🌷 तुम ही मुझको रुलाओगे
ऐ दोस्त मुझे मालूम न था
तुम्हें अपना बनाया था
मन मंदिर में सजाया था
🌷तपस्या करी थी तुम्हारी
तुममे भगवान को पाया था
तुम्ही तोड़ोगे मेरे दिल को
ऐ दोस्त मुझे मालूम न था
🌷मुझे मेरी वफाओ का तुम
कुछ ऐसा सिला दो गे।
घर अपने बुला ओ गे
फिर मुझको सताओ गे।
🌷दुखाके मेरे दिल को
तुम मंद मंद मुस्काओगे
🌷ऐ दोस्त मुझे मालूम न था
सय्यदा-----✒
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