आवाज़ तेरी सुन के सामने तो आ गए
तुम तो मगर अपना हर ग़म छुपा गए
मुँह से कुछ ना बोला बस मुस्कुरा दिए
हाल ए दिल आँखों से लेकिन बता गए
मुद्दतों से तुमने रुख ना इस तरफ़ किया
एहसान तेरा आज जो चेहरा दिखा गए
जो बात तुझमे है वो किसी और में नहीं
यूँ ही नहीं अंदाज ये मुझको लुभा गए
ये दूरियां मधुकर क्या दूर करेंगी उन को
बन के लहू जो प्यार में नस में समा गए