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प्यारी चुड़ैल

7 अगस्त 2024

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ऋषभ और रितिका बगीचे में खेल रहे थे। शाम के समय अन्य बच्चे भी ,उस बगीचे में आ जाते हैं और सब मिलकर ,साथ में खेलते हैं किंतु आज कुछ बच्चे अपने घर से बाहर नहीं आए , न जाने क्यों ?उन्हें आने समय लग गया ? 

तब एक बड़ी प्यारी सी बच्ची ! उनके पास आई और बोली -क्या मैं भी तुम्हारे साथ खेल सकती हूं ? उसके बाल लंबे और घने थे। 

हां हां क्यों नहीं ?आज हमारे दोस्त भी नहीं आये हैं ,तुम हमारे साथ खेल सकती हो। तुम्हारा क्या नाम है ?ऋषभ ने पूछा। 

मेरा नाम' निशि 'है। 



आज से पहले तो तुम्हें कभी नहीं देखा ,तुम कहाँ रहती हो ?रितिका ने पूछा। 

मैं बहुत दिनों से ,तुम लोगों के साथ खेलना चाहती थी ,किन्तु मेरी माँ मुझे बाहर जाने नहीं देती थी किन्तु आज मेरी माँ ने मुझे खेलने के लिए बाहर भेजा है ,क्योंकि आज अमावस्या की रात्रि है। मैं गली के नुक्क्ड़ वाले घर में रहती हूँ। 

अमावस्या की रात्रि क्या होती है ?

 मुझे भी नहीं मालूम !निशि बोली। 

अच्छा बताओ !कौन सा खेल खेलना है ?ऋषभ ने पूछा। 

रितिका बोली -चलो !छुपी -छुपाई का खेल खेलते हैं। तभी एक बच्चा और आ गया और बोला -मैं भी खेलूंगा ?ऋषभ उसे अच्छे से जानता था ,बोला -रोहित !आज तुमने आने में इतनी देर क्यों कर दी ?

मम्मी ने नहीं आने दिया,मैं छुपकर खेलने आया हूँ। कहती हैं -आज खेलने बाहर नहीं जाना है। 

क्यों ?आज ,ऐसी क्या बात है ,रितिका ने पूछा। 

मुझे नहीं मालूम, आओ !चलो खेलते हैं , तुम नई लड़की हो, इसलिए तुम चोर बनोगी और हमें ढूंढना ! रोहित बोला। 

तीनों बच्चे, अपने -अपने अनुसार, ऐसी जगह पर छुपे ताकि कोई उसे उन्हें ढूंढ ना सके। अभी वह ठीक से छुप भी नहीं पाए थे। निशि ने उन्हें ढूंढ लिया। 

तीनों बच्चों को बहुत ही आश्चर्य हुआ, आज तक इतनी जल्दी कोई नहीं ढूंढ पाया। सबसे पहले उसने रोहित को ही ढूंढा था इसीलिए रोहित चोर बन गया। अब की बार तीनों बच्चे फिर से, अपनी तय की हुई जगह पर छुप गए। रोहित उन्हें बहुत देर तक ढूंढता रहा और उसने ऋषभ और रितिका को ढूंढ लिया किंतु अभी तक उन्हें निशि नहीं मिली थी। जब वे लोग उसे ढूंढ -ढूंढकर थक गए, तब वह एक पेड़ के पीछे से निकली। उन्हें बहुत ही आश्चर्य हुआ, ऐसा कैसे हो सकता है? इस पेड़ के पास से तो हम कई बार निकलकर गए हैं किंतु तुम कहीं भी दिखलाई नहीं दी। 

निशि हंसते हुए बोली-मैं पेड़ के बाहर नहीं, पेड़ के अंदर छुपी हुई थी , तीनों आश्चर्य से उसका चेहरा देखने लगे , और देख रहे थे ,इस पेड़ के अंदर रास्ता कहां से जाता है? कोई रास्ता भी नजर नहीं आ रहा फिर यह पेड़ के अंदर कैसे गई ? उसके साथ खेलने में मजा आ रहा था। हालांकि अंधेरा बढ़ता जा रहा था किंतु उन्होंने कहा -एक चाल और खेल लेते हैं। एक दूसरे को दौड़कर पकड़ना था। उन्होंने देखा, निशि कितना तेज दौड़ती है ? वह एक बार भी उसे नहीं पकड़ पाए। जब तीनों थक गए तो बोले - अब हम चलते हैं। अब तो हम दोस्त हो गए हैं और कल भी इसी समय खेलने के लिए आना निशि ने उनसे अगले दिन आने का वायदा किया, कि वह कल भी उनके साथ खेलने के लिए आएगी। 

बच्चों को आश्चर्य हो रहा था, कि निशि कितनी तेज दौड़ती है ?और पेड़ के अंदर कैसे छुप गई ? आपस में चर्चा कर रहे थे। रितिका बोली -भाई !अगर यह ओलंपिक में जाए तो 'नंबर वन 'पर आएगी। उनकी बातें उनकी मम्मी बहुत देर से सुन रही थी, वह बोली -तुम लोग किसकी बात कर रहे हो ?

निशि की, हमारी एक नई दोस्त बनी है, वह बहुत तेज दौड़ती है, और छुपती है तो कोई उसे ढूंढ नहीं पाता। अग्रवाल साहब का परिवार अभी कुछ महीना पहले ही इस मोहल्ले में आया है। यहां के विषय में उन्हें कोई विशेष जानकारी नहीं है इसीलिए उन्हें नहीं मालूम था ,कि उनके बच्चे जिसकी बात कर रहे हैं ,वह लड़की नहीं एक चुड़ैल की बेटी है। 

निशि अगले दिन भी ,खेलने के लिए घर से बाहर निकलती है, उसकी मां उसे रोक लेती है। तुम आज कहीं नहीं जाओगी। 

क्यों माँ ! वह लोग मेरे दोस्त बन चुके हैं, मेरी प्रतीक्षा करेंगे। मुझे खेलने जाने दो ! तुम नहीं जानती हो, यह लोग जितने अच्छे दिखते हैं ,उतने ही हमारे दुश्मन होते हैं। एक बार भी उन्हें तुम्हारी सच्चाई के विषय में पता चल गया तो तुम्हें मार देंगे। 

नहीं ,मां मुझे जाने दो !कहते हुए वह रोने लगी। मां को उस पर तरस आ गया और उसने उसे, बच्चों के साथ खेलने जाने दिया आज बगीचे में बच्चों की भीड़ थी। नई लड़की को देखकर सभी सोच रहे थे कि यह ऋषभ और रितिका की दोस्त है। आज भी दौड़ते समय, निशि या तो ऊपर उड़ जाती, या फिर इतना तेज दौड़ती की बच्चे उसकी बराबरी कर ही नहीं पाते। वह सभी बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई थी, उसकी शक्तियां, बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। जब वह उसे कुछ अजीब करता देखते तो उन्हें, खुशी होती और उसकी कलाकारी पर, ताली बजाकर हंसते। वे नहीं जानते थे, कि यह निशि की कलाकारी नहीं, बल्कि उसके चुड़ैल होने का सबूत है। चुड़ैल की बेटी, चुड़ैल ही बनती है। चुड़ैल में अनजाने ही बहुत शक्तियां आ जाती हैं। 

अब तो घर-घर निशि की चर्चा हो रही थी, बच्चे उसके विषय में ही ,बातें करते थे उसका छुपना ,उसका उड़ना , पेड़ पर चढ़ जाना ,ऐसी अनेक बातें थीं , जो बच्चों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई थी। अब तो माता-पिता तक भी है ,बात पहुंच गई और उन्हें जिज्ञासा हुई कि वह लड़की कहां से आती है और कौन है ? ऋषभ और रितिका ने उन्हें बता दिया कि वह इसी गली के कोने वाले घर में रहती है और उसका नाम निशि है। बच्चों को भी इसके विषय में कोई विशेष जानकारी नहीं थी ,किंतु जब उन्होंने अपने घरवालों को यह बात बताई तो उनके आश्चर्य की सीमा नहीं रही और सभी घबरा भी गए. क्योंकि बहुत वर्षों से जो लोग वहां पहले से ही रह रहे थे,उन्हें उसे घर की कहानी का मालूम था। उस घर में एक महिला अपनी बेटी के साथ जलकर मर गई थी। तब से वह घर ऐसा ही पड़ा है ,कोई इसमें रहता भी नहीं है। तब ऐसे में निशि नाम की लड़की, बच्चों के सामने कहां से आई ?

कुछ लोगों ने इस बात का पता लगाने का प्रयास किया, और सब लोग इकट्ठा होकर ,उस घर के सामने गए। दरवाजा खटखटाया ,किंतु वहां कोई नहीं था। अब तो माता-पिता को अपने बच्चों पर खतरा मंडराता नजर आ रहा था। उन्होंने अपने बच्चों से, उस लड़की के साथ खेलने से मना कर दिया बल्कि बच्चों को बगीचे में अब खेलने के लिए भेजा ही नहीं , एक दिन उन्होंने यह देखने के लिए कि वह लड़की कौन है? बगीचे में माता-पिता भी आए। किंतु उन्हें कुछ दिखलाई नहीं दिया , न जाने बच्चे, किससे बातें कर रहे हैं? 

तब सभी माता-पिता ने एक पंडित जी को बुलाकर उनसे, इसके विषय में जानना चाहा। पंडित जी ने पूजा पाठ किया और बताया, उस घर में मां -बेटी की आत्मा रहती है, जो चुड़ैल बन गई है , वही बच्चों के साथ खेलने आती है ,बच्चे उसकी शक्तियों को, कोई चमत्कार या उसकी कलाकारी समझ रहे हैं। किंतु बच्चों के लिए यह खतरे का अंदेशा है क्योंकि जिस दिन भी उसे, किसी भी बच्चे पर क्रोध आ गया ,तो उसका चुड़ैल स्वरूप बाहर आ जाएगा। हो सकता है, बच्चों के लिए, हानिकारक भी हो। 

पंडित जी इसका कोई उपाय तो बताइए! मोेहल्ले वालों ने कहा -हमारे छोटे-छोटे बच्चे बगीचे में खेलते हैं घूमते हैं। उस चुड़ैल से कैसे बचा सकते हैं ?

इसका तो बस एक ही उपाय है, कि चुड़ैल को इसी घर में कैद कर दिया जाए ? यानी कि वह इस घर से बाहर न निकल सके। सबसे पहले पंडित जी ने, उस आत्मा से बात की और कहा -तुम्हें यहां नहीं रहना चाहिए। तुम किसी सुरक्षित स्थान पर चली जाओ ! जहां पर इंसान ना हो, तुम भी आराम से रह सकती हो। और इन लोगों को भी किसी बात का भय नहीं रहेगा वरना मुझे इस घर को मजबूरी में, बांधना पड़ेगा। शुद्ध करना पड़ेगा। जिससे तुम लोग बाहर नहीं निकल सकोगे। 

पंडित जी की बात सुनकर उस चुड़ैल को रोना आ गया क्योंकि वह वर्षों से उस घर में रह रही थी। वह घर उसी का था एक हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी। तब उसने अपनी बेटी का हाथ पकड़ा और उस घर से बाहर जंगलों की तरफ चली गई। 

उसकी बेटी ने कई बार अपनी मां से पूछा, हम अब इस घर में क्यों नहीं रहेंगे ?

तब उसकी मां रोते हुए बोली -उस घर पर अब इंसानों की नजर पड़ गई है। अब वे हमें वहां नहीं रहने देंगे , यदि हमें सुरक्षित रहना है तो हमें इस घर से बाहर जाना होगा।'' बंधन से तो आज़ादी भली ''

सबकी सहमति से, उस घर को अभिमंत्रित करके पवित्र कर दिया गया , ताकि वह चुड़ैल दोबारा ,उस घर में प्रवेश न कर सके। बच्चों ने कई दिन तक निशि की प्रतीक्षा की किंतु वह नहीं आ पाई , तब सभी बच्चों के माता-पिता ने उन्हें समझाया , कि वह कोई आम लड़की नहीं थी , वह एक चुड़ैल थी। किसी भी बच्चे को अपनी माता-पिता की बातों पर विश्वास नहीं हुआ किंतु जब भी उसे याद करते तो कहते -कितनी प्यारी चुड़ैल थी ?
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रचनाएँ
जीवन के रंग
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इतना लम्बा जीवन हम जीते हैं,उसमे सुख है,दुःख है, मस्ती है,मिलना है,बिछुड़ना है,जीवन की पटरी उतार- चढ़ाव से भरी है,जीवन के इस सफ़र में लोग मिलते हैं,बिछुड़ते हैं, उस जीवन के छोटे छोटे हिस्सों को लेकर बनती है एक कहानी वो कहानी जो आपके और हमारे जीवन से मिलती जुलती सी लगती है।उस कहानी में किसी का दर्द छुपा है तो किसी का प्यार समेटती नजर आती है,किसी की दिल से जुड़ी भावनाएं पढ़ हम भावविभोर हो उठते है,किसी का दर्द अपना सा लगता है,जीवन के कुछ ऐसे ही रंग बिखेरती नज़र आती हैं,ये कहानियाँ,इनमें शामिल हो जाइये और इन रंगों को महसूस कर मुझे अपनी समीक्षाओं द्वारा प्रोत्साहित करते रहिये धन्यवाद🙏
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राजनीति

27 जुलाई 2023
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पारुल पढ़ी -लिखी होने के बावजूद, संस्कारों ,परम्पराओं जैसे बंधनों में बंधी ,एक आस्तिक महिला थी। विवाह के बाद अब तो ससुराल ही उसका अपना घर था। उस आशियाने को उसने बड़े प्यार और जतन से सजाया। उसने अपनी

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रेगिस्तान में खो गया

29 जुलाई 2023
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लो , बाबू सा ,चाय पी लो ,सुबोध का इस आवाज से ध्यान भंग हुआ ,उसने पलटकर देखा ,वही काली कजरारी आँखें , दमकता सुडौल बदन किन्तु वो आँखें...... ऐसा कैसे हो सकता है ?उसने आश्चर्य से मन ही मन कहा। नहीं ,ये

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अकेले हम, अकेले तुम

31 जुलाई 2023
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रामलाल जी के दो बेटियाँ और एक बेटा है ,बेटा अभी छोटा है, पढ़ाई कर रहा है। रामलाल जी समय रहते अपनी दोनों बेटियों का विवाह कर देते हैं। दोनों ही अपने -परिवार में खुश हैं। रामलाल जी भी प्रसन्न ही थे किंतु

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बच्चे

2 अगस्त 2023
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विमला देवी ,रसोई घर में ,जोर शोर से, कार्य करने में लगी हुई हैं। उन्होंने खाने में लौकी के कोफ्ते ,कढ़ी चावल और गरमा -गरम चपाती बनाई है। हालांकि उनके कमर में और घुटनों में दर्द है फिर भी वह रसोईघर मे

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सहारा

5 अगस्त 2023
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मैं अक्सर उन्हें ,अपनी खिड़की से देखा करता ,वह एक तस्वीर लिए ,या कुछ कागज...... ,दूर से इतना पता नहीं चल पा रहा था , वे लोगों से मिलते ,कुछ पूछते या बातचीत करते और चले जाते। पता नहीं ,क्या जानना चाह

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आदर

6 अगस्त 2023
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मम्मी घर में ही ,''हॉबी क्लासेस '' चलातीं थीं ,विशेष रूप से लड़कियों, को केक -बिस्किट बनाना सिखातीं ,सारा दिन अपने ही कार्यों में लगीं रहतीं हैं ,वैसे वो बहुत मेहनत करती हैं। यह कार्य भी आसान नहीं , सभ

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बाप की कमाई

8 अगस्त 2023
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प्रशांत ,ने स्कूल में नया -नया दाखिला लिया ,इससे पहले अपने मम्मी -पापा के संग दूसरे शहर में रहता था ,अब उसके पापा का, इस शहर में तबादला हो गया। जब से इस कक्षा से आया है ,सभी बच्चे अपने -अपने घर जाकर

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आखिरी कॉल

10 अगस्त 2023
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पूरा घर गेंदे और गुलाब के फूलों से सजा हुआ है , बहुत सारे मेहमान आए हुए हैं , सभी अपने -अपने कार्य में व्यस्त हैं, घर में खूब चहल-पहल हो रही है , मेहमान आ रहे हैं।' बरनाले' वाली बुआ जी भी आ गई हैं ,

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समाज - सेवा

14 अगस्त 2023
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बच्चे बड़े हो गए ,निशा दिनभर घर में अकेली रहती ,बच्चे अपनी पढ़ाई और दोस्तों में व्यस्त रहते ,मौहल्ले में घूमने का भी उसे ज्यादा शौक नहीं ,फोन उठाया, उसे ऐसे ही चला -चलाकर देखती रही ,उसने अपनी पसंद का

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अबके बरस

16 अगस्त 2023
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श्रावण मास 'तो हर बरस आता है और श्रावण के त्यौहार भी ,जैसे -हरियाली तीज , श्रावण के सोमवार,पूरे माह व्रत और कुछ लोग कांवड़ भी लाते हैं फिर महाशिवरात्रि और रक्षाबंधन।बारिश की रिमझिम फुहार से सारी प्रक

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भेंट

18 अगस्त 2023
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सुगंधा ने बाहरवीं पास कर ली ,घर में न ही ख़ुशी का वातावरण है न ही दुःख का। बल्कि उसके पिता को उसके विवाह की चिंता अवश्य हो गयी और वे बड़ी तन्मयता से उसके लिए लड़के की तलाश में जुट गए। सुगंधा का बाहरवीं

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एक राज़

20 अगस्त 2023
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आज तो निलेश ने हद ही कर दी, उसके एक तमाचा भी जड़ दिया। सारिका जी, को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया, उन्होंने निलेश को डांटते हुए कहा -तुम्हें तनिक भी शर्म नहीं है। तुमसे उम्र में कितनी बड़ी हैं ?तुम्हार

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सुम्मी!

25 अगस्त 2023
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जी हाँ ,आज की हमारी कहानी की नायिका ''सुम्मी ''है ,जो सांवली सी भोली -भाली ,अंतर्मुखी लड़की है। वैसे तो माता-पिता ने उसका नाम' सुमनलता 'रखा है किंतु मां लाड में उसे 'सुम्मी 'ही कहकर पुकारती है।सांवली ह

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दादीजी!

30 अगस्त 2023
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प्रियाजी, के लड़के का विवाह हुआ है , बहु पढ़ी -लिखी सुंदर है, नौकरी भी करती है। प्रियाजी , अकेले ही सारे काम संभाल रहीं थीं लेकिन ख़ुशी में अपनी थकान का ध्यान ही नहीं। आज बहु की मुँह दिखाई की रस्म है ,म

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तैयारी, अगले जन्म की

5 सितम्बर 2023
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आज आपको मिलवाते हैं ,''मिस्टर अनोखेलाल से '', मिस्टर अनोखेलाल ,अपने नाम की तरह ही अनोखे हैं। उनकी बातें भी दिलचस्प हैं , मैंने उस इंसान को जब भी देखा या मिला हमेशा खुश ही देखा। उसे इस तरह खुश देखकर,

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पैसा बोलता है!

8 सितम्बर 2023
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बहू के आते ही घर में खुशहाली आ गई , आये भी क्यों न ?बहुत धूमधाम से शादी हुई है ,बहु दान -दहेज भी बहुत लाई है। पच्चीस लाख नकद , समधी जी ने बेटी -दामाद के खाते में जमा करा दिए। बाक़ी घरेलू सभी सामान

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सांझा चूल्हा

11 सितम्बर 2023
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साँझा चूल्हा ''जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है। एक ऐसा परिवार ,एक ऐसी छत जिसके नीचे ,एक बड़ा परिवार रहता है ,जिसमें दादी -बाबा ,ताऊ -ताई ,चाचा -चाची ,उनके बच्चे। घर में खूब रौनक रहती है। सास- बहुएं ,रस

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बहकते कदम!

16 सितम्बर 2023
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जिंदगी में पहली बार कुछ अलग ही एहसास हो रहे थे ,ऐसा उसने आज से पहले कभी महसूस नहीं किया। वो उसकी बातों को यादकर अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी। लगता है ,जिंदगी कितनी सुहानी है ,सब कुछ अच्छा ही अच्छा है

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स्वार्थी

19 सितम्बर 2023
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मां !तुम कितनी लापरवाह हो ? अपना तनिक भी ख्याल नहीं रखतीं। रमेश ,माँ को आज डॉक्टर को दिखलाकर लाया है। माँ, कई दिनों से ,थकावट ,घुटनों में दर्द , इत्यादि बीमारियों की शिकायत कर रही थीं। रमेश ने सोचा

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बेसन के लड्डू

21 सितम्बर 2023
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गुप्ता जी ,शांति से बैठे ,समाचार -पत्र पढ़ रहे थे ,तभी उन्हें कुछ मीठा खाने की इच्छा हुई और अपने बेटे की बहु से बोले - पल्लवी बेटा ! जरा'' बेसन के लड्डू'' तो देना। पल्लवी रसोई घर में थी, रसोई घर स

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श्राद्ध

29 सितम्बर 2023
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नई नवेली दुल्हन जब घर में आ जाती है, तो बहु की जिम्मेदारी तो बढ़ती ही हैं लेकिन सास की जिम्मेदारियां भी कम नहीं होतीं। बहु को अपने घर के तौर- तरीक़े समझाना ,बहु को उसकी जिम्मेदारियों से परिचित कराना। व

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बासी रोटी

21 अक्टूबर 2023
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दीप्ती आज, अपने घर आ रही है। बहुत दिनों से मायके जाना नहीं हुआ था। घर -गृहस्थी में ऐसी फंसी ,मम्मी भी अक्सर फोन करती रहतीं , तब भी जाना नहीं होता। क्योंकि कभी तो पतिदेव को छुट्टी नहीं मिलती और कभी बच्

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रात का डर

30 अक्टूबर 2023
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मैंने दादा जी से , रात कितनी बार कहा था ?चलो !चलकर डॉक्टर को दिखा लेते हैं ,लेकिन इन्होंने मेरा कहा नहीं माना , क्रोधित और उत्तेजित होते हुए ,जाह्नवी अपनी मम्मी से बोली - अब बड़े हैं, अपनी चलाएंगे बच्

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भूले नहीं, उलझ गये थे

16 नवम्बर 2023
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आज दीपक की बिटिया का विवाह है। सब कुछ सही समय पर ठीक -ठाक चल रहा है। कुछ दिन पहले दीपक की हालत देखने लायक थी।' बहनजी' आईं थीं ,रिश्ता लेकर,उनके किसी जानने वाले का बेटा था। उनका परिवार और वो लड़का भी ह

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चिट्ठी का सच

19 नवम्बर 2023
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क्या तुम यही रहती हो ? आज से पहले तो तुम्हें कभी नहीं देखा , पड़ोस का एक लड़का अपनी छत से खड़े होकर, दूसरी छत पर खड़ी लड़की से पूछ रहा था। वह लड़की मुस्कुराते हुए बोली -नहीं ,मैं यहां नहीं रहती ,

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खो गया, बच्चा

13 दिसम्बर 2023
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आज कबीर बहुत फूट कर रोया , उसे अपने किए पर पछतावा था। अपनी मां की गोद में सिर रखकर बहुत देर तक रोता रहा, पछतावा करता रहा ,मैंने अपनी मां को कितने कष्ट दिए हैं ? कभी सोचा ही नहीं, उस पर क्या बीतती होग

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तुम्हारी याद में

14 दिसम्बर 2023
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आरती को जब कपिल का पत्र मिला ,उसके मन में तो ख़ुशी थी, किन्तु दिल में घबराहट थी। अजीब सी गुदगुदी महसूस हो रही थी,न जाने इस पत्र में ,उसने क्या लिखा होगा ?यह सोचकर ही ,चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। कुछ

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सराहना

19 दिसम्बर 2023
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प्रगति अपनी बारी के इंतजार में, अस्पताल में,मरीज़ों की पंक्ति में बैठी थी। इतने बीमार लोगों की ,भीड़ थी। हर कोई परेशान नजर आ रहा था, किसी को कुछ न कुछ बीमारी थी। प्रतीक्षा करते-करते उसे काफी देर हो

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रहस्यमयी चाबी

21 दिसम्बर 2023
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केदारनाथ जी की, आज हालत बहुत खराब है ,उनकी पत्नी और उनके बहु -बेटा और उनके चार पोते उनके समीप ही खड़े हैं। बहुत दिनों से, उनकी तबियत खराब थी किन्तु आज कोई दवाई भी असर नहीं कर रही। डॉक्टर ने भी जबाब दे

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अपूर्ण किस्सा

23 दिसम्बर 2023
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रेवती आज पराग के लिए पराठे लाई, दोनों ने खुश होकर, एक साथ बैठकर खाए। जब से पराग ,इस दफ्तर में आया है, तब से रेवती से, उसकी कुछ ज्यादा ही दोस्ती हो गई है। रेवती भी, उसके आने से खुश है। दोनों ही समझदार

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क्या तुम्हें याद है!

26 दिसम्बर 2023
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सुनो ! क्या तुम्हें याद है ? हम कब ,एक साथ बाहर गए थे ? कब एक साथ ,हमने चलचित्र देखा ?क्या तुम्हें याद है ? कब एक साथ बैठकर , चैन की सांस ली ? चलो ,छोड़ो ! क्या तुम्हें मेरा, जन्मदिन भी याद है या हमार

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सर्दी की रात

31 दिसम्बर 2023
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ठंड़ आज कुछ ज्यादा ही पड़ रही है, तन थर-थर कांप रहा है। ऐसे में कुछ लोग, आग जलाकर आग के आसपास बैठे हुए हैं। कुछ लोग रजाई में घुस गए हैं। कुछ गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने की तैयारी कर रहे हैं। विभोर

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कमरा नंबर ३०३

6 जनवरी 2024
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एक अधेड़ उम्र दम्पत्ति ,प्रातःकाल ,वृद्ध आश्रम के दरवाजे पर खड़े नजर आये। उस व्रद्धाश्रम के संस्थापक ने इतनी ठंड में ,उन दोनों को खड़े देखा। तब वह उनके करीब गया और उनसे ,उनके इस स्थान पर खड़े होने का कार

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जैसे को तैसा

12 जनवरी 2024
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मेरे बेटे का आज जन्मदिन है, मैंने रात में ही सोचकर तैयारी कर ली थी कि क्या -क्या बनाना है ?सुबह बेटे को उठाने गई -आदि !उठो बेटा ,आज तुम्हारा जन्मदिन है। उठो !तुम्हारे मामा -मामी आने वाले हैं ,तुम्हा

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अनूठा निर्णय

21 जनवरी 2024
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अरे ,कलमूही ! यह तूने क्या कर डाला ? यह सब करते हुए, तुझे तनिक भी शर्म नहीं आई। तूने परिवार की इज्जत को, मिट्टी में मिला डाला। डोली की मां उस पर चिल्लाते हुई ,बोली -उसके मन में तो आ रहा था कि इसे पीट

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समझौता

3 फरवरी 2024
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कल्पना के पैरों तले से जैसे, जमीन खिसक गई ,उसे विश्वास ही नहीं हुआ ,यह भी हो सकता है। उसे लगा ,शायद उसकी नजरों का धोखा है। वह नजदीक ही ,छुपकर खड़ी हो गई, और चुपचाप उनका पीछा करने लगी। वह जानना चाहती थ

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रहस्यमयी पत्र

4 फरवरी 2024
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श्रीमती गुप्ता ने जैसे ही, कक्षा में प्रवेश किया ,तभी उनके ऊपर एक पर्ची आकर गिरी। उस पर्ची को उन्होंने देखा और आसपास भी देखने लगीं। यह पर्ची उनके पास, किसने फेंकी है ?पहले तो सोचा ,ऐसे ही कहीं से उड़क

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एक कप कॉफी

24 फरवरी 2024
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आज शीघ्र ही, कॉलेज की छुट्टी हो जाएगी, लेक्चर भी शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा इसीलिए सभी दोस्तों ने आपस में मिलकर'' कॉफी हाउस'' में जाकर कॉफी पीने की योजना बनाई। श्रुति, पल्लवी ,अनिरुद्ध और तेजस्व ! चारों

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भयानक रात का आख़िरी कॉल

2 मार्च 2024
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शोभित, रतन, अतुल और नारंग चारों दोस्त ,मस्ती में जा रहे थे। कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं। कुछ समझ नहीं आ रहा था ,समय काटे नहीं कट रहा था। जब भी समय मिलता है ,चारों दोस्त घूमने निकल पड़ते हैं । आज के

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सोशल मिडिया

5 मार्च 2024
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पापा ने उसे नया फोन दिलवाया था, आज उसने'' सोशल मीडिया'' पर अपना नया-नया अकाउंट बनाया था। वह बहुत प्रसन्न थी, अपने जन्मदिन पर बहुत सारी तस्वीरें, अपने फोन में ही खींच लीं थीं । कभी फेसबुक कभी व्हाट्स

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स्कूटी ( भाग १)

16 मार्च 2024
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जीवन तो हादसों से ही भरा होता है ,कुछ न कुछ हादसे हमारे जीवन में हो ही जाते हैं और कुछ हादसे ऐसे होते हैं जो जीवन को एक नई दिशा दे जाते हैं, या फिर व्यक्ति की सोच ही नहीं ,उसका व्यक्तित्व ही बदल जाता

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स्कूटी ( भाग २)

17 मार्च 2024
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निशा का विवाह एक अभियंता से हो जाता है ,जिस पर सम्पूर्ण घर की ज़िम्मेदारियाँ थीं ,निशा ने भी उसका हर सुख -दुःख में सहयोग किया। उसकी हर ज़िम्मेदारी को अपना मानकर चली ,जिस कारण वो अपनी ओर, और अपनी इच्छाओं

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डरावनी गुड़िया

17 मार्च 2024
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बिट्टो ! हां ,यही तो नाम है , उसका...... उसका भी मन करता था कि वह खेल -खिलौनों से खेले , किंतु उसकी मां के पास तो इतने पैसे ही नहीं थे कि वह उसको खिलौने दिलवा सके। एक दिन तो बिट्टो जिद करके ही बैठ ग

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ये कैसा सम्मान?

23 मार्च 2024
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उसके घर से अक्सर, चीखने- चिल्लाने की, लड़ने की आवाजें आती रहतीं। अक़्सर सुनने में आता ,जो लोग अनपढ़ या गरीबी के वातावरण में रहते हैं। उनके घरों में ही ऐसे झगड़े होते रहते हैं। किंतु उन्हें गरीब भी नहीं

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पिछला जन्म

30 मार्च 2024
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धीरेंद्र और वीरेंद्र दो अच्छे मित्र थे। एक ही गांव में रहते थे। साथ-साथ पढ़ते और खेलते थे। उन दोनों में काफी गहरी दोस्ती थी। एक दूसरे पर जान छिड़कते थे ,दोनों ने विवाह भी लगभग एक साथ ही किया दो

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वो भयानक रात

2 अप्रैल 2024
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रात कोई भी हो, सबके लिए समान नहीं होती, किसी के लिए सुख लेकर आती है ,तो किसी के लिए दुख लेकर आती है। रात्रि तो वही होती है , किंतु अलग-अलग समय के लोगों के लिए अलग-अलग संदेश लाती है। हर भयानक रात, में

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मुझे सम्मान चाहिए

5 अप्रैल 2024
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बहुत दिनों पश्चात शिखा अपने मायके अपने भैया -भाभी से मिलने आई है , आये भी क्यों न ? खुशी का बहाना भी है। भाभी की अभी कुछ महीनों पूर्व ही , नई नौकरी लगी है। भैया- भाभी ने तो एक बार भी नहीं कहा -क

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जादुई घोड़ा

7 अप्रैल 2024
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वह किसी ऐसे जादू की कल्पना करता ,पलक झपकते ही ,उसके सभी कार्य हो जाए। वो हमेशा कल्पनाओं में खोया रहता है। सोचता है ,कोई ऐसी चीज हो, जो जादू की तरह उसकी सभी कल्पनाओं को उड़ान दे या फिर कोई ऐसी जादुई

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दोस्ती या प्यार

20 अप्रैल 2024
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रजत ! यह तुम क्या कह रहे हो ? मैंने कभी तुम्हें इस नजर से देखा ही नहीं , मैं तो तुम्हें अपना सबसे अच्छा दोस्त ही समझती हूं। किंतु मैं तो तुमसे मन ही मन प्रेम करता आ रहा हूं, जब से मैंने तुम्हें

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जाने का डर

22 अप्रैल 2024
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स्वांती परेशानी में बैठी थी , उसके मन में अनेक प्रश्न उठ रहे थे, क्या यह सही होगा ? जो लोग सोचते हैं या कहते हैं, वे सही हैं। समझ नहीं आ रहा क्या करूं? जब प्रणव ने बताया -कि वह बाहर पढ़ने जाना चाहता

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सिर्फ़ तुम्हारे लिए

22 मई 2024
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आज तो हद ही हो गई,'' मिस्टर गुप्ता '', बेटे की बात सुनकर बाहर चले गए। अरुंधति को रोना आ गया और वह अपने कमरे में जाकर फूट-फूट कर रोने लगी। आजकल के बच्चे कैसे हो गए हैं ? उन्हें इतना भी एहसास नहीं रहता

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हीरों का हार

10 जून 2024
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आज' फेसबुक' पर, 'अनामिका' ने अपनी सहेली रोहिणी की तस्वीर देखी, उसे देखकर प्रसन्न तो हुई किंतु मन ही मन जल -भुन भी गई। उसके जलने का कारण उसकी सहेली रोहिणी नहीं थी ,वरन उसके गले में पड़ा हुआ, वह 'हीरे

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जादू प्यार का

13 जून 2024
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किशोरी अपने घर की छत पर खड़ी, उस लड़के को देख रही थी। जो अभी -अभी गाड़ी से उतरा है। शायद ,पड़ोसी के घर में, वह मेहमान बन कर आया है। शायद ,उनका कोई रिश्तेदार है। अनेक अटकलें लगा बैठी। देखने में बहुत ही

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आख़िरी बेंच

10 जुलाई 2024
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पूर्णिमा जी ,की अब उम्र हो चली है ,आँखों पर चश्मा भी चढ़ गया है। अब वो आराम चाहती हैं ,बहुत सालों से उत्तरदायित्वों के चलते ,शिक्षिका के पद पर कार्यरत रहीं। बहुत से बच्चोंको पढ़ाया ,उनकी ज़िंदगी में न

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पत्र का रहस्य

10 जुलाई 2024
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अभय अवस्थी जी,आज उनकी तस्वीर पर एक माला टँगी है ,उनकी पत्नी 'माया' उनकी बातों को ,उन यादों को स्मरण कर रोये जा रही है। अवस्थी जी ,मुझे यूँ अकेला छोड़कर क्यों चले गये ? मैं आपके बिना अकेली कैसे रहूंगी ?

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आख़िरी संदेश

18 जुलाई 2024
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नितिन,अपनी नौकरी के साक्षात्कार की तैयारी में जुटा था। लिखित परीक्षा में वह पास हो गया था। साक्षात्कार के पश्चात एक परीक्षा और होनी है और उसके पश्चात ,उस नौकरी के लिए ,'कॉल' आ जायेगा। परिवार वाले भी,

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आख़िरी संदेश

18 जुलाई 2024
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नितिन,अपनी नौकरी के साक्षात्कार की तैयारी में जुटा था। लिखित परीक्षा में वह पास हो गया था। साक्षात्कार के पश्चात एक परीक्षा और होनी है और उसके पश्चात ,उस नौकरी के लिए ,'कॉल' आ जायेगा। परिवार वाले भी,

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पहनावा

18 जुलाई 2024
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शिल्पा बहुत दिनों के पश्चात ,अपने मायके में आई हुई है , घर में अच्छी -खासी रौनक हो गई है , क्योंकि दूसरे शहर से उसका भाई भी मिलने आया है। शिल्पा अपने मम्मी -पापा से बातें कर रही है, तभी उसकी भाभी नहाक

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बुआ की सीख

26 जुलाई 2024
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आज प्रातः काल जब मनु उठी तो सिर में, थोड़ा भारीपन था अजीब सा महसूस हो रहा था समझ नहीं आ रहा ,ऐसा क्या हुआ है ? सिर में हल्का-हल्का दर्द था, सोच रही थी -आज सिर की थोड़ी मालिश की जाए। रसोई घर में गई और

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लोभ

2 अगस्त 2024
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इंसानों की तरह ही लोभ के भी कई रूप है ,कई रूपों में नजर आता है। हमारे बड़े बुजुर्गों ने कहा है -क्रोध ,मद ,लोभ ,मोह ये सभी पतन की ओर ले जाते हैं। ये सभी बुराइयां हैं ,किन्तु मेरा मानना है ,इनमें कोई बु

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प्यारी चुड़ैल

7 अगस्त 2024
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ऋषभ और रितिका बगीचे में खेल रहे थे। शाम के समय अन्य बच्चे भी ,उस बगीचे में आ जाते हैं और सब मिलकर ,साथ में खेलते हैं किंतु आज कुछ बच्चे अपने घर से बाहर नहीं आए , न जाने क्यों ?उन्हें आने समय लग गया ?

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सुपर हीरो

7 अगस्त 2024
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स्कूल में ,छोटे बच्चों का कार्यक्रम है, और उसमें सभी बच्चों को ''सुपर हीरो '' बनकर आने के लिए कहा गया है। सभी बच्चों को ,अपने पसंद के ,' सुपर हीरो ''की तरह ही बनकर आना है। जिसको जो 'सुपर हीरो' अच्छा ल

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उस पल " की कहानी

3 दिसम्बर 2024
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सुबह जब मधु उठी ,तो घर में, एक बूंद भी पानी नहीं था। उसने टंकी चलाकर देखा लेकिन नल में पानी नहीं आ रहा था, उसने थोड़ी प्रतीक्षा की। केतली में थोड़ा पानी रखा था, वह सुबह उठते ही ,पानी पीती है इसलिए उसन

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