उमराव जान उम्र के उस दौर में पहुँच चुकी थीं यहाँ लोगों की गिनती उम्र दराज लोगों में की जाने लगती है। पर जैसे बन्दर गुलाटी मारना नहीं छोड़ता, उमराव जान जवान दिखना नहीं छोड़ सकती थीं। पीठ पीछे लोग उन्हें बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम कहते थे।
पीठ पीछे कुछ भी हो पर उमराव जान ने पीठ दिखाना नहीं सीखा था। लोगों का मानना था कि वो पिछले बीस साल से अपना बिसवां जन्मदिन बनाती आ रही हैं और इस उम्र में भी अपना ग्लैमर मॉडलिंग की दुनियाँ में बनाये बैठी थीं। पत्रिकाओं में उनके फोटो छपते रहते थे। पर अब वो 60 की होने को आ रही थीं। वो अब भी हमेशा की तरह अपना 20 वॉ जन्मदिन बनाना चाहती थीं पर चेहरे के रिंकल उनकी पोल खोल रहे थे। कैमरा उनकी इस कमसिन उम्र को सीरियसली लेने से मना करने लगा था।