भारत में यहाँ करोड़ों लोग भूख व कुपोषण के कारण मर जाते हैं, वहाँ शनिवार को नींबू व मिर्च के टोटके के नाम पर अरबों टन खाने की चीजें सड़कों पर फेंक दी जाती हैं। इतने नींबू मिर्च का आचार बनाकर गरीबो में बाँट दिया जाये तो उनकी दुआ से शनिचर वैसे ही उतर जायेगा। फिर सरसों का लाखों लीटर तेल शनिवार को बेकार बहा दिया जाता है। हम टोटके के नाम पर खाना बर्बाद तो कर सकते हैं पर मुफ्त में किसी गरीब को या जानवर को नहीं दे सकते।
एक और टोटका चौराहे पर कुछ सामान रखने का होता है। इस समान से बचने के चक्कर में कई लोगों के एक्सीडेंट हो जाते हैं। अगर टोटके इनते ही कामयाब हैं तो फिर लाखों लोग क्यों कोचिंग में समय व पैसा बर्बाद करते हैं। बस कोई टोटका कर लिया और बैंक में नोकरी लग गई या डी.एम. आदि बन गए। "टोटका किया और आपका दुश्मन खत्म" जैसा कि इनके विज्ञापनों में दावा किया जाता है फिर भी इतने टोने-टोटकों के बाद भी कोर्ट-कचहरी भरे रहते हैं। लाखों मुकदमे कोर्ट में लंबित हैं।
इन टोटकों की सबसे बुरी बात जब लोग तांत्रिक के कहने पर बच्चों की बलि दे देते हैं। आजकल गाँव के ही नहीं बल्कि शहर के पढ़े-लिखे लोग भी टोटकों पर विश्वास करने लगे हैं।