🌹 हर एहसास में बसा है तू, 🌹
जिस्म में रूह की तरहं,
तेरे होने की और क्या गवाही दुनिया
को चाहिए भला।
🌹
स्वरचित रचना सय्यदा----✒
-----------🌹🌹------------
30 नवम्बर 2021
🌹 हर एहसास में बसा है तू, 🌹
जिस्म में रूह की तरहं,
तेरे होने की और क्या गवाही दुनिया
को चाहिए भला।
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स्वरचित रचना सय्यदा----✒
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हृदय अंकुरित भावों का शब्द रूप है काव्य, लेखक होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य.........जी हां मुझे गर्व का अनुभव होता है जब मैं कोशिश करती हूं एक लेखक और कवि बनने की.... मेरे प्रयास की झलक आपको मेरे धारावाहिक लेख और कविताओं में देखने को मिलेगी,,,, मेरे द्वारा लिखी रेसिपी में एक गृहिणी और मेरे आर्टिकल में आप एक अध्यापिका के रूप में मुझे समझ पाएंगे। आप लोगों का प्रोत्साहन मेरे लेखन को निखारने में मदद करेगा और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए आपकी समीक्षाएं मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । 🌹🌹🌹 D
चंद पन्क्तियों मे विस्तृत वर्णन
1 जनवरी 2022
वाह वाह क्या कहा है👌
9 दिसम्बर 2021
9 दिसम्बर 2021
Bahut khub likha aapne 👌👌👌
30 नवम्बर 2021
सही बात कही है आपने।
30 नवम्बर 2021
Bahut khoob 👌🏻 🎈
30 नवम्बर 2021