shabd-logo

सलिल का होटल मृणालिका पहुंचना......

16 सितम्बर 2022

23 बार देखा गया 23

सलिल वापस तो पुलिस स्टेशन लौटा, परन्तु आँफिस के काम निपटाने के बाद बोर होने लगा। दूसरे शाम के आलम ने ढलते-ढलते रात का रुप ले लिया था।.....जी हां, अब रात के आठ बज चुके थे, इसलिये सलिल को भूख भी लग गई थी।.....दूसरे पिछली रात का जागरण और दिन भर की भागदौड़....वो काफी थक चुका था। इसलिये शरीर को थोड़ा आराम देने की सख्त जरूरत थी "और फिर क्या पता, कोई अपराध घटित न हो जाए।....जी हां, वो इस केस में अब तक जितना समझ पाया था, उसके मन में अंदेशा तो पनप ही चुका था।
                                खैर!....जो भी होगा, देखा जाएगा। इस प्रकार से सोचकर सलिल रोमील के साथ पुलिस स्टेशन से बाहर निकला। अभी ड्राइविंग शीट रोमील ने संभाल रखी थी। इसके बाद वे दोनों लक्खी पाजी के ढाबे पर पहुंचे और वहां उन्होंने छककर भोजन किया।.....इसके बाद उनकी स्काँरपियों दिल्ली की सड़क पर निकल पड़ी। ड्राइव कर रहे रोमील ने इस दरमियान सलिल से बात करने की कोशिश की, परन्तु सलिल शायद बात करने के मुड में ही नहीं था, इसलिये उसने किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में स्काँरपियों के अंदर पूर्ण शांति पसर गई। ऐसी शांति कि सुई भी गिरे, तो तेज धमाके की आवाज हो।
                             परन्तु कब तक? इस शांति को कब तक स्थाई रहना था? अचानक ही सलिल ने अपने कलाईं घड़ी को देखा, जो रात के साढे़ नौ बजने की सूचना दे रही थी और अभी वो अपनी कलाईं से नजर हटा भी नहीं पाया था कि उसके मोबाइल ने वीप दी। रात के इस समय फोन, "सहज ही फोन काँल ने उसके दिल की धड़कन को बढा दिया"। कल की घटना ने उसके दिलो-दिमाग पर गजब का असर किया था, ऐसे में फोन की घंटी," जरूर कोई अमंगल समाचार होगा"। परन्तु फोन काँल आया था, तो उठाना तो था ही। इसलिये सलिल ने अपने अंदर हिम्मत को जुटाया और "काँल" उठा लिया।
                    उधर मृणालिका होटल के रिसेप्सन से लाइन थी, इसलिये सलिल के पुछने पर सीधा ही होटल में घटित घटना के बारे में बतलाया गया।....फोन पर कही बातें जैसे ही उसके कान में पड़ी, सलिल शीट पर उछल पड़ा। उफ! उसको क्या हो गया है? उसने अभी-अभी तो अपराध के बारे में सोचा था और अपराध घटित भी हो गया। कहीं यह संयोग तो नहीं है?....नहीं-नहीं, यह संयोग तो नहीं हो सकता, हां इसे अपराधी का प्रयोग जरूर कह सकते है। सोचते हुए सलिल खुद को शांत करने की कोशिश करने लगा। वैसे भी थकावट ने उसका बुरा हाल कर दिया था, उसपर से घटित ये घटना। उधर कार ड्राइव कर रहे रोमील ने जब सलिल को उछलते देखा, पहले तो चौंका, फिर समझ गया कि "जरूर कोई अनहोनी घटित हुई है, अन्यथा बाँस ऐसी हरकत नहीं करते।
                                रोमील सोच ही रहा था कि सलिल ने अपने-आप को संभाल लिया और फिर रोमील को आदेश दिया कि स्काँरपियों "होटल मृणालिका" की ओर लेकर चले। बाँस का आदेश, तत्परता पूर्वक रोमील ने पालन किया और स्काँरपियों को "होटल मृणालिका" की ओर घुमा दिया। जबकि सलिल ने इस दरमियान फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट एवं डाँग स्क्वायड को फोन लगा कर घटना के बारे में बतलाया। साथ ही निर्देशित करने लगा कि उन लोगों को वहां पहुंच कर क्या करना है। इसके बाद उसने पुलिस स्टेशन फोन लगाकर इस घटना के बारे में सूचना दी। फिर फोन साइड में रखकर उसने सिर को शीट से टिकाकर आँखें बंद कर ली और शांत चित होकर इस घटना के बारे में सोचने लगा।
                       वैसे भी इस घटना ने सलिल को अंदर से आंदोलित कर दिया था। उसपर उलझन ये कि उसने जो वीडियो क्लीप देखा था।....आखिर मामला क्या है?..... समझ में आ जाए, तो आधा केस तभी साँल्व हो जाए। परन्तु समझ आए तो कैसे? शब्द ही इतना उलझा हुआ और असभ्य था कि किसी के सामने कहने में भी शर्मिंदगी महसूस हो।....."रति संवाद" शायद कोर्ड वर्ड था इस अपराध का और अपराधी भी शातिर ही होगा, अन्यथा ऐसे शब्द प्रयोग करने के लिए कुशाग्र बुद्धि चाहिए।...... खैर जो भी हो! परन्तु इस "रति संवाद" का मतलब क्या हो सकता है? सलिल सोच रहा था, दिमाग पर जोड़ दे रहा था और वो जितनी कोशिश कर रहा था, उसकी उलझन भी उतनी ही बढती जा रही थी।
                   बीतते समय के साथ ही सलिल के उलझन की रफ्तार भी बढती जा रही थी।....जबकि रोमील ने भी कार की रफ्तार बढा दी थी। ठीक रात के दस बजे उनकी स्काँरपियों "होटल मृणालिका" के कंपाऊंड में पहुंच चुकी थी। कार के खड़ी होते ही सलिल एवं रोमील तेजी से बाहर निकले और होटल के अंदर बढ गए। अंदर हाँल में सन्नाटा था, जबकि उस रूम में, जिस रूम में वारदात हुई थी, पुलिस का दस्ता पहुंच चुका था।.....फिर तो सलिल व रोमील भी तेज कदमों से चलते हुए उस रूम में पहुंचे। वहां पहुंच कर सलिल ने देखा कि जयकांत बात्रा अपने काम में जुटा हुआ था, जबकि गेट के पास सिपाहियों की फौज अलर्ट मोड में खड़ी थी।
                            वहां की स्थिति देखने के बाद सलिल के चेहरे पर संतुष्टि के भाव उभड़ा। वो जानता था कि सिपाहियों की मुस्तैदी के कारण मीडिया बाले अंदर नहीं आ सकते थे। इसलिये चलता हुआ वो "नंदिनी" के डेड बाँडी के पास पहुंच गया और उसके करीब घुटनों के बल बैठकर लाश का अवलोकन करने लगा। सेम वही परिस्थिति, जिस परिस्थिति में नंदा की हत्या हुई थी। पेट में कांच का टुकड़ा धंसा होना और चेहरे पर असह्य पीड़ा के चिन्ह। जब वो वहां से उठकर प्रभास के पास पहुंचा, पहले से ही अक्रांत प्रभास ने वहां घटित होने बाली घटना को सिलसिलेवार बतलाने लगा।.....परन्तु उसके बयान में कुछ नया नहीं होने के कारण सलिल वहां से भी उठकर खड़ा हो गया।
                      फिर वो आगे बढा, होटल बिल्डिंग की तलाशी के लिए। हलांकि वो जानता था कि उसे कुछ भी हासिल नहीं होने बाला है,....फिर भी कहीं हत्यारे ने कोई गलती कर दी हो। बस वही एक गलती की उसे तलाश थी, इसलिये उसने होटल के विशाल बिल्डिंग की पूरे एक चक्कर लगा लिए,....परन्तु उसके हाथ निराशा ही आई। इसलिये वो वापस उसी रूम में वापस लौट आया, जिसमें वारदात हुई थी। जिसके बाद उसने रोमील को लिया और सी. सी. टीवी रूम में बढा। वहां पहुँचने पर वहां के मौजूद स्टाफ ने उन्हें उस रूम की वीडियो प्ले करके दिखा दी।.... सेम वही परिस्थिति, "नंदिनी का नि:वस्त्र होना और इसके बाद लाइट जलने-बुझने लगना"।.... इसके बाद गुंजता हुआ "रति संवाद-रति संवाद" का स्वर और फिर ड्रेसिंग टेबुल का शीशा टूटना। इसके बाद तो नंदिनी भी नंदा की तरह तड़पने लगी और आखिर में उसने सांस तोड़ दी और लाश में तबदील हो गई।
                           वीडियो देखने के बाद एकबारगी तो सलिल को मन ही मन बहुत गुस्सा आया, "इस होटल मैनेजमैंट एवं वहां मौजूद स्टाफ पर, जो किसी के अंतरंग पल के वीडियो बनाते है। यह कानूनन जुर्म है और पोर्नोग्राफी के कटेगरी में आता है। परन्तु इस कारण से ही उसे इस केस में महत्वपूर्ण क्लू मिला था। सजा तो जरूर इन होटल के मैनेजमैंट और यहां के स्टाफ को मिलेगा,.... परन्तु अभी नहीं। सोचने के बाद सलिल ने उस वीडियो को अपने मोबाइल में एसेस किया और फिर वहां के स्टाफ को बाहर निकाल कर उस रूम को लाँक करवा दिया। फिर रोमील के साथ वारदात बाले रूम में लौट आया।
                                 तब तक जयकांत बात्रा ने अपने काम निपटा लिए थे और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। ऐसे में सलिल ने रोमील को निर्देशित किया कि होटल के मैनेजर एवं प्रभास को गिरफ्तार कर ले। फिर वो बाहर की तरफ निकला, परन्तु होटल के गेट पर उसे मीडिया बाले मिल गए।.....कहते है न कि "दूध का जला छाछ भी फुक-फुक कर पीता है"। ऐसे ही सलिल भी सावधान हो गया, उसने मीडिया बालों के अधिकांश प्रश्नों को टालने की कोशिश की, नहीं तो गोल-मटोल जबाव दिया। फिर मीडिया बालों से अपना पिंड छुड़ाकर होटल बिल्डिंग से बाहर निकला और अपने स्काँरपियों की तरफ बढा।
************




क्रमशः-


32
रचनाएँ
रति संवाद
0.0
कहानी के मुख्य शब्द, यानी कि रति संवाद, मानव मन की वेदना का आकलन है। जब कोई किसी के द्वारा छला जाता है, किसी के द्वारा धोखा खाता है, तो उसके हृदय में कुंठा जागृत होती है। जब वह अपने मन की कुंठा का समन नहीं कर पाता, तो फिर औरो के लिए नुकसान देय बन जाता है। जीवन जितनी सरल है, हमने अगर जीना नहीं सीखा, यह उतना ही दु:ष्कर बन जाता है। जब हम बिना बजह ही सपनों के पीछे दौङते है, वह सपना भार रुप हो जाता है। प्रारंभ:-
1

रति संवाद( जीवन के अनछुए पहलू की कहानी)........

16 सितम्बर 2022
2
0
0

कहानी के मुख्य शब्द, यानी कि रति संवाद, मानव मन की वेदना का आकलन है। जब कोई किसी के द्वारा छला जाता है, किसी के द्वारा धोखा खाता है, तो उसके हृदय में कुंठा जागृत होती है। जब वह अपने मन की कुंठा का समन

2

रोहिणी पुलिस स्टेशन.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

इंस्पेक्टर सलिल वैभव! नाम के ही अनुरूप शालीनता थी, लेकिन वह तभी तक, जब तक कि उसके मातहत उसके अनुरूप कार्य करते थे। अन्यथा तो थोड़ी सी गलती हुई नहीं कि सलिल से तूफान बनते देर नहीं लगती थी। फिर तो मत पुछ

3

होटल सांभवी........

16 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के आठ बज चुके थे! यूं तो शहर रात के आगोश में समा चुका था, परन्तु शहर रोशनी में पूरी तरह नहा चुका था। होटल "सांभवी" को दुल्हन की तरह सजाया गया था। काफी क्षेत्रफल में फैला हुआ होटल "सांभवी", आगे विश

4

सलिल का होटल पहुंचना और लाश का मुआयना करना......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

रोहिणी पुलिस स्टेशन! इंस्पेक्टर सलिल ने फोन पर बात करके अभी काँल को डिस्कनेक्ट कर दिया था।.....परन्तु अभी भी सलिल शांत नहीं हुआ था, उसकी धड़कन धौंकनी की मानिंद चल रही थी। उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव ग

5

नंदा की लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजना और सलिल की मीडिया बालों से झरप.....

16 सितम्बर 2022
0
0
0

श्रेयांश के पास से उठने के बाद सलिल होटल के अंदर की तरफ बढा। होटल पांच मंजिला था, इसलिये सलिल को पूरा होटल खंगालने में करीब एक घंटे का समय लग गया। परन्तु क्या मजाल कि उसके चेहरे पर हल्की सिकन भी आई हो

6

सान्या सिंघला......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के करीब एक बजने को थे। अमूमन तो इस समय तक दिल्ली की सड़क की रफ्तार बहुत धीमी हो जाती थी। परन्तु कमर्शियल वाहन की बाढ सी आ जाती थी। जिसमें से अधिकतर बड़ी गाड़ियां होती थी। आज भी सड़क पर बड़ी- बड़ी गाड़िया

7

पुलिस स्टेशन.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के एक बजे के करीब पुलिस काफिला रोहिणी पुलिस स्टेशन पहुंची। इसके बाद वे लोग उतरे और आँफिस की ओर बढे। चलते-चलते सलिल ने रोमील को समझाया कि भल्ला एवं श्रेयांश को लाँकअप में डालो, इससे हम बाद में पूछत

8

लवण्या आर.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

सुबह की प्रभात किरणें फूटने को आतुर हो चली थी। चारों तरफ उजाला फैल चुका था और अंधेरे का साम्राज्य छिन्न -भिन्न हो चुका था।.....तो सहज ही था कि चिड़िये के कलरव से वातावरण गूंज उठे। "यूं तो शहर में कंकरी

9

भाव्या बिला.....

16 सितम्बर 2022
0
0
0

सुबह की किरण ने जैसे ही धरती के आँचल को छूआ, चारों ओर प्रकृति खिल सी गई। ऊँची-ऊँची इमारतें अपने बुलंदी पर इतराने लगी। शहर का कोना-कोना प्रकाश से खिलकर इतराने लगा।.....फिर तो इंडिया गेट की चमक तो विशेष

10

सलिल का भागदौङ.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

सुबह के सूर्य उदय होने के साथ ही सलिल आँफिस से बाहर निकला। उसे बाहर निकलता देखकर रोमील भी उसके साथ निकल पड़ा। वे दोनों प्रांगण में खड़ी स्काँरपियों में बैठे, कार श्टार्ट की और आगे की ओर बढा दी। स्काँरपि

11

मुक्ता अपार्ट मेंट......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

अब दिन के दस बज चुका था और इसके साथ ही शहर की गतिविधि अधिक तेज हो गई थी। रोजी-रोटी के लिए भागता शहर, यहां हर एक मानव आगे की ओर निकलने की होड़ में लगा हुआ था। सभी अपने-अपने तरीके से रोजगार उपार्जन में ल

12

पुलिस की खोजबीन......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

होटल “सांभवी” से लौटने के बाद पहले तो सलिल एवं रोमील ने पेट- पुजा की।.....उसके बाद सलिल ने रोमील को निर्देशित किया कि टाँर्चर रूम में लेकर आए। दिन के ठीक बारह बजे सलिल भल्ला के साथ टाँर्चर रूम में था।

13

होटल मृणालिका.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

अपने- आप में बहुत सुंदर, नाम के ही अनुरूप "होटल" मृणालिका। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दुल्हन की तरह सजाया गया हो।....गेट पर खड़े दरबान आने बाले ग्राहकों का विनम्रता से स्वागत कर रहे थे। अंदर कंपाऊंड, जि

14

सलिल का होटल मृणालिका पहुंचना......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

सलिल वापस तो पुलिस स्टेशन लौटा, परन्तु आँफिस के काम निपटाने के बाद बोर होने लगा। दूसरे शाम के आलम ने ढलते-ढलते रात का रुप ले लिया था।.....जी हां, अब रात के आठ बज चुके थे, इसलिये सलिल को भूख भी लग गई थ

15

उन्नति वियर बार......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के दस बजने के साथ ही उन्नति वियर बार का जलवा अपने चरम पर पहुंचने लगा था।....वियर बार होने के कारण यहां जमकर शराब परोसा जात था। साथ ही यहां ग्राहकों के द्वारा जमकर चरस को धुएँ में उड़ाया जाता था। उस

16

सलिल का एस. पी. साहब से मिलना......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

होटल मृणालिका से लौटने के बाद जब सलिल अपने आँफिस में पहुंचा, काफी थक चुका था। उसकी आँखें लाल-लाल हो चुकी थी और सांसें चढने लगा था। ऐसे में उसने कुर्सी के पीछे दीवाल पर सिर टिकाया और कुर्सी पर निढाल हो

17

पुलिस मुख्यालय......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

एस. पी. साहब रात के इस समय लैपटाँप पर डटे हुए थे। उनकी आँखों में देखकर ऐसा लगता था कि निंद उनसे कोसो दूर है।....आखिर उन्हें निंद आता भी कैसे? जब उनके इलाके में लगातार दूसरे दिन ही नवजवान लड़की की निर्म

18

होटल पृथा......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के तीन बज चुके थे और रात्रि के इस पहर में नीरव शांति छा चुकी थी। हां, इस नीरव शांति को कभी-कभी शहर के आवारा कुत्ते, तो कभी-कभी सड़क पर गुजरती बड़ी गाड़ियों की आवाज तोड़ देता थी। इन आवाज से ऐसा प्रतीत

19

इंस्पेक्टर सलिल.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

होटल पृथा से निकलने के बाद स्काँरपियों ने रफ्तार पकड़ लिया और सड़क पर सरपट दौड़ने लगी।....परन्तु न जाने क्यों सलिल को कुछ न कुछ अजीब लग रहा था। वो जब होटल पृथा में गया था और जबतक वहां पर रहा था। उसे इस ब

20

राजीव सिंघला.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

सूर्य की प्रथम रश्मि ने धरती के आँचल को छू लिया था। ऐसे में धरती खिलखिला उठी थी.....!....मंद-मंद मुस्करा उठी थी। तो फिर शहर की गलियां भी खिलखिला उठे,.... लाजिमी ही था। तभी तो "भाव्या बिला" की सुंदरता

21

तांत्रिक भूतनाथ......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

सुबह के आठ बज चुके थे। प्रभात किरण और भी प्रखर हो चुकी थी, परन्तु तेरह अक्तुबर की सुबह, वातावरण में फूल गुलाबी ठंढी का एहसास घुला हुआ था। ऐसे में सलिल पुलिस स्टेशन लौट आया था और अब फाइलों में उलझा हुआ

22

सेमीनार.......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

दिल्ली का वह “इंजीनियरिंग एण्ड डेवलपमेंट फाँर यूथ” का विशाल हाँल। गोलाकार शेप में बना हुआ हाँल काफी भव्यता लिए हुए था। उसमें भी बड़ी बात कि यहां “यंग लाइफ” सेमिनार आयोजित होना था,….इसलिये अभी यहां काँल

23

होटल सांभवी में तंत्र साधना.....

16 सितम्बर 2022
0
0
0

दिन के तीन बजने के साथ ही " होटल सांभवी" के आस- पास चहल-पहल बढ गई थी। वैसे तो इस होटल में अपराध घटित हुआ था, यह पुलिस के द्वारा शील कर दिया गया था और इसके रक्षा की जिम्मेदारी सब- इंस्पेक्टर राम माधवन

24

न्यूज डिबेट.....

16 सितम्बर 2022
0
0
0

शाम के छ बजते ही सलिल अपने अपार्ट मेंट पर पहुंच गया था। वैसे ही वो बहुत ही थका हुआ था और दूसरी ये बात थी कि उसे पता नहीं था कि कितनी रातें जागकर बितानी पड़े।.....इसलिये उसने रोमील को पहले ही सोने के लि

25

चंद्रिका वन फार्म हाउस......

16 सितम्बर 2022
0
0
0

शाम के छ बज चुके थे और ढलती हुई सूर्य लालिमा के बीच चंद्रिका वन फार्म हाउस की छटा और भी निखर उठी थी। साथ ही निखरने लगा था बिल्डिंग का रंगत। उस बिल्डिंग के अंदर बेडरूम में सोया हुआ वही सुन्दर युवक, नित

26

लवण्या एवं सम्यक का मिलन.......

18 सितम्बर 2022
0
0
0

लवण्या कार को यूं ही भगाये जा रही थी, बेतहाशा, बिना किसी मकसद के। उसका तो रोज का ही काम था, दिल्ली की सड़क को छानना। बस वह एक झलक पाना चाहती थी और अचानक ही उसकी कार एक्सीडेंट होते-होते बची। उसे तो लगा

27

तीसरी हत्या होटल सन्याल में.......

18 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के नौ बज चुके थे, इसलिये आस-पास के इलाके में अब धीरे-धीरे शांति पसरने लगी थी। उसी शांति के आभास में तो सभी जीते है,.....परन्तु हाँल में अभी शांति नहीं थी, क्योंकि टीवी मध्यम आवाज में अभी भी चल रही

28

वियर बार में सम्यक एवं लवण्या......

18 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के ग्यारह बज चुके थे। अब तो वियर बार में भीड़ छंटने लगी थी और संभवतः घंटे भर बाद बंद भी होने बाला था। ऐसे में सम्यक ने लवण्या के आँखों में देखा, फिर गंभीर स्वर में बोला। लवण्या.....मेरे विचार से र

29

सम्यक की खुशी और ईश्वर आराधना.......

18 सितम्बर 2022
0
0
0

रात के बारह बजने को ही था, तभी सम्यक की कार अपार्ट मेंट के अहाते में आकर लगी। फिर वो तेजी से बाहर निकला और अपने फ्लैट की ओर बढा, लाँक खोली और अंदर प्रवेश कर गया। अंदर धूप्प अंधेरा था, ऐसे में हाथ को ह

30

सलिल का तांत्रिक भूत नाथ से मिलना और भूत नाथ की तांत्रिक क्रिया.......

18 सितम्बर 2022
0
0
0

एस. पी. साहब के जाने के बाद सलिल गहरी निंद में सोया था और इसके कारण ही उसको राहत की अनुभूति हो रही थी। उसने देखा कि रोमील के चेहरे पर भी ताजगी थी और उस ताजगी को देखकर समझ गया था कि उसके सोने के बाद वह

31

पुलिस को कोर्ट की नोटिश........

18 सितम्बर 2022
0
0
0

अपने आँफिस में लौटते-लौटते सलिल को दस बज गए। करीब दस बजे वह अपने आँफिस में पहुंचा और पहुंचते ही चौंक गया। उसने जैसे ही आँफिस में कदम रखा, अपने टेबुल पर रखे हुए लिफाफे को देखकर उसे चार सौ चालीस बोल्ट क

32

कोर्ट रुम........

18 सितम्बर 2022
0
0
0

दिन के बारह बजे। रोहिणी कोर्ट का प्रांगण, हलचल होता हुआ, वहां हर एक को जल्दी थी। किसी को अग्रिम जमानत चाहिए था, इस कारण से वकीलों से उलझा हुआ था। तो किसी के केस तारीख की पेशी थी। ऐसे में कोर्ट रूम के

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए