फानूस के पर्दे में क़ैद रहके क्षमा
कहती है परवाने से कुछ कर रिहाई
के लिए ख़ुद को फना करने के सिवा..........!
प्यार करता है मुझसे तो मरता क्यों है
और भी रास्ते हैं तलाश कर तू मुझे
पाने के लिए...................!
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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