछ भी हो मैं मृत्यु को पराजित कर लूंगा मैं मृत्यु से मुक्त की औषधि खोज कर लाऊंगा !  सम्राट गिल गणेशा की

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भाग 5

21 जुलाई 2022
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वहां मौजूद तमाम देवताओं की चिंता का एक स्वर में अनुमोदन किया और देवी तान्या ने तब उन्हें आगाह करने वाला भाषण दिया दजला फरात और डेन्यूब की परा धरती के समस्त देवताओं तुम सब आज चिंतित हो क्योंकि मनुष्य म

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भाग 6

29 जुलाई 2022
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उसी कहानी में शामिल है बूटा सिंह और रेतपरी किया की  यह कहानी राजस्थान का तपता रेगिस्तान कोई चीखा बन गया साला पाकिस्तान आसमान की आंख सूखी हुई थी उनमें एक बूंद भी पानी नहीं था मौसम विभाग के वैज्ञानिक

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भाग 7

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह जब जीने के लिए कपड़े लेने निकला था पाकिस्तान नाम की लकीर तो फिर चुकी थी मौसम विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही साबित हुई रक्त की वर्षा हो रही थी रेत परिचय नहीं अभी भी गर्दन तक रेत में दबी हुई है

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भाग 8

29 जुलाई 2022
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आतंकी देवताओं ने धरती की ओर देखा वह सकते में आ गए जो लोग के समस्त सफेद पंखों वाले पंछी देवदासी रोना को लेकर मित्रों पर उतर रहे थे "के समय उसके साथ अभी सभी तरह के पंछी पखेरू शामिल होते गए थे उनमें अंजन

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भाग 9

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 10

29 जुलाई 2022
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बूटा सिंह ने कपड़ों की जोड़ी लाकर जीने के पास रख दिया और पूछा निकालूं तुम बाहर जाओ मैं निकाल आऊंगी धीरे-धीरे जैनेब रेट टिकट दे से निकल आई उसने तार-तार हुई कुर्ती को उतारा और वही संभाल कर रख दिया ना जा

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भाग 11

6 अगस्त 2022
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उसके  अदालत के दरवाज़े पर रक्त  दस्तके  पड़ने लगी । वह दस्तक  से परेशान था। परेशान नही  पागल। और फिर दस्तक  पर दस्तक  ।पश्मी सीमांत से एके-47 चीनी राइफल ने दस्तक दी । हथियार बनेंगे तो चलेंगेभी ।  उत्तर

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भाग 12

6 अगस्त 2022
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वह कौन सी तारीख थी।  इब्राहिम लोदी से मैंने पार्क पानीपत की लड़ाई 20 अप्रैल 1526 को जीती थी और रजत 15 जुम्मे के दिन यानी 27 अप्रैल 1526 को मारे मेरे नाम का खुतबा पढ़ा गया था या खुद बा मौलाना महमूद और

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भाग 13

6 अगस्त 2022
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अजीम फैजाबाद स्टेशन पर उतरा ही था कि वह धमाकेदार झापड़ उसके पड उसके पड़ा स्टेशन की दीवार पर लिखा हुआ नारा सामने खड़ा था बोला फैजाबाद आए हो तो पहले इसे पढ़ पढ़ो इसमें लिखा था कि अपने धर्म स्थानों का अप

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भाग 14

6 अगस्त 2022
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बस आग लगाते घूम रहे हैं सब ही ना ही चाह सोजत की भारत का क्या होगा पहले ही या हिंदू मुसलमान को लगवाना चाह ना ही लड़ बाय पाए तो अब शिया सुन्नी को डलवाना चाहते हैं अब पानी शरबत बिस्कुट और मूंग के दाल मोड

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भाग 15

6 अगस्त 2022
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हुजूर इन कानूनी बारीकियों में मत जाइए अन्याय अन्याय है अन्याय ग्रस्त औरत की जिंदगी तो मौत से बदतर होती है तुम ठीक कह रहे हो महमूद अली अदालत सीखी तो पूरी श्रेष्ठ कांप उठी नहीं मैं मुद्दों के अलावा जिद्

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भाग 16

6 अगस्त 2022
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नक्सलवाद का समर्थन कर रहे थे एक के बाद एक ताने कसे तो इमाम नाजिश बौखला गए और और बोले तब तुम भी हमसे कहां लगते अधीन तुम अमृता प्रीतम करतार सिंह दुग्गल मोहन राकेश भीष्म साहनी देवेंद्र सत्यार्थी और यहां

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भाग 17

6 अगस्त 2022
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और मार दो अपने ही सब सृष्टि की रचना की थी उसने अपने दादा अनु को आकाश का सम्राट बनाया था अपने पिता ऐसा को धरती का और तब माधुरी ने एक महा मंदिर बनाया था कि आकाश के देवता और ईश्वर जो उसकी प्रजाति धरती पर

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भाग 18

6 अगस्त 2022
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जी शायद आप मुझे ठीक ही पहचान रहे हैं सलमा की जान में जान आई मैं सीएसपी के जनाब आफताब अहमद की हूं  और हिंदुस्तान में रहती हूं वह मेरे नाना है सलमान ने कहा तब पुलिसवाला कुछ नाराज सा होकर काउंटर वाले से

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भाग 19

6 अगस्त 2022
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अदालत में क्या कह रहे हो तुम मैं तो कराची के होलीडे इन होटल के रेस्टोरेंट में बैठा हुआ था और सलमा से बातें कर रहा था हुजूर आपकी यादों की परछाई का नाम क्या है या तो मुझे नहीं मालूम पर आपके होंठ मिलता ल

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भाग 20

6 अगस्त 2022
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तब अजीब चीन से लौट आया था सलमा भी अपने नाना से मिलकर कोटा से लौट आई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि इतने महीनों बाद भी सलमा उस पेपर नैपकिन पर लिखे पते पर फोन का नंबर को संभाल कर रखे गी पर उसने रखा था ना रखा

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नहीं नहीं तो या नीम की पत्तियां झड़ रही है ना हां पतझड़ का मौसम है ना नहीं या अंधेरे का मौसम है लगता है मेरा पति पति झड़ रहा है तो एक बात क्यों ना करें क्या हम न कुछ पूछे न जाने अपने रवा अति जिंदगी के

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भाग 22

13 अगस्त 2022
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बिस्तर उनका इंतजार कर रहा था वह भी  वह भी त्रियोबिश की  रेती की तरह साफ़ था। मेरे संपर्क से छूने से कुछ ऐसा तो नहीं जो तुमने जीवित होता हो और मेरा प्रतिकार करता हूं नहीं ऐसा भी कुछ नहीं सलमा ने बहुत गह

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भाग 23

13 अगस्त 2022
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जब अजीब और शर्मा कॉटेज से निकले तब भी नीले फूल खिले हुए थे। सलमा ने साड़ी पहनी थी बदन में बाकी फूल तो साड़ी और ब्लाउज के अंदर उन देशों की तरह समा गए थे । प्रभावों पर उन नीले फूलों की जो लेटर उतर आई थी

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भाग 24

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वह मेरा बेटा ही सही पर मर्द हो जीने के लिए कहीं मुश्किल नहीं होता मैं एक रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूं कि बेहतर होगा कि आप अपने बेटे के साथ अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आए नईम ने कहा आप तो बिल्

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कुछ नहीं ऐसे लोग आकर यहां क्यों नहीं समझते कि मुसलमानों के नाम पर पाकिस्तानियों को बोलने का कोई हक नहीं है आज है हिंदुस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमानों पाकिस्तान से ज्यादा इस्लाम की समझने वाले ल

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भाग 26

13 अगस्त 2022
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सलमा और अधीन ने मजहब तो नहीं बदले पर उन्हें इस बात में मजा जरूर आने लगा या उनके लिए जैसे खेल की बात बन गई सबसे पहले तो उन्होंने जगह बदली वह पूरब की ओर भागे भागते भागते ब्लैक रिवर के घने जंगलों को पार

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भाग 27

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वह आवाज बिजली की तरह तड़प और कड़क रही थी और अब वह कौन सी भी कमरे में खड़ी हो गई थी अजीब या कौन है डर से असहमति सलमानी उसके कंधे के पीछे छुपे हुए पूछा मैं चला दो आलमगीर औरंगजेब का जल्लाद मैं कोतवाल भी

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13 अगस्त 2022
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इस्लाम में हर कुदरती जरूरत के लिए जगह है लेकिन जब मजहब और सियासी फायदे के लिए नफरत में बदला जाता है तो एक नहीं तमाम पाकिस्तान पैदा होते हैं मेरी बच्ची तुम्हारी जिंदगी को इस गलत विभाजन ने तोड़ दिया है

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भाग 29

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गहरी नहीं जरूरी अंग्रेजों और जिन्ना साहब ने सोचा ही नहीं था कि जब हिंदुस्तान नाम का मूल नसीब होगा तब मेरी जैसी एक सलमा कैसे तक्सीम होगी और वह अपनी इज्जत कहां  कहां तलाशग अदीब ने उसे बहुत प्यार से पुका

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भाग 30

13 अगस्त 2022
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तभी नूरजहाँ  उसका ध्यान नीचे मौजूद रियाया की तरफ दिलाया उधर देखिए हुजूर इतने दिनों बाद आप बाहर निकले आपकी रे आया आपके दीदार के लिए उम्र पड़ी है तभी भीड़ ने पुरजोर आवाजें का आने लगी बादशाह सलामत जिंदाब

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भाग 31

13 अगस्त 2022
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मुझे जाना चाहिए वक्त आप को माफ नहीं करेगा और फिर आपको भी वक्त की बरात बर्बादी का मलाल कठोरता रहेगा सारा शगुफ्ता देखिए आपके अर्दली साहब बेसब्री से आपका इंतजार कर रहे हैं चलने से पहले एक यशपाल दरख्वास्त

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भाग 32

13 अगस्त 2022
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मैंने कोई निमंत्रण बाबर को नहीं भेजा था राणा सांगा नितेश में कहा तुम्हारा वह दावत नामा मेरी तिवारी बाबरनामा में दर्ज है और वह दस्तावेज आज का नहीं सोलवीं सदी का है अगर या गलत है तो तुमने तब क्यों नहीं

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भाग 33

15 अगस्त 2022
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 या गलत है हमारी गलती से विभाजन तो एक सच्ची घटना में तब्दील हो गया था पर विभाजन के भयानक दौर में भी सिंध में मारकाट नहीं हुई हमने मन ही मन अपनी ऐतिहासिक गलती मंजूर करते हुए बहुत भरे दिल से अपने हिंदू

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भाग 34

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मुसलमान का था मीरा का था कबीर का था नाना कोटा कोलकाता सुब्रमण्यम भारती और नज़रुल इस्लाम कथा संत रैदास के और ज्ञानेश्वर का था किसका खुदा नहीं था लेकिन इंक इकबाल ने खुदा के मस्जिदों में कैद कर देने का प

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भाग 35

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और आपकी सलमा जो खुदा हाफिज कह कर चली गई है इस अहम अदालत का कारोबार रोक कर आपको फिर अपने लिए हासिल करने की कोशिश में लगी है और उधर आपके दोस्त भवानी सिंह उप ईरान की राजधानी तेहरान से लौटकर कुछ जरूरी बात

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भाग 36

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हुजूर हमसूफी है इस पागल शहंशाह ने हुजूर पैगंबर के जन्मदिन पर गाए जाने वाले हम हमारे भजनों पर भी पाबंदी लगा दी तब हम सूफी संतों को उसके गुर्गे और दरोगा मिल जावा वाकर के खिलाफ गोलबंद होकर निकलना पड़ा इस

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मौका पाते ही सल्तनत के वजीरे खारी खारी जा राजा रघुनाथ को हटाकर या वादा किसी से मुसलमान को दिया जाए किसी हिंदू अफसर के नीचे मुसलमान को तैनात किया जाए और अब खुलकर इन काफिरों हिंदुओं को बता दिया जाए कि व

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भाग 38

20 अगस्त 2022
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यही कि जो मैंने किया वह गलत भी था वह सही भी था सर जमीन ए हिंद की नजर में मैंने बहुत कुछ गलत किया जो मुझे शायद नहीं करना चाहिए था लेकिन इस्लामी मिल्लत की नजर में जो कुछ मैंने किया वह शायद सही था ऑरेंज

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भाग 39

20 अगस्त 2022
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तभी इतिहास के करोड़ों पन्नों से चीखती हुई आवाज आने लगी औरंगजेब तुम जालिम हो तुमने पोस्ते का पानी पिला पिला कर मुराद को मारना चाहा जब वह तंदुरुस्त शहजादा अफीम के पानी से नहीं मारा तो तुमने उसे चला दो उ

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भाग 40

20 अगस्त 2022
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शिब्ली नोमानी बड़े जोश खरोश से बता रहे थे मजहब की शक्ति का अगर किसी ने पहली बार इस्तेमाल किया तो बस सिर्फ यही दिलेर आलमगीर था कहीं ऐसा तो नहीं कि औरंगजेब ने इस्लाम का सहारा अपनी कमजोरियों और जातियों क

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भाग 41

20 अगस्त 2022
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तुम लोग कहर की बात करते हो हम कयामत बरपा करेंगे और मिस्र में बाप कुछ भी नहीं जिंदा छोड़ेंगे जो इस्लाम से पहले का है हम उसे बराबर करके रहेंगे दूरदराज अमेरिका से आई वहां मिस्र का मूल्य से कुमार अब्दुल र

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भाग 42

20 अगस्त 2022
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या तेज भाई जारी थी कि लश्कर मंदिर के उत्तर पूर्वी तरफ अबू हज आज मंदिर से इमाम वाहिद मोहम्मद अपनी ने भय ग्रस्त आंखों से जाकर देखा यहीं इसी मस्जिद में अपने समय के सबसे बड़े विद्वान अबू हज्जाज दफन हैं जि

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भाग 43

20 अगस्त 2022
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इसीलिए पश्चिम वाले ईरान की इस्लामी क्रांति की को आत्मसात नहीं कर पाए अयातुल्लाह खोमेनी और इस्लामी क्रांति में ईरान जैसे सभ्यता संपन्न देश को फिर एक बार उसकी दूरी दे दी आज अपनी धुरी पर लौटकर ईरान अपने

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