एक था ड्रैगन,
बहुत बड़ा, बहुत ही ताकतवर।
जमीन पर चलता था,
हवा में उड़ता था,
मुंह से आग उगलता था।
ऐसा बताया था,
एक बुजुर्ग ने।
जिसकी हर बात थी,
पत्थर की लकीर।
पहले भी खोल चुका था,
वो कई राज।
आदमखोर बाघ का,
कर चुका था शिकार।
उसकी बहादुरी के किस्से,
दूर-दूर तक फैले थे।
उसके नाम की ख्याति,
बादशाह तक जा पहुंची।
बुलाया उसने बुजुर्ग को,
पूछी अनेकों बातें उससे,
जो बादशाह को पता न थी।
बादशाह एक बात जान गया,
यह कोई आम बुजुर्ग नहीं,
काम आ सकती है,
इसकी ख्याति और कारनामें।
बंद कमरे में दोनों में,
हुई कुछ गुफ्तगू,
बाहर निकल बुजुर्ग,
बहुत खुश था।
उसने बताया लोगों को,
एक नया किस्सा,
जो बड़ा दिलचस्प था।
बूढ़ा बोला लोगों से,
आज मैंने एक कमाल देखा,
दुनियां से खत्म हो चुके हैं सारे ड्रैगन,
बस एक आखिरी है बचा,
जिसने जन्म लिया है,
एक बादशाह के वेश में,
जो कोई और नहीं,
है तुम्हारे देश में।
जनता ने यह सुनकर,
बादशाह की जय-जयकार की।
बादशाह बहुत खुश था,
बुढ़े की सच्चाई से,
क्योंकि अब वो बन चुका था,
दुनियां का आखिरी ड्रैगन,
जो है शक्ति, सम्पत्ति
अनन्त जीवन का प्रतीक।
अब जो भी वो कहे,
सब कहेंगे उसे ही ठीक।
बस इतनी सी है,
ड्रैगन की कहानी...
दुनियां का आखिरी ड्रैगन,
जीवित रहेगा तब तक,
जब तक है,
भोली जनता,
चालाक बूढ़ा,
और बादशाह......