तेरी सांसो की महक सांसो में मेरी शामिल है
तेरे बिना सफ़र जिन्दगी का बहुत मुश्किल है
तेरे हर अंग में मेरी मुहब्बत का पाक मंदिर है
ये दिल यादों में सदा जिसकी हुआ गाफिल है
चाहत इंसानों की जहाँ हद से गुजर जाती है
ऐसे रिश्तों को यहाँ मिलती ना कोई मंजिल है
तन्हा रहता है दर्द सहता है और मुस्कुराता है
हर इंसान अब इस दुनियाँ में बड़ा बुजदिल है
किसी के मन के मंदिर में एक छवि बन जाए
मधुकर संसार में मुहब्बत का ये ही हांसिल है
शिशिर मधुकर