प्यार जब दिल में होता है तो आँखों से झलकता है
यार ग़र सामने हो सांसों में शोला दहकता है
मुहब्बत ज़िन्दगी में फूलों की खुशबू के जैसी है
जिसके कारण सदा जीवन का ये गुलशन महकता है
उल्फ़त के नशे की लत लगी जिसको ज़माने में
यार की आँखों से पी कर वो तो हरदम बहकता है
घटाएं प्यार की आकाश में जब घिर के आती हैं
मिलन की आस में मन का मयूरा तो चहकता है
मुहब्बत ने तराशा हो जिसकी तकदीर को मधुकर
वो हीरा तो किसी भी हाल में हरदम लहकता है