मंगल का तुला में गोचर
गुरूवार 21 अक्तूबर को अर्द्धरात्र्योत्तर दो बजकर तीन मिनट (शुक्रवार सूर्योदय से पूर्व) के लगभग कार्तिक कृष्ण द्वितीया को मंगल चित्रा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए तैतिल करण और सिद्ध योग में अपने शत्रु ग्रह बुध की राशि कन्या से निकल कर शुक्र की तुला राशि में प्रस्थान कर जाएगा | तुला राशि में भ्रमण करते हुए मंगल एक नवम्बर को स्वाति तथा बीस नवम्बर को विशाखा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में रविवार पाँच दिसम्बर को सूर्योदय से पूर्व 5:59 के लगभग अपनी स्वयं की वृश्चिक राशि में प्रस्थान कर जाएगा | तुला राशि में अपनी यात्रा की सम्पूर्ण अवधि में मंगल अस्त भी रहेगा | तुला राशि मंगल की अपनी मेष राशि के लिए सप्तम भाव और वृश्चिक के लिए बारहवाँ भाव बनती है, तथा तुला राशि के लिए मंगल द्वितीयेश
और सप्तमेश बनता है | तुला राशि में संचार करते हुए मंगल की दृष्टियाँ मकर, मेष तथा वृषभ राशियों पर रहेंगी | साथ मंगल की उच्च राशि से राश्यधिपति शनि की दृष्टि मंगल पर रहेगी | मकर राशि मंगल की मेष राशि के लिए दशम भाव तथा वृश्चिक के लिए तृतीय भाव है | इन्हीं सब तथ्यों के आधार पर जानने का प्रयास करते हैं मंगल के तुला राशि में गोचर के विभिन्न राशियों के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु ध्यान रहे, किसी एक ही ग्रह के गोचर के आधार पर स्पष्ट फलादेश नहीं किया जा सकता | उसके लिए व्यक्ति की कुण्डली का विविध सूत्रों के आधार पर व्यापक अध्ययन आवश्यक है |
मेष : आपके राश्यधिपति और अष्टमेश का गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है, जहाँ से आपके कार्य स्थान, लग्न तथा धन भाव पर मंगल की दृष्टियाँ हैं | आपके लिए तथा आपके जीवन साथी के लिए कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | पार्टनरशिप में यदि कोई कार्य है तो उसमें किसी प्रकार का व्यवधान उपस्थित हो सकता है अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | किन्तु आप अपने व्यवहार तथा प्रयासों से सभी अवरोधों को दूर करने में समर्थ भी हो सकते हैं | आपको अपने तथा अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी | यदि अविवाहित हैं तो जीवन साथी की खोज भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | किन्तु साथ ही यदि अपनी वाणी पर नियन्त्रण नहीं रखा तो दाम्पत्य जीवन तथा प्रेम सम्बन्धों में तनाव भी उत्पन्न हो सकता है |
वृषभ : आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर मंगल का गोचर आपके छठे भाव में हो रहा है, जहाँ से आपके नवम भाव पर, बारहवें भाव पर तथा आपकी लग्न पर उसकी दृष्टियाँ हैं | किसी आवश्यक कार्य के लिए आपको विदेश यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं | साथ ही इन यात्राओं में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है | किन्तु आपके उत्साह में तथा निर्णायक क्षमता में वृद्धि के कारण आपके कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | कोई नवीन कार्य आपको प्राप्त हो सकता है, किन्तु सोच समझ कर ही आगे बढें | यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसका परिणाम आपके पक्ष में आ सकता है | प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे लोगों के लिए तथा स्पोर्ट्स से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला प्रतीत होता है |
मिथुन : षष्ठेश और एकादशेश होकर मंगल का गोचर आपके पंचम भाव में हो रहा है जहाँ से आपके अष्टम, एकादश और
द्वादश भावों पर उसकी दृष्टियाँ हैं | आपके लिए उत्साह में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | नौकरी में पदोन्नति की सम्भावना की जा सकती है | किसी अप्रत्याशित स्थान से प्रॉपर्टी अथवा अर्थलाभ की सम्भावना भी की जा सकती है | मित्रों का सहयोग प्राप्त रहेगा | आप इस अवधि में अपने कार्य से सम्बन्धित Advanve course के लिए भी प्रयास कर सकते हैं | आपकी
सन्तान के लिए भी ये गोचर लाभदायक प्रतीत होता है | यदि आपकी सन्तान विवाह योग्य है तो उसके विवाह की भी सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | अविवाहित हैं तो इस अवधि में जीवन साथी की खोज भी पूर्ण हो सकती है | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है |
कर्क : आपके लिए पंचमेश और दशमेश होकर योगकारक बन जाता है तथा इसका गोचर आपके चतुर्थ भाव में हो रहा है | सप्तम, दशम तथा एकादश भावों पर इसकी दृष्टियाँ हैं | योगकारक होते हुए भी आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | कार्य में प्रगति तथा आर्थिक स्थिति में दृढ़ता के संकेत हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही किसी ऐसे स्थान पर आपका ट्रांसफर भी हो सकता है जहाँ आप पहले से जाना चाहते थे | यदि आपने अपने व्यवहार को नियन्त्रित नहीं रखा तो पारिवारिक स्तर पर वातावरण तनावपूर्ण रह सकता है अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | सहकर्मियों से तथा पार्टनर के साथ किसी प्रकार की बहस आपके हित में नहीं रहेगी | अविवाहित हैं तो इस अवधि में आपका विवाह सम्बन्ध भी कहीं निश्चित हो सकता है |
सिंह : आपका चतुर्थेश और नवमेश होकर आपका योगकारक बनता हुआ मंगल का गोचर आपके तृतीय भाव में हो रहा है | जहाँ से आपके छठे भाव, नवम भाव और कर्मस्थान पर इसकी दृष्टियाँ हैं | यह गोचर उत्साहवर्द्धक तथा कार्य की दृष्टि से और आर्थिक दृष्टि से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपका स्वयं का व्यवसाय तो उसमें लाभ की सम्भावना है | नौकरी में हैं तो अचानक ही पदोन्नति के साथ अर्थलाभ की भी सम्भावना है | किन्तु साथ ही आपके छोटे भाई बहनों के साथ अथवा कार्यस्थल पर विरोध के स्वर भी मुखर हो सकते हैं | धार्मिक गतिविधियों में रुचि में वृद्धि की भी सम्भावना | आप सपरिवार किसी तीर्थस्थान की यात्रा के लिए भी जा सकते हैं | पॉलिटिक्स में जो लोग हैं उनके लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | स्वास्थ्य की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है |
कन्या : आपका तृतीयेश और अष्टमेश होकर मंगल का गोचर आपके द्वितीय भाव में हो रहा है, जहाँ से आपके पञ्चम, अष्टम और नवम भावों पर मंगल की दृष्टियाँ रहेंगी | आपके लिए अचानक ही नौकरी में पदोन्नति तथा मान सम्मान में वृद्धि के संकेत प्रतीत होते हैं | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें उन्नति तथा आर्थिक लाभ की सम्भावना भी की जा सकती है | किन्तु साथ ही गुप्त विरोधियों की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | सम्बन्धों में मधुरता बनाए रखने के लिए वाणी पर तथा स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए खान पान पर ध्यान रखने की आवश्यकता है | हाँ आपकी प्रभावशाली वाणी का लाभ आपको अपने कार्य में अवश्य प्राप्त हो सकता है | किसी वसीयत के माध्यम से आपको लाभ की सम्भावना है | आपकी सन्तान के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है |
तुला : आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर मंगल का गोचर आपकी लग्न में ही हो रहा है और आपके चतुर्थ, सप्तम और अष्टम भावों को देख रहा है | परिवार में किसी नवीन सदस्य के आगमन की सम्भावना है अथवा किसी बच्चे का जन्म भी इस अवधि में हो सकता है | आप कोई नया घर बेचकर उसमें शिफ्ट कर सकते हैं | प्रॉपर्टी के व्यवसाय से सम्बद्ध लोगों के लिए, डॉक्टर्स तथा मीडिया से सम्बद्ध लोगों के लिए और पॉलिटिक्स के क्षेत्र से सम्बद्ध लोगों के लिए यह गोचर विशेष रूप से अनुकूल प्रतीत होता है | विवाह के लिए भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | विवाहित हैं तो दाम्पत्य जीवन में प्रगाढ़ता के संकेत प्रतीत होते हैं | आप सपत्नीक कहीं घूमने जाने का कार्यक्रम भी बना सकते हैं | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | स्वभाव में चिडचिडापन आ सकता है अतः योग ध्यान का अभ्यास आपके लिए आवश्यक है |
वृश्चिक : आपका लग्नेश और षष्ठेश होकर मंगल का गोचर आपके बारहवें भाव में हो रहा है जहाँ से आपके तीसरे, छठे तथा सातवें भावों पर मंगल की दृष्टि है | आपके लिए यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं प्रतीत होता | स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है | इस अवधि में आप सपरिवार कहीं घूमने जाने का कार्यक्रम भी बना सकते हैं | यात्राओं के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना अथवा चोरी आदि के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है | आपके छोटे भाई बहनों के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है, किन्तु उनके साथ आपके सम्बन्धों में कुछ तनाव भी उत्पन्न हो सकता है | जीवन साथी तथा सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है |
धनु : आपकी राशि के लिए पंचमेश तथा द्वादशेश होकर मंगल का गोचर आपके लाभ स्थान में हो रहा है तथा वहाँ से दूसरे, पाँचवें और छठे भावों पर उसकी दृष्टियाँ हैं | यह गोचर आपके स्वयं के लिए तथा आपकी सन्तान के लिए अनुकूल प्रतीत होता है तथा उसकी ओर से कोई शुभ समाचार इस अवधि में प्राप्त हो सकता है | किन्तु सन्तान के साथ बहस सम्बन्धों पर
प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकती है | आर्थिक स्थिति में दृढ़ता की सम्भावना की जा सकती है | किसी घनिष्ठ मित्र के माध्यम से
कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं | किन्तु ऐसे मित्रों तथा सम्बन्धियों को पहचान कर उनसे दूरी बनाने की आवश्यकता होगी जो आपसे ईर्ष्या रखते हैं | नौकरी की खोज में हैं तो उसमें भी सफलता प्राप्त हो सकती है | विद्यार्थियों के लिए यह समय अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | स्वास्थ्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किसी पुरानी बीमारी से मुक्ति भी इस अवधि में सम्भव है |
मकर : आपके चतुर्थेश और एकादशेश का गोचर आपके दशम भाव में हो रहा है तथा वहाँ से आपकी लग्न को और चतुर्थ तथा पञ्चम भावों को देख रहा है | आपके लिए उत्साह में वृद्धि के साथ ही कार्य में उन्नति के संकेत भी हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही आय में वृद्धि के भी संकेत हैं | किसी पुरूस्कार आदि की प्राप्ति की सम्भावना भी इस अवधि में की जा
सकती है | अधिकारियों तथा सहकर्मियों का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | अपना स्वयं का व्यवसाय है तो उसमें भी आप वृद्धि कर सकते हैं अथवा कोई नई ब्रांच खोल सकते हैं | आपकी सन्तान की ओर से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है | आप स्वयं भी उच्च शिक्षा के लिए प्रयास कर सकते हैं | माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है | परिवार में कार्यस्थल पर किसी भी बहस से बचने का प्रयास आवश्यक है |
कुम्भ : आपके लिए आपके तृतीयेश और दशमेश का गोचर आपके भाग्य स्थान में हो रहा है | जहाँ से आपके बारहवें, तीसरे और चौथे भावों पर उसकी दृष्टियाँ हैं | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला कहा जा सकता है | यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्ध रखता है तो आपके लिए विदेश यात्राओं में वृद्धि के साथ ही कार्य में प्रगति के भी संकेत प्रतीत होते हैं |
किन्तु यात्राओं में तथा पारिवारिक समस्याओं पर धन व्यय होने के साथ ही परिवार में तनावपूर्ण स्थिति के भी संकेत प्रतीत होते हैं | विशेष रूप से छोटे भाई बहनों तथा माता जी के साथ सम्बन्धों में तनाव उत्पन्न हो सकता है | ऐसी स्थिति में अपने व्यवहार की शान्ति बनाए रखना ही सर्वोत्तम उपाय है | माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की विशेष रूप से आवश्यकता है | घर को Renovate कराने में पैसा खर्च हो सकता है | परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन भी सम्भव है | आध्यात्मिक तथा धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की भी सम्भावना है |
मीन : आपके लिए आपका द्वितीयेश और भाग्येश होकर मंगल का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में हो रहा है | जहाँ से आपके लाभ स्थान, द्वितीय भाव तथा तीसरे भाव पर मंगल की दृष्टियाँ हैं | आपको अचानक ही किसी ऐसे स्रोत से आर्थिक लाभ की सम्भावना है जहाँ की आपने कल्पना भी नहीं की होगी | किसी वसीयत के माध्यम से आपको प्रॉपर्टी का लाभ भी हो सकता है | आपके छोटे भाई बहनों के लिए भी लाभ की सम्भावना इस अवधि में की जा सकती है | सम्भव है आपको किसी कार्य में आरम्भ में व्यवधान का भी अनुभव हो | किन्तु वह व्यवधान अधिक समय नहीं रहेगा और आपका कार्य पुनः आगे बढ़ सकता है | आपकी वाणी इस अवधि में अत्यन्त प्रभावपूर्ण रहेगी और आपके कार्य में आपको उसका लाभ भी प्राप्त होगा | हाँ, सम्बन्धों में मधुरता बनाए रखने के लिए वाणी पर तथा स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए खान पान पर संयम रखने की आवश्यकता है | अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए
अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…