( देश में अच्छा वातावरण बन रहा है कि जहां कहीं सैनिक दिखें, उन के प्रति हम सम्मान दिखाएं। दिवाली पर उन्हें सन्देश भी भेजें। यह कार्य शुरू से होना था, पर जब जागें, तभी सवेरा. एक गीत मेरा भी समर्पित उनको । ये गीत उन तक पहुंचेगा, यही विश्वास है।)
सीमा पर जो डटे हुए हैं, इस धरती के अदभुत लाल।
ये है दीपक सुंदर-प्यारे, जिनसे देश मेरा खुशहाल।
तेरे कारण ही शत्रु सब, रहते हम लोगों से दूर।
मन है तेरा दीप सरीखा, रंग भी है जिसमें भरपूर।
तुमसे ही तो बना हुआ है, उन्नत भारत माँ का भाल।
सीमा पर जो डटे हुए हैं, इस धरती के हैं वे लाल।.
नहीं अकेले हो तुम भाई, यही हमारा है सन्देश।
याद हमेशा करते रहता सच्चे मन से तुमको देश।
रहो सलामत सजी रहे यूँ जीवन में खुशियों की थाल.
सीमा पर जो डटे हुए हैं, इस धरती के हैं वे लाल।
जल्दी लौट के घर आना तुम, खाना फिर मीठे पकवान।
माँ, बेटी-बेटे, पत्नी सब, करते रहते तेरा ध्यान।
तुम रक्षक हो तेरी रक्षा, सदा करें गिरधर-गोपाल।
सीमा पर जो डटे हुए हैं, इस धरती के हैं वे लाल।
अगर न होते आप न होती भारत माँ की रखवाली।
आप सजग प्रहरी हैं सबके, तभी यहाँ पर है दीवाली।
वक्त पड़े तो हर शत्रु पर, टूट पड़े हो बन कर काल।
सीमा पर जो डटे हुए हैं, इस धरती के हैं वे लाल।