जिंदगी के सफर से गुज़र जाते है जो मकाम,
वो फिर नही आते, वो फिर नही आते।
क्या बात लिखी है लिखने वाले ने,
और बहुत ही खूबसूरत आवाज दी गायक ने,
जो दिल को छू जाती है।
लेकिन इस गीत में एक दर्द है,
जो अक्सर लोग बढ़ती उमर के साथ अनुभव करते है।
इस भावना को कभी अपने मन पर हावी न होने दें।
जिंदगी जिंदादिली का नाम है,
तो क्या हुआ हम पहले की तरह अकेले न रहे,
वो बेख्याली न रही,
वो दोस्त ना रहे,
वो पागलपन न रहा,
अब समझदार हो गए,
इसलिए बहुत कुछ खो चुके।
समझदारी अच्छी बात है,
लेकिन कोन कहता है बढ़ती उम्र इंसान को खुश होने से रोकती है।
थोड़ा जियो अपने लिए भी।
थोड़ा बनो खुदगर्ज और बेख्याल।
क्युकी सच तो यही है दोस्तो,
एक दिन ये सब छोड़ जाना है,
फिर चाहे खुशी से या रोते हुए।
मौत बड़ी बेरहम है लेकिन बहुत ही वफादार भी।
किसी का साथ नही छोड़ती।
इसलिए जिंदगी के दो पल जी लीजिए अपने लिए भी।
क्या पता कल हो ना हो।
फिर चाहे घुड़सवारी करने की चाहत हो या हवाई यात्रा,
विदेश जाना है या फिर अपना ही देश,
कुछ खाने भूख है या किसी को पाने की,
हर वो काम जिसे करने की दिल में हसरत है,
इस जिंदगी में ही पूरा कर लो।
क्या पता कल हो ना हो।
यही सच है।
मर जाने के बाद जो संबंधी,
आपके बिना एक पल नही रह सकते,
ज्यादा देर भी साथ न रह सकेंगे।
मोहब्बत है जिन्हे तुम्हारे साथ से,
चेहरा देखकर तेरा डरेंगे।
आवाज लगती है जिनको तेरी प्यारी,
मौत के बाद उन्हें डराएगी।
कपड़े तक फेंक देंगे वो सब बाहर,
लेकिन दौलत उनको लुभाएगी।
तेरा होना न होना किसी को क्या,
बहुत आए और चले गए।
जिंदगी जिंदादिली का नाम है,
क्या पता कल हो ना हो.....