व्यक्ति अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीख सकता है और सबसे बुद्धिमान वह होता है जो दूसरों की गलतियों को देखकर उनसे भी सीख लेता है लेकिन वास्तविक जीवन में ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जो दूसरों की गलतियों को देखकर सीख लेते हों। यहां पर हम उन छोटी-छोटी गलतियों की बात कर रहे हैं जिन्हें व्यक्ति अक्सर अनदेखा कर देता है, जिसे वह गलती तो मानता है किन्तु उस पर सुधार करने के बजाये उसे टालते रहना पसंद करता है। आज हम ऐसी ही कुछ गलतियों की बात करेंगे जो व्यक्ति को अवष्य ही सुधार लेनी चाहिए, जिसके बाद जीवन में बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव आ जाता है।
1. अपनी गलती न मानना - अधिकतर लोगों में यह बहुत देखने को मिलता है कि वह अपनी गलती को कभी स्वीकार ही नहीं करते। उन्हें अनेकों बार यह ज्ञात भी होता है कि वह उस समय गलत हैं लेकिन उसको स्वीकार करना उनके अहं पर चोट करता है। गलती न मानने के पीछे अक्सर व्यक्ति का अहं बहुत बड़ा कारण होता है। इसलिए यदि हम अहं को समझकर उसे त्याग सके तो इससे आपके व्यक्तिगत संबंध और सामाजिक रिष्ते बेहतर होने लगेंगे। जिन व्यक्तियों से लोग आज बात भी नहीं करना चाहते, मात्र अहं त्यागते ही उक्त व्यक्ति के व्यवहार से कठोरता का स्थान मधुरता और कोमलता ले लेती है। जो अचानक से हुआ बहुत बड़ा बदलाव है। जिसे हर एक व्यक्ति नोटिस करता है।
2. कार्य को टालते रहना - यह आदत सदैव व्यक्ति की प्रगति में बाधा साबित होती है। थोड़ा सा तो कार्य है, आराम से कर लेंगे। यह प्रवृति बहुत ही खतरनाक है क्योंकि थोड़ा-थोड़ा कार्य भी उस समय सर का दर्द बन जाता है जब उक्त कार्य को समाप्त करने हेतु समय बहुत कम बचता है और अनेकों बार अन्तिम समय में वह छोटा सा कार्य जो अत्यन्त सरल जान पड़ता था, उसी कार्य में अनेकों प्रकार की कठिनाईयां आने लगती हैं जिसके कारण वह कार्य भी गलत हो जाता है और कई बार इस प्रवृत्ति के कारण हानि भी उठानी पड़ जाती है।
3. बिना सोचे-समझे बात करना - अनेकों व्यक्ति के साथ ऐसा होता है कि जब वह किसी विशय पर गु्रप में बात कर रहे होते हैं तो कभी-कभी आवेष में आकर बिना सोचे-समझे ऐसी बातें कर जाते हैं जिससे मामला गंभीर हो जाता हैं और व्यक्ति को अन्य लोगों के समक्ष षर्मिंन्दा होना पड़ता है। अधिक बोलने वाले व्यक्ति, अतिआत्मविष्वास या कोई नषा इत्यादि भी इसका कारण हो सकता है। जिसमें कई बार लोग अपषब्दों का भी प्रयोग कर देते हैं जिससे बाद में विवाद की स्थिति भी बन जाती है।
4. सेहत के मामले में लापरवाही - आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोग इतने फास्ट हो गये हैं कि उन्हें खाना भी फास्ट फूड ही पसन्द आने लगा है। जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। यह सभी को पता है लेकिन फिर भी अक्सर लोग जल्दबाजी और अपने आलस्य के कारण फास्टफूड खाते रहते हैं और जब कभी उनकी सेहत थोड़ी सी बिगड़ती है, तब मन ही मन यह निष्चय भी करते हैं कि आज से वह फास्ट फूड कभी नहीं खायेंगे और उसके स्थान पर फल, सब्जियां, दूध, अण्डे और अन्य पौश्टिक आहार ही लेंगे लेकिन यह मात्र सेहत के ठीक होने के कुछ ही दिन चलता है उसके बाद फिर पौश्टिक आहार का स्थान चाईनिज फास्ट फूड ले लेता है, जूस और दूध का स्थान कोल्ड ड्रिंक और काफी-चाय ले लेती है। यही हाल व्यायाम और योगा के संबंध में भी होता है। आज नहीं कल से प्रारम्भ करेंगे। कल नहीं अगले माह से करेंगे, ऐसा करते-करते सालों बीत जाते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर बीमारियों का रूप लेती हैं।
5. घर का डॉक्टर - कुछ लोगों में यह आदत बहुत देखी जाती है कि वह बुखार, सर्दी, खांसी या कोई अन्य बीमारियों के होने पर डॉक्टर के पास न जाकर, स्वयं ही अपने आप दवाई ले लेते हैं। कई बार अपने दोस्तों और जान-पहचान वालों की सलाह से किसी बीमारी की कोई दवाई ले लेते हैं कि वह उक्त लोग उस दवाई से सही हो गये थे। जो कई बार बहुत जानलेवा बन जाता है। डॉक्टर जो दवाई देते है, वह मरीज की आयु, वजन और मौसम को देखकर देते हैं, जिसके साथ उनकी मेडिकल की पढ़ाई का अनुभव भी षामिल होता है। जिन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
आज भी अनेकों लोग कुछ बीमारी का इलाज इंटरनेट में गूगल की सहायता से लेते हैं जो बहुत ही खतरनाक हो सकता है क्योंकि यदि आप गूगल में किसी बीमारी के लक्षण लिखकर सर्च करते हैं तो गूगल उन लक्षणों के बारे में कई बार बहुत बड़ी और खतरनाक बीमारियों के बारे में भी बता देता है कि इन लक्षणों के अनुसार वह उक्त बीमारियां भी हो सकती हैं जो मात्र अनुमान भर होता है। लेकिन व्यक्ति यह सब पढ़कर कई बार वहम के षिकार हो जाते हैं और मानसिक रूप से बीमारी को अनुभव करने लगते हैं।
6. फिजूलखर्ची की आदत - अनेकों लोग फिजूलखर्च करने की आदत के कारण कभी सुखी नहीं रह पाते क्योंकि अक्सर जब उन्हें वास्तव में धन की आवष्यकता होती है, उस समय उनके पास धन नहीं होता। महिलाओं में षॉपिंग की आदत जो फिजूलखर्ची का मूल कारण है। षॉपिंग मॉल्स अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अपने सामान की इस प्रकार सैटिंग करते हैं ताकि ग्राहक अधिक से अधिक वस्तुओं को खरीदे। अनेकों प्रकार के डिस्काउंट ऑफर ग्राहकों को लुभाने के लिए लगाये जाते हैं, जिन्हें देखकर लालच में अक्सर ग्राहक वह वस्तुऐं भी खरीद लेते हैं जिनकी उन्हें कोई आवष्यकता ही नहीं। इसका सबसे अच्छा उपाय यह है कि पहले से ही मॉल्स में सोचकर जाया जाये कि आपको क्या-क्या लेना है और उसी स्थान पर अपना निर्धारित सामान लेकर बिना इधर-उधर देखे, सीधा कैष काउन्टर पर आ जाना चाहिए। जितना हो सके ऑनलाईन षॉपिंग से बचना, फिजूलखर्ची से बचने का सर्वोत्तम उपाय है।