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सलिल का तांत्रिक भूत नाथ से मिलना और भूत नाथ की तांत्रिक क्रिया.......

18 सितम्बर 2022

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एस. पी. साहब के जाने के बाद सलिल गहरी निंद में सोया था और इसके कारण ही उसको राहत की अनुभूति हो रही थी। उसने देखा कि रोमील के चेहरे पर भी ताजगी थी और उस ताजगी को देखकर समझ गया था कि उसके सोने के बाद वह भी सो गया हो गया। अब तो सुबह हो चुका था, इसलिये सलिल अपनी शीट से उठा और बाहर निकला। उसका बाहर निकलना और रोमील ने उसका अनुसरण किया।
                       फिर दोनों बाहर निकले, कार में बैठे और कार श्टार्ट होकर पुलिस स्टेशन से बाहर निकली और सड़क पर दौड़ने लगी। ऐसे में ड्राइव करते हुए सलिल ने रोमील की ओर देखा, उसके कान में लीड लगी थी और आँखें बंद थी। शायद वो गीत सुनने में मस्त था, ऐसे में उससे बात करने का कोई मतलब नहीं था। इसलिये उसने ड्राइव पर ध्यान केंद्रित की और सोचने लगा कि आगे क्या करना है?....वो जानता था कि अगर थोड़ी सी भूल-चुक हो गई, तो मामला बिगड़ भी सकता था। मामला संगीन था, ऐसे में संभल-संभल कर कदम उठाने की जरूरत थी। परन्तु.....सलिल जानता था कि मामला ही ऐसा है, जो धोखा दे सकता है। 
                        सुबह के समय, चारों तरफ नव प्रभात किरणों से जगमग कर रहा था। सुबह का समय होने के कारण हर तरफ ताजगी महसूस हो रही थी। सड़क पर सुबह-सुबह दौड़ती गाड़ियां और किनारे पैदल चलते लोग, लगता था कि "दिल्ली जग कर सड़क पर उमड़ आया हो। ऐसे में सलिल को भी "ताजगी पाने के लिए" काँफी की जरूरत महसूस हुई और उसने टी-स्टाल के सामने गाड़ी खड़ी कर दी। फिर तो दोनों ने वहां पर काँफी पी और फिर सफर पर चल पड़े और पहुंच गए तांत्रिक भूत नाथ के पास। जब दोनों ने झोंपड़े में कदम रखा, देखा कि आसन पर बैठा हुआ भूत नाथ गेट की ओर ही टकटकी लगाए देख रहा था। ऐसे में भूत नाथ का आदेश मिलते ही दोनों रखी कुर्सियों पर बैठ गए। तब बोलने को उत्सुक रोमील बोल ही पड़ा।
स्वामी जी!
हां बोलो वत्स!.....रोमील की बातें सुनकर स्वामी भूत नाथ ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। जिसे सुनते ही रोमील तत्काल बोल पड़ा।
स्वामी जी!.....हम लोगों ने अंदर आते हुए देखा कि आप गेट की ओर ही देख रहे थे, शायद हम लोगों के आने का ही इंतजार कर रहे थे। रोमील ने प्रश्न पुछा और अपनी नजर भूत नाथ पर टिका दी। जबकि उसके इस प्रकार से बात करने पर सलिल की भँवें तनिक चढी,....परन्तु देखने के बाद भी रोमील  ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। जबकि उसके प्रश्न सुनकर तांत्रिक भूत नाथ ने मंद-मंद मुस्करा कर कहा।
हां, जरूर ऐसा ही है!.....मैं आप लोगों की राहें ही देख रहा था। बोलने के बाद भूत नाथ थोङी देर के लिए रुका, फिर आगे बोला। बात ही कुछ ऐसी है, क्योंकि जब से मैं होटल से लौटा हूं, थोड़ा उलझन में हूं। बोलने के बाद भूत नाथ मौन हो गया, जबकि उसकी बातें सुनकर सलिल चौंककर बोला।
बात ही ऐसी है,....से आपका क्या मतलब है? आप कहना क्या चाहते है, स्पष्ट कहें?
कहने की बात बस इतनी है कि जब से मैं होटल से लौटा हूं, लग रहा है कि कुछ अनिष्ट होने बाला है। कोई ऐसी शक्तिशाली आत्मा है, जिसकी छवि स्पष्ट नहीं हुआ है। सलिल के बातों के उत्तर में भूत नाथ बोला, फिर अपनी बातों की प्रतिक्रिया को सलिल के चेहरे पर देखने के लिए रुका, फिर बोला। जहां तक मेरा अंदाजा है कि इस आत्मा को नियंत्रित करने के लिए बहुत बड़ा अनुष्ठान करना होगा, वह भी शीघ्र।
तो....आप चाहते क्या है? भूत नाथ की बातें सुनकर चौंक कर बोला सलिल, जबकि उसके चौकने के प्रतिक्रिया स्वरूप भूत नाथ के होंठों पर फिर मुस्कान उभड़ी, जिसे रोक कर वो बोला।
मिस्टर सलिल, चाहना मुझे नहीं बल्कि आपको है। आप अनुष्ठान की तैयारी करवाइए, फिर देखिए कि "वारदात" किस प्रकार से रुकता है। बोलने के बाद भूत नाथ ने चुप्पी साध ली।
                    सलिल उसके प्रतिक्रिया स्वरूप बोलना ही चाहता था, तभी वहां पर सुंदर सी युवती काँफी का ट्रे थामे हुए आई। उसने सभी के हाथों में कप थमाया और उलटे पांव लोट गई। उस युवती को देखते ही सलिल के दिमाग में आया कि भूत नाथ का जीवन कितना विलास पूर्ण है। कहने को तो वो एक तांत्रिक है, लेकिन अपनी सेवा में कमायनी सी सुंदर युवती को रखे हुए है। फिर भी दुनिया उसकी पुजा करती है, तभी तो उसका दुकान धड़ल्ले से चल रहा है। सोचते हुए सलिल ने अपनी काँफी खतम की और वहां रखे टेबुल पर रखा। भूत नाथ और रोमील पहले ही काँफी पी चुके थे, ऐसे में अब वहां रुकने का कोई मतलब ही नहीं था।
                         तभी तो तीनों बाहर निकले और कार में बैठ गए। इस बार ड्राइव रोमील ने संभाल रखी थी। उसने कार श्टार्ट की और आगे बढा दिया, लक्ष्य था "होटल सन्याल। कार रफ्तार से भागी जा रही थी, जबकि अंदर सन्नाटा पसरा हुआ था। इस सन्नाटे से रोमील ऊब चुका था, वो बात करना चाहता था, लेकिन भूत नाथ की मौजूदगी के कारण नहीं कर पा रहा था। फिर तो इसी सन्नाटे भरी चुप्पी में पूरा रास्ता निकल गया और कार होटल सन्याल के प्रांगण में जा लगी। इसके बाद तीनों कार से बाहर निकले और होटल बिल्डिंग की ओर बढ गए। तभी होटल प्रांगण में मीडिया बालों की भी गाड़ी आने लगी और जैसे ही भूत नाथ ने मीडिया बालों को देखा, उसमें गजब की फुर्ती आ गई।
                                      फिर तो तीनों को उस रुम में पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगा, जिसमें बीती रात दुर्घटना घटित हुई थी। वहां पर पहले से ही पुलिस बालों द्वारा पुजा पाठ की तैयारी कर ली गई थी। इसलिये "भूत नाथ" जैसे ही वहां पहुंचा, तांत्रिक क्रियाओं को करने में जूट गया।....जबकि सलिल ने देखा कि मीडिया बाले "तांत्रिक क्रिया कलापों का कबरेज कर रहे थे" ऐसे में उसका वहां रुके रहने का कोई मतलब नहीं था। इसलिये उसने मन ही मन फैसला कर लिया कि इस समय "होटल बिल्डिंग" की तलाशी लेगा। इसलिये वो रोमील के साथ उस रूम से बाहर निकला और होटल बिल्डिंग की तलाशी लेने लगा।
                  उसे आशा थी कि "कहीं कोई सबूत, जो कि अपराधी के द्वारा भूल बस वहां छूट गया हो, उसके हाथ लग जाए"। परन्तु उसके मनोकामना की सिद्धि नहीं हो सकी। उसने पूरे दो बार बहुत ही बारीकी से "होटल बिल्डिंग" की तलाशी ली,....परन्तु उसके हाथ ऐसा कुछ नहीं लगा, जिसे वो सबूत कह सकता और अपराधी तक पहुंच पाता।.....ऐसे में वो निराश होकर वापस उसी रूम में लौट आया, जिसमें तांत्रिक क्रियाएँ हो रही थी। उसने देखा कि "मीडिया बालों की मौजूदगी के कारण" भूत नाथ कुछ ज्यादा ही उत्साहित था और शायद इसलिए ही वह मंत्रों को तनिक ऊँचे स्वर में उच्चारण कर रहा था और मीडिया बाले भी "उस तांत्रिक अनुष्ठान" को कबरेज करने में अच्छी-खासी दिलचस्पी ले रहे थे और यह जानना सलिल के लिए आश्चर्य से कम न था।
                      वह अच्छी तरह से जानता था कि ये जो तांत्रिक क्रियाएँ करवाई जा रही है, बस मीडिया बालों और जनता का ध्यान भटकाने के लिए। अन्यथा वो अच्छी तरह से जानता था कि इस केस में भूत-प्रेत जैसी कोई बात नहीं है। हां, ये केस जरूर इस तरह से उलझा हुआ था कि किसी को भी "पहली नजर में ही" भूत-प्रेत की करामात लगे।.....इस बात की पुष्टि आज पोस्टमार्टम रिपोर्ट करने बाली थी, सलिल यह भी अच्छी तरह से जानता था। फिर भी तांत्रिक भूत नाथ ने अघोरी माया फैलाने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ी थी। वह तांत्रिक साधना का इस तरह से प्रयोग कर रहा था, मानो भूतों ने ही हत्याएँ की है और अब वो उसे पकड़ लेगा।
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क्रमश:-

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रचनाएँ
रति संवाद
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कहानी के मुख्य शब्द, यानी कि रति संवाद, मानव मन की वेदना का आकलन है। जब कोई किसी के द्वारा छला जाता है, किसी के द्वारा धोखा खाता है, तो उसके हृदय में कुंठा जागृत होती है। जब वह अपने मन की कुंठा का समन नहीं कर पाता, तो फिर औरो के लिए नुकसान देय बन जाता है। जीवन जितनी सरल है, हमने अगर जीना नहीं सीखा, यह उतना ही दु:ष्कर बन जाता है। जब हम बिना बजह ही सपनों के पीछे दौङते है, वह सपना भार रुप हो जाता है। प्रारंभ:-
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रति संवाद( जीवन के अनछुए पहलू की कहानी)........

16 सितम्बर 2022
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कहानी के मुख्य शब्द, यानी कि रति संवाद, मानव मन की वेदना का आकलन है। जब कोई किसी के द्वारा छला जाता है, किसी के द्वारा धोखा खाता है, तो उसके हृदय में कुंठा जागृत होती है। जब वह अपने मन की कुंठा का समन

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रोहिणी पुलिस स्टेशन.......

16 सितम्बर 2022
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इंस्पेक्टर सलिल वैभव! नाम के ही अनुरूप शालीनता थी, लेकिन वह तभी तक, जब तक कि उसके मातहत उसके अनुरूप कार्य करते थे। अन्यथा तो थोड़ी सी गलती हुई नहीं कि सलिल से तूफान बनते देर नहीं लगती थी। फिर तो मत पुछ

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होटल सांभवी........

16 सितम्बर 2022
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रात के आठ बज चुके थे! यूं तो शहर रात के आगोश में समा चुका था, परन्तु शहर रोशनी में पूरी तरह नहा चुका था। होटल "सांभवी" को दुल्हन की तरह सजाया गया था। काफी क्षेत्रफल में फैला हुआ होटल "सांभवी", आगे विश

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सलिल का होटल पहुंचना और लाश का मुआयना करना......

16 सितम्बर 2022
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रोहिणी पुलिस स्टेशन! इंस्पेक्टर सलिल ने फोन पर बात करके अभी काँल को डिस्कनेक्ट कर दिया था।.....परन्तु अभी भी सलिल शांत नहीं हुआ था, उसकी धड़कन धौंकनी की मानिंद चल रही थी। उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव ग

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नंदा की लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजना और सलिल की मीडिया बालों से झरप.....

16 सितम्बर 2022
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श्रेयांश के पास से उठने के बाद सलिल होटल के अंदर की तरफ बढा। होटल पांच मंजिला था, इसलिये सलिल को पूरा होटल खंगालने में करीब एक घंटे का समय लग गया। परन्तु क्या मजाल कि उसके चेहरे पर हल्की सिकन भी आई हो

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सान्या सिंघला......

16 सितम्बर 2022
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रात के करीब एक बजने को थे। अमूमन तो इस समय तक दिल्ली की सड़क की रफ्तार बहुत धीमी हो जाती थी। परन्तु कमर्शियल वाहन की बाढ सी आ जाती थी। जिसमें से अधिकतर बड़ी गाड़ियां होती थी। आज भी सड़क पर बड़ी- बड़ी गाड़िया

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पुलिस स्टेशन.......

16 सितम्बर 2022
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रात के एक बजे के करीब पुलिस काफिला रोहिणी पुलिस स्टेशन पहुंची। इसके बाद वे लोग उतरे और आँफिस की ओर बढे। चलते-चलते सलिल ने रोमील को समझाया कि भल्ला एवं श्रेयांश को लाँकअप में डालो, इससे हम बाद में पूछत

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लवण्या आर.......

16 सितम्बर 2022
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सुबह की प्रभात किरणें फूटने को आतुर हो चली थी। चारों तरफ उजाला फैल चुका था और अंधेरे का साम्राज्य छिन्न -भिन्न हो चुका था।.....तो सहज ही था कि चिड़िये के कलरव से वातावरण गूंज उठे। "यूं तो शहर में कंकरी

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भाव्या बिला.....

16 सितम्बर 2022
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सुबह की किरण ने जैसे ही धरती के आँचल को छूआ, चारों ओर प्रकृति खिल सी गई। ऊँची-ऊँची इमारतें अपने बुलंदी पर इतराने लगी। शहर का कोना-कोना प्रकाश से खिलकर इतराने लगा।.....फिर तो इंडिया गेट की चमक तो विशेष

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सलिल का भागदौङ.......

16 सितम्बर 2022
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सुबह के सूर्य उदय होने के साथ ही सलिल आँफिस से बाहर निकला। उसे बाहर निकलता देखकर रोमील भी उसके साथ निकल पड़ा। वे दोनों प्रांगण में खड़ी स्काँरपियों में बैठे, कार श्टार्ट की और आगे की ओर बढा दी। स्काँरपि

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मुक्ता अपार्ट मेंट......

16 सितम्बर 2022
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अब दिन के दस बज चुका था और इसके साथ ही शहर की गतिविधि अधिक तेज हो गई थी। रोजी-रोटी के लिए भागता शहर, यहां हर एक मानव आगे की ओर निकलने की होड़ में लगा हुआ था। सभी अपने-अपने तरीके से रोजगार उपार्जन में ल

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पुलिस की खोजबीन......

16 सितम्बर 2022
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होटल “सांभवी” से लौटने के बाद पहले तो सलिल एवं रोमील ने पेट- पुजा की।.....उसके बाद सलिल ने रोमील को निर्देशित किया कि टाँर्चर रूम में लेकर आए। दिन के ठीक बारह बजे सलिल भल्ला के साथ टाँर्चर रूम में था।

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होटल मृणालिका.......

16 सितम्बर 2022
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अपने- आप में बहुत सुंदर, नाम के ही अनुरूप "होटल" मृणालिका। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दुल्हन की तरह सजाया गया हो।....गेट पर खड़े दरबान आने बाले ग्राहकों का विनम्रता से स्वागत कर रहे थे। अंदर कंपाऊंड, जि

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सलिल का होटल मृणालिका पहुंचना......

16 सितम्बर 2022
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सलिल वापस तो पुलिस स्टेशन लौटा, परन्तु आँफिस के काम निपटाने के बाद बोर होने लगा। दूसरे शाम के आलम ने ढलते-ढलते रात का रुप ले लिया था।.....जी हां, अब रात के आठ बज चुके थे, इसलिये सलिल को भूख भी लग गई थ

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उन्नति वियर बार......

16 सितम्बर 2022
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रात के दस बजने के साथ ही उन्नति वियर बार का जलवा अपने चरम पर पहुंचने लगा था।....वियर बार होने के कारण यहां जमकर शराब परोसा जात था। साथ ही यहां ग्राहकों के द्वारा जमकर चरस को धुएँ में उड़ाया जाता था। उस

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सलिल का एस. पी. साहब से मिलना......

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होटल मृणालिका से लौटने के बाद जब सलिल अपने आँफिस में पहुंचा, काफी थक चुका था। उसकी आँखें लाल-लाल हो चुकी थी और सांसें चढने लगा था। ऐसे में उसने कुर्सी के पीछे दीवाल पर सिर टिकाया और कुर्सी पर निढाल हो

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पुलिस मुख्यालय......

16 सितम्बर 2022
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एस. पी. साहब रात के इस समय लैपटाँप पर डटे हुए थे। उनकी आँखों में देखकर ऐसा लगता था कि निंद उनसे कोसो दूर है।....आखिर उन्हें निंद आता भी कैसे? जब उनके इलाके में लगातार दूसरे दिन ही नवजवान लड़की की निर्म

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होटल पृथा......

16 सितम्बर 2022
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रात के तीन बज चुके थे और रात्रि के इस पहर में नीरव शांति छा चुकी थी। हां, इस नीरव शांति को कभी-कभी शहर के आवारा कुत्ते, तो कभी-कभी सड़क पर गुजरती बड़ी गाड़ियों की आवाज तोड़ देता थी। इन आवाज से ऐसा प्रतीत

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इंस्पेक्टर सलिल.......

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होटल पृथा से निकलने के बाद स्काँरपियों ने रफ्तार पकड़ लिया और सड़क पर सरपट दौड़ने लगी।....परन्तु न जाने क्यों सलिल को कुछ न कुछ अजीब लग रहा था। वो जब होटल पृथा में गया था और जबतक वहां पर रहा था। उसे इस ब

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राजीव सिंघला.......

16 सितम्बर 2022
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सूर्य की प्रथम रश्मि ने धरती के आँचल को छू लिया था। ऐसे में धरती खिलखिला उठी थी.....!....मंद-मंद मुस्करा उठी थी। तो फिर शहर की गलियां भी खिलखिला उठे,.... लाजिमी ही था। तभी तो "भाव्या बिला" की सुंदरता

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तांत्रिक भूतनाथ......

16 सितम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे। प्रभात किरण और भी प्रखर हो चुकी थी, परन्तु तेरह अक्तुबर की सुबह, वातावरण में फूल गुलाबी ठंढी का एहसास घुला हुआ था। ऐसे में सलिल पुलिस स्टेशन लौट आया था और अब फाइलों में उलझा हुआ

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सेमीनार.......

16 सितम्बर 2022
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दिल्ली का वह “इंजीनियरिंग एण्ड डेवलपमेंट फाँर यूथ” का विशाल हाँल। गोलाकार शेप में बना हुआ हाँल काफी भव्यता लिए हुए था। उसमें भी बड़ी बात कि यहां “यंग लाइफ” सेमिनार आयोजित होना था,….इसलिये अभी यहां काँल

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होटल सांभवी में तंत्र साधना.....

16 सितम्बर 2022
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दिन के तीन बजने के साथ ही " होटल सांभवी" के आस- पास चहल-पहल बढ गई थी। वैसे तो इस होटल में अपराध घटित हुआ था, यह पुलिस के द्वारा शील कर दिया गया था और इसके रक्षा की जिम्मेदारी सब- इंस्पेक्टर राम माधवन

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न्यूज डिबेट.....

16 सितम्बर 2022
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शाम के छ बजते ही सलिल अपने अपार्ट मेंट पर पहुंच गया था। वैसे ही वो बहुत ही थका हुआ था और दूसरी ये बात थी कि उसे पता नहीं था कि कितनी रातें जागकर बितानी पड़े।.....इसलिये उसने रोमील को पहले ही सोने के लि

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चंद्रिका वन फार्म हाउस......

16 सितम्बर 2022
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शाम के छ बज चुके थे और ढलती हुई सूर्य लालिमा के बीच चंद्रिका वन फार्म हाउस की छटा और भी निखर उठी थी। साथ ही निखरने लगा था बिल्डिंग का रंगत। उस बिल्डिंग के अंदर बेडरूम में सोया हुआ वही सुन्दर युवक, नित

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लवण्या एवं सम्यक का मिलन.......

18 सितम्बर 2022
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लवण्या कार को यूं ही भगाये जा रही थी, बेतहाशा, बिना किसी मकसद के। उसका तो रोज का ही काम था, दिल्ली की सड़क को छानना। बस वह एक झलक पाना चाहती थी और अचानक ही उसकी कार एक्सीडेंट होते-होते बची। उसे तो लगा

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तीसरी हत्या होटल सन्याल में.......

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रात के नौ बज चुके थे, इसलिये आस-पास के इलाके में अब धीरे-धीरे शांति पसरने लगी थी। उसी शांति के आभास में तो सभी जीते है,.....परन्तु हाँल में अभी शांति नहीं थी, क्योंकि टीवी मध्यम आवाज में अभी भी चल रही

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वियर बार में सम्यक एवं लवण्या......

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रात के ग्यारह बज चुके थे। अब तो वियर बार में भीड़ छंटने लगी थी और संभवतः घंटे भर बाद बंद भी होने बाला था। ऐसे में सम्यक ने लवण्या के आँखों में देखा, फिर गंभीर स्वर में बोला। लवण्या.....मेरे विचार से र

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सम्यक की खुशी और ईश्वर आराधना.......

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रात के बारह बजने को ही था, तभी सम्यक की कार अपार्ट मेंट के अहाते में आकर लगी। फिर वो तेजी से बाहर निकला और अपने फ्लैट की ओर बढा, लाँक खोली और अंदर प्रवेश कर गया। अंदर धूप्प अंधेरा था, ऐसे में हाथ को ह

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सलिल का तांत्रिक भूत नाथ से मिलना और भूत नाथ की तांत्रिक क्रिया.......

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एस. पी. साहब के जाने के बाद सलिल गहरी निंद में सोया था और इसके कारण ही उसको राहत की अनुभूति हो रही थी। उसने देखा कि रोमील के चेहरे पर भी ताजगी थी और उस ताजगी को देखकर समझ गया था कि उसके सोने के बाद वह

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पुलिस को कोर्ट की नोटिश........

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अपने आँफिस में लौटते-लौटते सलिल को दस बज गए। करीब दस बजे वह अपने आँफिस में पहुंचा और पहुंचते ही चौंक गया। उसने जैसे ही आँफिस में कदम रखा, अपने टेबुल पर रखे हुए लिफाफे को देखकर उसे चार सौ चालीस बोल्ट क

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कोर्ट रुम........

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दिन के बारह बजे। रोहिणी कोर्ट का प्रांगण, हलचल होता हुआ, वहां हर एक को जल्दी थी। किसी को अग्रिम जमानत चाहिए था, इस कारण से वकीलों से उलझा हुआ था। तो किसी के केस तारीख की पेशी थी। ऐसे में कोर्ट रूम के

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