तानसेन के वंशज हरि सिंह अभी-अभी विदेश से शिक्षा ग्रहण करके स्वदेश लौटे थे। भारत में आकर उन्होंने महसूस किया कि अब भारत में परम्परागत संगीत का बाजार बिल्कुल न के बराबर रह गया है। अगर वो भी अपने पूर्वजों की तरह भारतीय संगीत गायेंगे तो उन्हें कुछ ही दिनों में अपने तबले तक बेचने पड़ जायेंगे। अतः उन्होंने बाजार की हवा का रुख किया और पाप (पॉप) संगीत व रैप गाने लगे। उन्होंने आधुनिक श्रंगार रस का गायन प्रारम्भ कर दिया। वह श्रोताओं को बताने लगे कि लड़कियों का वजन व आकार क्या होना चाहिए। अगर किसी लड़की का वजन 47 से ज्यादा है तो वह कुड़ी नहीं हो सकती। और उन्होंने बताया कन्याएं कहाँ-कहाँ टैटू बनवाती हैं। उन्होंने भारत के 'जय हो' बोलने बालों को 'यो' बोलना सिखाया। हरि सिंह के ट्रैड मार्क बन चुके 'यो' शब्द पर कई गाँव वालों को आपत्ति है, उनका कहना है कि वो लोग कई पीढ़ियों से 'यो' बोलते आ रहे हैं। जैसे-यो क्या कर दिया, यो सब के है, यो-यो काम कर आदि।
पहले लोग जहाँ भजन कीर्तन में जाया करते थे वहीं नयी पीढ़ी ने डिस्को व नाइट क्लब जाना प्रारम्भ कर दिया। जहाँ पर उनको तीन-चार चम्मच चरणामृत की जगह पूरी बियर की बोतल गटकने को मिलती है। उन्होंने बताया कि चार बोतल बोदका रोज का काम होता है।
अश्लीलता के मुद्दे पे घिरने पर उन्होंने कहा कि यह सब सुनने वाले के दिमाग पर निर्भर करता है कि वो उस बात को कैसे लेता है। अतः लोगों को अपनी सोच बदलनी चाहिये।