वो अपने दर्द के सब रिश्ते पुराने हो गए
मेरे दीवाने भी अब तो पूरे सयाने हो गए
एक समय वो भी था वो मेरे नज़दीक थे
अब तो रुखसार को देखे ज़माने हो गए
मेरे जीवन में तो बस एक तपती धूप थी
वो यहाँ आ गए और मौसम सुहाने हो गए
वक्त की चाल कभी कोई नहीं जाना किया
जो अपने थे सभी खुलकर बेगाने हो गए
नज़र सी लग गई मधुकर मेरे घर को यहाँ
मस्तियों खुशियों के आलम वीराने हो गए
शिशिर मधुकर