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बेल /लता

20 अगस्त 2023

18 बार देखा गया 18
 मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँ
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मैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सहारा मैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सहारा लिया है वह तुम्हें सम्भाल लेगा।

     मेरे इस तरह के सवाल को सुनकर बेल ने लहराते हुये कहा कि प्रकृति ने जब दुनिया  बसाई तब उसने हर एक चीज में ऐसे गुण भर दिए जिसके बल पर वह कभी तो खुद ही आगे बढ़ जाता है, औऱ कभी कभी सहारा की जरूरत पड़ती है। 

मुझे नही मालूम कि मैं मुझे कौन लपेटता है, लेकिन इतना जानती हूँ कि मेरे अंदर आत्मविश्वाश है कि मुझे आगे बढ़ना है, औऱ आगे बढ़ने के लिए मुझे किसी का थोड़ा सहारा चाहिए, लेकिन मैं जिस चीज का सहारा लेती हूँ उसे भी अपना बना लेती हूँ क्योंकि मैं एक लता हूँ, लता में ना सिर्फ अपनाने का गुण होता है बल्कि जिसे अपनाती हूँ उसे भी हरा भरा कर लेती हूँ। मुझे तो सूखे पेड़ की टहनी भी अपना लेती है,तो हरे पेड़ की शाखाएं भी अपने गले का हार बना लेती हैं। मैं चाहे किसी के घर के गेट की स्वागत बेल हूँ या फिर किसी की सब्जी की बेल। मुझमें लपटने की जो ताकत है वह इस कायनात ने दी है, मैंने हमेशा यही सिखाया की चाहे कोई कितना भी बुरा हो उसकी बुराइयों से दूर रहो लेकिन उससे नही। 
     अब देखो मैं अमर बेल हूँ या अंगूर की बेल हूँ लेकिन कांटेदार पेड़ को भी साथ लेकर चलती हूँ तो पीपल आम का भी आलिंगन करती हूँ क्योकि मैं एक सुंदर सी बेल हूँ।  मुझे तो बस लिपटना है बिना किसी स्वार्थ के, मुझे तो सजना है दुसरो के लिए। मैं छोटे पौधों को धूप छांव से बचाती हूँ तो कभी तपती धूप से। इसलिए मुझे हर कोई अपने साथ ले लेता है और सब मुझे खुद ही अपने पर लपेट देते हैं।

     मेरी आँखें मेरी आत्मा है, मैं ह्रदय में प्रभु को आत्मसात कर लेती हूँ और उनके दिव्य नयनो से देखती हूँ, देखा होगा तुमने जब मैं आगे बढ़ने के लिये अग्रसर रहती हूँ तब मुझमें अनेको फांके फूटी हुई होती है, औऱ उन्मुक्त होकर गर्दन ऊपर करके प्रभु को याद करते हुए सारे संसार की सुख की कामना करती हूँ, देखों ना ये प्रकृति ही तो मेरी दिव्य दृष्टि है, मैं  बिना विचलित हुए अपने साथ सबको लेकर चलती हूँ। आंखों से तो दुनिया का हर  भला बुरा चेहरा दिखता है, हर वो चीज दिखती है जिसे कोई देखना नही चाहते, लेकिन मेरी अंतरात्मा की आँखे सिर्फ वही देखती हैं जो मुझे पहचानता है या अपनाता है।

 मेरी आँखें नहीं है लेकिन मुझे रास्ता पेड़ की शाखाएं, तार, सुबह की सूरज की पहली किरण चाँदनी की ठंडक ये सब तो मेरी आँखें ही तो है, जो मुझे आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं। यदि मुझ में आंखे होती तो तब शायद मुझमें उन्माद आ जाता और मैं हर छोटी बेल या लता को वंही समाप्त कर देती, क्योकि तब मुझमें ईर्ष्या की भावना आ जाती और मैं दुराग्रह  से उस बेल को नही पनपने देती, इसलिये मैं मन की अंतरात्मा की आंखों से देखती हूँ हर किसी का बिना भेदभाव का आलिंगन कर लेती हूँ।

मुझे पता है मैंने जिसका सहारा लिया है वह मुझे भंवर में नही छोड़ेगा। क्योकि मैं बिना स्वार्थ के उसे अपना बनाती हूँ, क्योकि मेरा स्वभाव है सबके सुख दुख में छाँव बनकर रहना। सहारा बनना और देना हर किसी के भाग्य में नही होता, देखो खजूर के पेड़ों को बहुत लंबा होता है लेकिन क्या वह किसी का सहारा बन पाता है। मैं जब किसी का सहारा लेती हूँ तो उसको भी सहारा देती हूं । 
      आपने ही पूछा था कि जिसने आपको सहारा दिया वह तुम्हे सम्भाल लेगा। मुझे यह तो नही पता कि वह कब तक मुझे सम्भाल पायेगा लेकिन इतना विश्वाश है कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूर सम्भालेगा। बड़े आंधी तूफान में बारिश में हम एक दूसरे की ताकत बनेंगे, हालाँकि मेरा भरा उस टहनी या  शाखा के लिए असहनीय जरूर होगा लेकिन झंझावतों से झूझने की क्षमता रखती हूं क्योंकि मैं एक बेल हूँ।  जब मुझमें फूल आते हैं तो मैं पूरी कायनात का श्रृंगार करती हूँ। मेरी लताओ पर हर मौसम हर ऋतु में कोई ना कोई फूल जरूर शोभायमान होता है।  मेरा स्वभाव भी देश काल परिस्थितियों के अनुसार होता है। सब्जी की बेल हो, सजावट की बेल हो या फिर जंगलों में पेड़ो की शोभा। 
     बमुझे तो  प्रकृति और पेड़ो के साथ मिलकर रहना अच्छा लगता है क्योंकि मैं प्रकृति की दी हुई एक माला हूँ। जब मेरा जीवन काल समाप्त हो जाता है तो मैं स्वयं ही नष्ट हो जाती हूँ लेकिन जिसने मुझे सहारा दिया है उसको आंच नही आने देती हूँ क्योंकि मैं एक लता हूँ, आपके चौखट की आपके आँगन की आपके खेत की आपके जंगल की और आपकी सृष्टि की। 
©®@ हरीश कंडवाल मनखी  की कलम से।✒📝📝📝📝
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<div> जब तक फूफा जी ससुराल के अकेले जवाई और जीजा जी थे तब तक तो उनकी खातिरदारी और रूठना चलता रह

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता) की मनोदशा।

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

18 जनवरी 2022
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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

18 जनवरी 2022
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<div><u> </u><span style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: -apple-system, &quot;.SFNSText-Regular&quot;, &quot;San Francisco&quot;, Roboto, &quot;Segoe UI&quot;, &quot;Helvetica Neue&quot;, &

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फजीतू

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पुदिनहरा (लघु कहानी) 

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सुनैना और सुयश की शादी को लगभग 6 साल हो गए, उनके दो बच्चे हैं। अब बच्चे बात करने के माध्यम बन गए है। बड़ी बेटी रूही जो लगभग 5 साल कि है, और छोटा बेटा लगभग 8 महीने का। घर मे जब से बच्च

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आदर ( अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक)

8 मार्च 2022
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रीता ने अमन के सिर से रजाई उठाते हुए कहा कि अजी सुनते हो 07 बज गये हैं, फिर मत कहना कि जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करो, मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। यह कहते हुए रीता बाथरूम में जाकर ं कपड़े

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काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज

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कलयुगी विवाहराजू भाई जरा टेंट इस वाले खेत में लगा दो और हाॅ काॅकटेल के लिए 8 मेज ईधर लगा देना। ईधर खाना बनाने वाले के लिए बोल दिया कि शाम के लिए मटर पनीर, मिक्स वेज, दाल मखनी सब बना देना, और&nbs

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20 जून 2022
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सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर

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अनकही मोहब्बत

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सुबह के 7:00 बज रहे थे स्कूल में प्रार्थना सभा हो रही थी अजय अपनी लाइन के आगे वाली लाइन मैं किसी को ढूंढ रहा था लेकिन उसे नजर नहीं आ रहा था मन कुछ उद्वेलित था, सामने गुरुजी खड़े थे तो नजरें इधर

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अनकही मोहब्बत भाग 2

8 जुलाई 2022
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अनकही मोहब्बत भाग 2 इधर अजय ने नया साल का ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट कर दिया है। डाकिया 4 दिन बाद मानसी के गाँव के किसी व्यक्ति के पास दे देता है। गाँव का व्यक्ति मानसी का&nbsp

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सावन की खीर

18 जुलाई 2022
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सावन की खीर सावन की झमाझम बारिश लगी हुई है, मंडुये के खेत मे भगतू ने हल लगा दिया है, भगतू की पत्नी रज्जू ने घने मंडुये की पौध को एक तरफ निकाल दी है। शाम को दूसरे खेत मे मंडुये की पौध

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छाँव

21 दिसम्बर 2022
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*छांव* ​ वर्क फ्रॉम होम होने के कारण अंकुर अपना व्यस्त शेडयूल में से कुछ समय परिवार के लिए निकाल लेता है। अंकुर ने सोचा कि चलो इस बार गॉव से माताजी और बाबू जी को साथ ले आता हॅू, कुछ दिन उनके छॉव

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दिखावा

14 मार्च 2023
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मदनलाल : अजी सुनती हो तुमने मेहमानों की लिस्ट बना दी है, मेरे ही अकेले 1000 से अधिक क्लाइंट और परिचित वकील है। उसी हिसाब से हम वेडिंग पवाइंट बुक करेंगे और मेन्यु का हिसाब करेंगे। शहर में स

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साझा घर

28 मार्च 2023
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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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बबलू और सोनू पड़ोसी हैँ, घर की एक फ़ीट चारदीवारी क़ो लेकर हुए विवाद ने उनकी मित्रता क़ो कोर्ट में लाकर खड़ा कर दिया। समाज में कहावत हैँ की जमीन जेवर और सम्पत

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पैंछु ( उधार)  ( आँचलिक कहानी )

7 अप्रैल 2023
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हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स

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अधजली. बीड़ी

9 अप्रैल 2023
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अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर

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वक्त की लाठी

26 अप्रैल 2023
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कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल

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अब क्या करू।

26 अप्रैल 2023
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घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

25 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

26 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया

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बातूनी बिल्ली

26 मई 2023
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नानी का घर

19 जून 2023
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बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें

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पैत्रिक भूमि का सौदा 

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रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो

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कमबख्त कम्बल

11 अगस्त 2023
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कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल

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अनमोल तोहफा

18 अगस्त 2023
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अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत

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बेल /लता

20 अगस्त 2023
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मूल निवास

23 अगस्त 2023
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गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे

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ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

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हिट एंड रन क़ानून

3 जनवरी 2024
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हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन

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अहमियत

9 जनवरी 2024
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दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत

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मानसिक पलायन

17 फरवरी 2024
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मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म

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भिटोली

28 मार्च 2024
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भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते

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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
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ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

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भंडारे का प्रसाद

11 जुलाई 2024
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शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब

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भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024
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रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

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एक बार कह तो देते

17 अक्टूबर 2024
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सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा&nbsp

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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार

22 अक्टूबर 2024
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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे

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