अब तक आपने देखाअब मैं क्या करूं .... फिर अचानक उसके दिमाग में एक बात आई और वो मिस्टर सिकरवार के पास कॉल कर के अपनी बात कहीं । अब आगे मान
निष्कर्ष ने काश्वी से पूछा एक बात बताओ, “तुम तो दिल्ली में रही हो हमेशा, फिर नेचर से कितनी करीबी कैसे हो गई? दिल्ली की लड़कियों को तो बड़े बड़े मॉल्स और फोरेन ट्रिप्स पर जाने का शौक होता है और तुम यहा
आपने पीछले भाग में देखा अपर्णा - सच में मुझे तो ऐसा नहीं लगता । सेजल अपर्णा को मारने के लिए दौड़ आने लगी तो अपर्णा खुद को उसके मार से बच
अब तक आपने देखातुम कोई मीठा चीज बना लो , जो तुम्हें पसंद आये और फिर वो प्रतिक्षा को बता दि कि कौन चीज कहां हैं और बाहर चली गयी , ये कह कर की , मेरी जब जरूरत हो तो बुला लेना । हिचकिचाना नहीं ... मैं यह
अब तक आपने देखा मानवी अनुभव की लास्ट वाली बात से पूरी तरह से झन्ना गयी उसका मन किया कि वो अनुभव का गला दबा दे । वो अनुभव को पिछे से गुस्से में बोली — तुम हो छि
आपने पिछले भाग में देखा सुलोचना - हुह ... शायद तुम भूल रहे हो कि तुमने मुझे कब का अपने रेस्टोरेंट निकाल चुके हो । अब हमारे बीच कोई बॉस और इम्प्लोई का रिश्ता नहीं रहा ।
पिछले अध्यायों में हमने जाना कि दिशा ने अपने रेस्टॉरेंट - कैफे की शुरुआत कैसे की और साथ ही हमने दिशा की ज़िन्दगी के पिछले पन्नों के बारे में जाना। फिर हमने दिशा के ही रेस्टॉरेंट में ही काम करने वाली अन
आपने पीछले भाग में देखासुलोचना - हु .. ह .. मैं तुम लड़को को जानती हूँ । जब तुम्हें कोई काम होता है । तो तुम सब बटरिंग करना शुरु कर देते हो । चल अपना काम बोल । क्या चाहिए मेरे से । र
आपने पीछले भाग मे देखा आरव की बात सुनकर सुलोचना भी गुस्से में बोली - मुझे भी कोई शौक नहीं है । इतनी बेजती के होने के बाद जॉब करने की । सोच लो बाद में पछताना ना पड़े तुम्हें । आरव -
कैफे जो दिशा की ज़िन्दगी बन चूका है उसकी शुरुआत भी इतनी आसान नहीं थी | दिशा किसी ज़माने में पत्रकार यानि जर्नलिस्ट हुआ करती थी पर उसे अपना जॉब बहुत बोरिंग लगता था | एक दिन हिम्मत जुटा कर दिशा ने अ
दिल्ली शहर के एक शानदार अपार्टमेंट है-आइडियल होम्स, इस अपार्टमेंट में करीब 500-600 परिवार रहते हैं। आइडियल होम्स के बाईं तरफ एक प्यारा-सा रेस्टोरेंट है जिसका नाम है - द कैफे । सुबह के 6: 00 बजे
आपने पिछले भाग में देखा . ऐसे ही आरव एक दिन किसी व्यक्ति को पैसे दे रहा था । तो हमेशा की तरह सुलोचना को लगा की शायद ये आदमी भी उन नाकारा लोगों मे से ही एक है । अब
आपने पिछले भाग में देखा अगर आप सब में से कोई एक आदमी भी हटा तो मुझे बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है । इस रेस्टोरेंट को चलाने में और इसे मसहूर करने में तो आप सबका ही हाथ है । मेरा क्
अब तक आपने देखा ये कह प्रतिक्षा अपना नीचे वाला होठ बाहर निकाल कर कमरे में चारों तरफ देखने लगी , तभी उसे याद आया कि आज उसे , कुछ रस्में भी करनी है , जो बाकी है ।
अब तक आपने देखा जहां तक मैंने सुना और देखा भी है , कि न्यू ब्राइडल डरी -सहमी सी रहती है और शरमाती भी हैं , अपने नये घर में , नये लोगों से मिलकर । यहां तक
अब तक आपने देखाजहां वो प्रतिक्षा को पहले दिन से ही उसे गुस्सा दिलाने की बात कर रहा था , ताकि वो कुछ दिन बाद खुद ही उसे छोड़ कर चली जायेगी । वहीं आज अभी उसको एकटक निहार रहा था , बिना उससे कुछ कहे - सुन
अब तक आपने देखा वो अपने आस - पास देखने लगी की वो जग कहा रख दी । उसे लगा कि वो अनुभव से अच्छे से लड़ाई करने के लिए , उसने जग कही रख दिया है । अब आगे &
ना ऐसे मुंह मोड लो, ये चुप्पी अब तोड़ दो, मिटा दो सभी फासले, आपस के ये शिकवे गिले, मितवा चलो चलें, खुले आसमां तले.एक दुजे के बाहों में आ जाए हम, एक दूजे में कुछ देर खो जा
अब तक आपने देखा उसकी ननंद ने कुछ जूलरी और मेकअप की चीजें , उसके बैग से निकाल कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी थी ताकि , प्रतिक्षा जब आए तो उसे ज्या
अब तक आपने देखा मिस्टर सिकरवार संध्या से — नहीं मैं वहीं आ रहा हूँ और ये कहकर वो अनुभव को घुरते हुए वहाँ से नीचे चले आये ।अब आगे