जी हां दोस्तो आज हम बात करने वाले है एक ऐसे अहसास की जिसे हम प्यार के नाम से जानते है। लेकिन इसको अनेकों रंग है जिन्हे हम अक्सर प्यार का नाम दे देते है। उन सब में भी प्यार की कुछ न कुछ मात्रा होती है लेकिन कुछ अन्य भावों के कॉकटेल के साथ। जो भाव कभी उसे मजेदार बना देते है तो कभी विषैला, आज हम इस पर चर्चा करेंगे और देखते है किसको कोन सा वाला प्यार पसंद है।
मां का प्यार - प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का पहला प्यार मां का ही होता है। जिसे बच्चा पहली बार महसूस करता है की वह मां की गोद में सुरक्षित है। मां की मार खाने के बाद भी बच्चा फिर भी उसका ही लाडला होता है। मां और बच्चे की एक अपनी ही दुनियां होती है। जहां बच्चे के लिए तो उसकी मां ही किसी परी से कम नहीं जो उसके लिए कुछ भी कर सकती है।
बाप का प्यार - बाप का प्यार करने का स्टाइल मां से थोड़ा अलग होता है, मर्द है आखिर, तो मर्दों वाला स्टाइल तो होगा ही। कभी दोस्त जैसे खेलना कभी जिंदगी को समझने के लिए बचे के साथ सख्ती से पेश आना ताकि आगे चलकर दुनिया उसे परेशान न कर सके। क्युकी बाप जानता है, वो उसके साथ हमेशा नही रह सकता ओर न ही उसकी मदद कर सकता इसलिए वो अपनी औलाद को मजबूत बनाने के लिए उसे दया की भीख न देकर हुनर की ढाल देना पसंद करता है ताकि वो उसकी ही तरह आगे चलकर पूरे परिवार का पालन कर सके। बाप अपने बच्चे के लिए कोई परी न होगा बल्कि एक सख्त गुरु की तरह होता है जिसकी सख्ती भविष्य में बच्चे को लाभ प्रदान करती है।
अब हम बात करते है उस प्यार की जो अक्सर नर और मादा के बीच पाया जाता है।
गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड वाला प्यार - इस प्यार में तो बहुत सारे रंग है या यू कहे तो कॉकटेल है।
निब्बा निब्बी वाला प्यार - ये वाला प्यार अक्सर बचपन का प्यार होता है, जिसमे ओवरलोडेड इमोशंस होते है। फिल्मी सपनो वाली दुनिया होती है, और भर भर के ख्याली पुलाओ होते है। अक्सर यह वाला प्यार समझदारी वाली दवाई से ठीक हो जाता है लेकिन सोशल मीडिया और वेबसरीज के मिल जाने के कारण ये बीमारी नासूर बन जाती है। जिसके नतीजे डिप्रेशन, आत्महत्या, घर से भाग जाना फिर बाद में पछताना और समाज में बदनामी जैसे दुष्परिणाम होते हैं।
मतलबी प्यार - इस प्रकार का प्यार आजकल बहुत पाया जाता है। जिसका प्रयोग लडको की तुलना में लड़किया अधिक करती है और लडको को मूर्ख समझने की भारी भूल करके बाद में परेशान होती है जिसका दोष भी यकीनन लडको को अधिक भुगतना पड़ता है। इस प्रकार का प्यार करने वाले युगल पार्क, रेस्टोरेंट, मूवी थिएटर, मॉल और oyo होटल में पाए जाते है। जहां दोनो युगल हाथ में हाथ डाले आपस की पूरी सहमति में दिखते है लेकिन कभी यदि परिवार या पुलिस द्वारा पकड़े जाए या फिर लड़की का ब्रेकअप का मूड हो लेकिन लड़का ब्रेकअप के लिए राजी न हो या खर्चा उठाने के लिए कोई उससे बेहतर मिल गया हो या फिर उससे ही एक ही बार पैसा निकलवाना हो तब लड़किया अक्सर लड़के पर यह आरोप लगाती है की शादी का झांसा देकर शोषण किया गया है। बेचारी अबला नारी, आजकल है सब पर भारी। इसलिए दोस्तो ऐसा प्यार से तो सिंगल ही बडिया है, सलमान खान, राहुल गांधी, आदित्यनाथ योगी इसका बहुत बढ़िया उधारण है एक दम बिंदास,🤠😎
एनिमल लव - आजकल एक मूवी बड़े जोरों शोरों से चल रही है और वो है एनिमल। जो मेरे ख्याल से एक बहुत ही विषैली विचारधारा वाली मूवी है। जहा नायक का मानना है की हमेशा ताकतवर को ही हर चीज पाने का हक है। फिर चाहे वो ताकत हो या फिर प्यार। प्यार के मायने वहा पर किसी के ऊपर राज करना और अपना दबदबा बनाए रखना होता है। अगर प्यार से न माने तो फिर गुस्सा, हिंसा और अपने अहंकार और वासना के आगे किसी को कुछ न समझना। लड़कियों पर होने वाले एसिड अटैक और इस तरह को किसी भी प्रकार की हिंसा जो किसी के इनकार करने पर होती है। जो वाकई बहुत ही विषैली है। हमे समझना होगा कि इश्क में न का मतलब तो न ही होता है। अगर आप हां समझते है तो समझ लीजिए आप भी एनिमल लव की ही श्रेणी में आ चुके है।
सच्चा प्यार - इस श्रेणी का प्यार करने वाले लोग भी मिल जाएंगे l लेकिन यह लोग दिखाई नही पड़ते क्युकी इनकी अपनी ही एक दुनिया होती है। इन्हे दिखावा पसंद नही होता इसलिए ऐसे युगल हाथ में हाथ डाले घूमते नही मिलते। बल्कि किसी पुरानी फिल्म के युगल की ही तरह आज के जमाने में भी मात्र अपने प्रेमी की खुशबू, उसकी बातो और उसके अंदाज से ही मस्त रहते है। लोग इन्हें अक्सर बेवकूफ और डरपोक ही समझते है लेकिन सच मानिए इनका प्यार बहुत ही लंबा चलने वाला होता है। जो बुढ़ापे तक खत्म नहीं होता बल्कि समय के साथ इसका दर्द और मीठा होता जाता है। इस प्रजाति के प्रेमी ढूंढना भूसे के ढेर में सूई ढूंढने के समान है।
लिखने को तो बहुत कुछ है लेकिन समय के अभाव के कारण इस विषय पर यही विराम लगाते है। मेरी अन्य रचनाओं पर भी जरूर ध्यान दे, लाइक कमेंट और फॉलो अवश्य करें। धन्यवाद