बचपन में सभी ने अनेकों जादुई कहानियां पढ़ी होंगी लेकिन क्या वास्तविकता के धरातल पर ऐसी कोई जादुई दुनियां का अस्तित्व संभव है? अगर मैं कहूं कि यह संभव है, तो षायद आप मुझे पागल समझेंगे। भविश्य का विज्ञान ऐसी जादुई दुनियां को बनाने में सक्षम है। अभी अनेकों बातें कुछ थ्योरीज़ हैं, जिन पर वैज्ञानिकों का षोध कार्य जारी है। अब आप सोच रहें होंगे कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं और किस थ्योरी पर वैज्ञानिक अभी तक हैरान और परेषान हैं? वह थ्यौरी कुछ और नहीं, क्वांटम थ्योरी है। जी हां, क्वांटम थ्योरी।
आखिर क्या है क्वांटम थ्योरी?
क्वांटम का अर्थ है, अणुओं और परमाणुओं का भी सूक्ष्मतम रूप, जो ऊर्जा मात्र है। हम इस ठोस जगत में जो कुछ देखते और समझते हैं, वह सभी अणुओं से मिलकर बनी है और अणु अति सूक्ष्म परमाणुओं से मिलकर बने हैं। यदि उन परमाणुओं को भी अति सूक्ष्म रूप से देखा जाये तब हमें मात्र ऊर्जा प्राप्त होती है। यहां पर सबसे बड़ी आष्चर्य की बात यह है कि दुनियां की समस्त वस्तुएं चाहे कितनी भी भिन्न क्यों न हों, सबकी ऊर्जा अन्ततः समान हो जाती है। इसका अर्थ यह हुआ एक ऊर्जा के द्वारा समस्त ब्रह्मांड का निर्माण हुआ। ऊर्जा किस प्रकार अलग-अलग रूपों में प्रकट हुई और यह किस प्रकार कार्य करती है। यही षोध का विशय है। क्वांटम विज्ञान को यदि वैज्ञानिक समझ पाये तो भविश्य में अनेकों पुराने विज्ञान के नियम बदल जायेंगे। जिसे यदि ध्यानपूर्वक सोचा जाये तो यह किसी जादू या आष्चर्य से कम नहीं। क्योंकि यदि कोई हमें कहे कि ग्रेविटी के नियम जो हम अभी तक जानते हैं, वह गलत है। यह बात परेषान कर देने वाली लगती है। यह तो सभी को ज्ञात है, धरती से ऊपर उछाली गई वस्तु कभी न कभी वापिस नीचे गिरती ही है लेकिन क्या हो यदि हवा में उछाली वस्तु गिरे ही नहीं....! ठीक इसी प्रकार कोई ठोस वस्तु जैसे लकड़ी, लोहा या दीवार पर हम मुक्का मारे और हमारा हाथ उसमें टकराने के बजाये उसके आरपार निकल जाये! किसी वस्तु को गायब करके अर्थात उसे ऊर्जा में बदलकर उसे पुनः कोई भी रूप में बदल दिया जाये! बस यही है क्वांटम थ्योरी। इसे आप जितना समझने की कोषिष करेंगे, उतने आष्चर्यचकित होते जायेंगे कि वास्तव में ऐसा होना संभव है, या यह सब मात्र कुछ सनकी वैज्ञानिकों के दिमाग का कोई फितूर। यह तो भविश्य ही बतायेगा।