सुंदर-प्यारे गीत मनोहर गा कर हमें सुनाएगी
चिड़िया के गर पंख बंध गए तो कैसे उड़ पाएगी
उसका है आकाश उसे भी हक है पंख पसारे वो
चिड़िया को आज़ाद करें तो दूर तलक वह जाएगी
नन्ही चिड़िया कितनी प्यारी यह दुनिया है उसकी भी
बेहद खुश होगी जब अपने नन्हे पर फैलाएगी
पिंजरे में क्यों कैद करें हम जिनको है उड़ने का हक़
चिड़िया हो, लड़की हो कोई बंधन में मर जाएगी
आज़ादी का सुख मुट्ठी भर लोगों की जागीर नहीं
ये ऐसी खुशबू है 'पंकज' जो सबको महकाएगी