जब तुमको ही अब मेरा इंतज़ार नहीं है
मेरा दिल भी परेशान हो बेकरार नहीं है
बेडियां जब प्यार की टूटा करी हैं आज
कोई किसी के हाथों में गिरफ्तार नहीं है
रुठों को मना लेना मुश्किल ना खास है
गैरों पर मगर कोई भी इख्तियार नहीं है
श्रध्दा बिना प्यार का कोई मोल ही नहीं
क्या इतना भी वो अब समझदार नहीं है
माना मुहब्बतों का नशा मधुकर हसीन है
हर इंसान पर इसके बिना लाचार नहीं है
शिशिर मधुकर