वैष्विक बाजार इंटरनेट के माध्यम से तेजी से प्रसार कर रहा है। धीरे-धीरे व्यापार के पुराने माध्यमों का स्थान नये माध्यम पकड़ रहे हैं जिसमें ऑनलाईन षॉपिंग, रिटेल मार्केट, फैषन, फिल्म-संगीत, एनिमेषन, स्वास्थ्य, कानून और गेमिंग इत्यादि मुख्य हैं। यदि देखा जाये तो ऑनलाईन मार्केटिंग मुख्यतः युवाओं को टार्गेट करता है क्योंकि आज का युवावर्ग वैष्विक बाजार के लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। युवा वर्ग को भी हम दो भागों में विभाजित कर सकते हैं। एक वर्ग जो वर्तमान में अपने माता-पिता पर आश्रित है और षिक्षा प्राप्त कर रहा है और दूसरा जो अपनी पढ़ाई समाप्त कर कोई नौकरी, रोजगार कर रहा है। इन दोनों वर्गों को ध्यान में रखते हुए दोनों की अपनी-अपनी वरीयतायें और आवष्यकतायें हैं।
ऑनलाईन गेमिंग की बात करें तो यह क्षेत्र खासकर युवाओं के पहले वर्ग को अधिक लुभाता है। जो 10 से 25 आयु वर्ग में आते हैं। आज के प्रतिस्पर्धा भरे युग में स्कूल, कॉलेज और इंन्स्टीट्यूट्स की भागदौड़ में यह वर्ग स्वयं को थका और तनावपूर्ण स्थिति में पाता है, तो कुछ समय मस्तिश्क को उस तनाव से मुक्त करने हेतु गेम्स अत्यधिक लोकप्रिय हैं। ऑनलाईन गेम्स में अनेकों प्रकार से गेम्स हैं जो दिमाग के अलग-अलग क्षेत्रों को एक्टिव करने का कार्य करते हैं, पजल गेम्स, रेसिंग गेम्स, फाईटिंग गेम्स और इस प्रकार के अनेकों गेम्स जो अत्यधिक लोकप्रिय हैं। जहां तक मात्र दिमागी कसरत और मनोरंजन तक यह गेम्स खेले जाते हैं, वहां तक तो ठीक है लेकिन इंटरनेट पर आज अनेकों ऐसी वेबसाईट्स मिल जाएंगी जो खेल खेलने के साथ पैसा कमाने का दावा करती हैं। जो एक प्रकार से जुए का ही ऑनलाईन रूप है। जहां धोखाधड़ी की संभावना 100 में 99 प्रतिषत है। इन गेम्स को खेलते-खेलते युवा वर्ग इसकी लत के षिकार हो जाते हैं और जैसा कि जुआ में होता ही है कि पहले थोड़ा जीतने के बाद जब हारना प्रारम्भ होता है, तो उसकी क्षतिपूर्ति करने के चक्कर में व्यक्ति और अधिक हानि में पड़ता जाता है और कई बार कर्ज के दलदल में फंस जाते हैं जिसके कारण उन्हें गंभीर रूप से आर्थिक हानि उठानी पड़ जाती है। कई बार इस प्रकार की वेबसाईटस के माध्यम से लोग साइबर ठगी के षिकार होते हुए भी पाये गये हैं।
ऑनलाईन गेमिंग की लत का षिकार हो जाने वाले युवाओं का मात्र धन की ही बर्बादी नहीं होती अपितु उनका कीमती समय, सेहत और पढ़ाई का भी अत्यधिक नुकसान होता है। इसलिए सभी को चाहिए कि इंटरनेट में उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं का उपयोग सोच समझ कर करें क्योंकि जहां यह एक और ज्ञान-विज्ञान का खजाना है तो वहीं दूसरी और हानियां भी हैं।
वर्तमान समय की यह तकनीकी उस दो धारी तलवार की तरह है जो सावधानी पूर्वक प्रयोग न की जाये तो इससे स्वयं के ही कट जाने खतरा पूर्ण रूप से है।