तेरा चेहरा जो दिख जाता वहीँ बरसात हो जाती
बिना बोले ही नज़रो से दिलों की बात हो जाती
अगर तुम चाँद के जैसा खुद का श्रृंगार कर लेते
ये दावा है मेरा खुद ब खुद सुहानी रात हो जाती
काश तुम मुस्कुरा कर के मेरे पहलू में आ जाते
वो ही मेरे लिए तो खुशियों की सौगात हो जाती
तू जिसके पास हो उसका रसूख ऊँचा रहता है
तेरा जो साथ मिलता तो मेरी औकात हो जाती
ज़माना जानता है तुम मेरे ख़्वाबों में बसते हो
शिशिर की तिश्नगी मिटती जो मुलाक़ात हो जाती
शिशिर मधुकर