एक गरीब मजदूर था जो अपनी दिनचर्या के लिए रोज़ाना शहर के बाहर चला जाता था। उसे रोज़ कुछ न कुछ काम मिलता था जिससे उसका पेट भरता और घर के लिए कुछ पैसे भी बचते थे। वह अपने कठिन जीवन में भी सबसे खुश था।
एक दिन, उसने अपने एक दोस्त से बात की। उसके दोस्त ने उसे बताया कि वह भी एक मजदूर था, लेकिन उसने अपनी कुशलताओं का उपयोग करके एक छोटी सी दुकान खोली थी जिससे उसे अधिक आय थी।
मजदूर ने दोस्त से पूछा, "लेकिन मेरे पास तो उतने पैसे नहीं हैं कि मैं दुकान खोल सकूँ।"
दोस्त ने उसे यह सलाह दी, "तुम एक छोटी सी शुरुआत करो। कुछ अधिक समय निकालकर एक संबंध से बात करो जो तुम्हें धन उपलब्ध कर सकता है।"
मजदूर ने दोस्त की सलाह अपने दिल पर ले ली और उसने अपने आसपास के लोगों से संबंध बनाना शुरू कर दिया। उसने इस तरह एक छोटी सी दुकान खोल ली, धीरे धीरे, मजदूर ने दुकान के सामान का विस्तार करना शुरू किया। वह अपने दुकान में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले सामान के लिए खोज करने लगा और अपने ग्राहकों को सबसे अच्छी सेवा देने का भी वादा किया।
उसने अपने दुकान के लिए एक छोटा सा पोस्टर तैयार करवाया, जो उसके दुकान के सामने लगाया गया। धीरे-धीरे, उसके दुकान का प्रचार फैलता गया और उसके दुकान का नाम समाज में जाना शुरू हो गया।
आज, मजदूर की दुकान बड़ी सफलता हुई है। वह अपने स्थान पर खड़ा होकर गरीबों की मदद करता है और समाज में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गया है।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी के पास जितनी संसाधन हों, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण उसकी कुशलताएं होती हैं। हमें किसी भी स्थिति में हिम्मत और लगन से काम करना चाहिए और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।