आज का दौर डिजिटल हो गया। अधिकतर कार्य कम्प्यूटरीकृत हो चुके हैं। जिसका ज्ञान होना आज के समय में अति आवष्यक है। एक छोटा सा स्मार्टफोन इतने बड़े-बड़े कार्य कर देता है जिसे देखकर आष्चर्य होता है। जिस कार्य को करने में किसी समय घंटों लग जाते हैं जिसमें समय और श्रम दोनों ही अनावष्यक रूप से लगता था। आज डिजिटल होने के कारण वह घर बैठे-बैठे चुटकियों में हो जाता है। फिर चाहे बिजली का बिल जमा कराना हो, बैंक से पैसे निकालने या जमा कराने हों, बैंक अकाउंट का बैंलेस चैक करना हो, बच्चों के स्कूल की फीस जमा करनी हो, बिना कैष मनी के बाजार में किसी भी प्रकार की खरीददारी करनी हो, यह सब इस डिजिटल युग में ऑनलाईन नेट बैंकिंग से संभव है। मात्र एक बैंक का एप्प मोबाईल में डाउनलोड करके बिना एटीएम में जाये, आप बड़ी आसानी से अपने मोबाईल के द्वारा यह सभी लेनदेन कर सकते हैं।
किन्तु यह सब कार्य करने के लिए इन सभी तकनीकीयों का ज्ञान होना भी आवष्यक है। जिसके बिना यह सब करना अत्यन्त ही कठिन है। यह सब सीखने के लिए मात्र इच्छा, आवष्यकता और लगन का होना पर्याप्त है। आज की नई जेनरेषन के बच्चे जो प्रारम्भ से ही मोबाईल और कम्प्यूटर की तकनीकों को देखने के अभ्यस्त हैं, वह बड़ी आसानी से यह सब समझ जाते हैं और इन तकनीकीयों को इस्तेमाल कर लेते हैं। थोड़ी परेषानी पुरानी पीढ़ी के लोगों को होती है जिनका दिमाग नई तकनीकों को सीखने के प्रति थोड़ा उदासीन पाया जाता है, जिस कारण से वह जल्दी इसे सीख नहीं पाते और अधिक बड़ी आयु के लोगों की याददाष्त की कमी के कारण भी इन तकनीकों को सीखना उनके लिए कठिन हो जाता है।
वहीं दूसरी ओर निरक्षर और गरीब लोग होते हैं जो यह तकनीकों के प्रयोग को सीख नहीं पाते क्योंकि एक ओर निरक्षरता का होना और दूसरा धन न होने के कारण महंगे स्मार्टफोन को न खरीद पाना भी होता है। अंग्रेजी का सामान्य ज्ञान न होना भी डिजिटल तकनीकी को समझने में एक बहुत बड़ी बाधा है क्योंकि इस डिजीटल तकनीकों में सभी जगह अंग्रेजी का ही प्रयोग होता है। वह बात अलग है कि आज मोबाईल में हिन्दी के भी ऑप्षन आने लगे हैं लेकिन फिर भी मोबाईल और कम्प्यूटर की आधार भाशा तो अंग्रेजी ही होती है। हिन्दी में भी कई जगह अंग्रेजी के ही षब्द मिलते हैं, इसलिए अंग्रेजी का ज्ञान होना आज के समय में बहुत ही आवष्यक है।