आपने कुछ दिन पुराना वो किस्सा जरूर सुना होगा जब गूगल ने एक लड़की को आत्महत्या करने से बचा लिया। मामला यह था कि लड़की को उसके बॉयफ्रेंड ने रिलेशनशिप के कई सालों बाद शादी करने से मना कर दिया था। कारण वही पुराना घिसा-पिटा था, लड़के के मां-बाप इस रिश्ते के लिए कतई राजी नहीं थे। अपने सामने कोई रास्ता न देख लड़की पहुंच गई थी आत्म हत्या करने। लेकिन उसके गूगल पर सुसाइड के तरीके सर्च करने ने उसे बचा लिया।
बात पुलिस तक पहुंची और लड़की ने पूरी बात काउंसलर को बताई। इसके बाद उस लड़के से बात करके मामला सुलझाने की प्रक्रिया शुरू हुई और आगे क्या हुआ, किसी को नहीं पता। इस कहानी में एक ट्विस्ट यह भी था कि रिश्ता खत्म करने के कुछ ही दिन पहले लड़के की सरकारी नौकरी लग गई थी और उसके मां-बाप ने उसकी शादी तुरंत दूसरी जगह तय कर दी थी। शायद उन्हें अपने सामने एक मोटा दहेज दिखाई दे रहा होगा।
इसे पढ़कर आपको उस लड़की पर जरूर दया आ रही होगी, कि बेचारी के साथ धोखा हुआ, बहुत बुरा हुआ... वगैरह-वगैरह! आप सोच रहे होंगे कि जो भी हुआ, उसकी जिंदगी वहीं तो खत्म नहीं हो गई थी, उसे आत्महत्या करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए था। आखिर उसका अपना परिवार भी तो है। लेकिन फिर उसे क्या करना चाहिए था?
अचानक हुई किसी अजनबी की एंट्री
उसे जो करना चाहिए था उसका उदाहरण कानपुर में एक लड़की ने पेश किया है। यह घटना अनुराग कश्यप की किसी फिल्म की कहानी लगती है लेकिन बिल्कुल सच्ची है। इस लड़की के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लड़के ने शादी का वादा करके प्यार की पींगें बढ़ाईं और फिर शादी करने पहुंच गया किसी और से। लेकिन इस लड़की ने भी तय कर लिया था कि वो उसको सबक सिखा कर रहेगी। इसके बाद उस लड़की ने बनाया दूल्हे की किडनैपिंग का प्लान जो सफल भी हो गया।
अशोक यादव की शादी भवानी गांव के रामसजीवन से तय की गई। सोमवार की रात को शादी का कार्यक्रम शुरू भी हो गया। बरात नाचते हुए आई फिर जयमाला की रस्म हुई। अब क्योंकि शादी गांव में थी इसलिए बिजली देने का काम बिजली विभाग नहीं बल्कि जनरेटर कर रहा था। गाजे-बाजे और बारातियों-घरातियों की आवाज के बीच यह जनरेटर भी एक टिपिकल गांव की शादी में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा था। लेकिन तभी किसी ने इस जनरेटर को बंद कर दिया, अंधेरे के साथ-साथ चारों तरफ खामोशी छा गई और तभी एंट्री हुई... अब आप इसे विलन कहेंगे या हीरोइन, यह खुद तय कीजिए।
अकेले नहीं, साथ थे कई हथियार बंद
एक लड़की हाथ में रिवॉल्वर घुमाते हुए करीब आठ-दस लोगों के साथ शादी में एंट्री करती है। वो जाकर दूल्हे के बगल में बैठ जाती है, दोनों के बीच कुछ देर तक बहस, फिर हलकी हाथापाई होती है। इसके बाद लड़की दूल्हे को सबके सामने बंदूक की नोक पर उठा कर अपने साथ ले जाती है। किसी की हिम्मत तक नहीं होती कि वो अशोक को रोक सके।
यह लड़की और कोई नहीं बल्कि दूल्हे अशोक की प्रेमिका थी। लोग बताते हैं कि वो मध्य प्रदेश की रहने वाली है और बांदा के एक बैंक में नौकरी करती है। अशोक के इस लड़की के साथ प्रेम संबंध थे और वो शादी किसी और से कर रहा था। इस लड़की के पास दो ऑप्शन थे, पहला या तो वो इसे अपनी नियति मानकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाए या फिर लड़के को सबक सिखाने के लिए कुछ कर जाए। ज्यादातर लोगों का मानना है कि लड़की को पहला ऑप्शन चुनना चाहिए था क्योंकि वो लड़का उसके लायक ही नहीं था। लेकिन लड़की ने भी चंबल का पानी पिया था और वहां की फिजाओं का असर उसके व्यक्तित्व पर साफतौर पर देखा जा सकता है। वो कोई आम बेचारी अपने परिवार की इज्जत की मारी लड़की नहीं थी, वो बागी थी, बागी!
समाज नहीं अपना पाता प्रेम विवाह
अब आप समझ गए होंगे कि इसे हमने अनुराग कश्यप की फिल्म क्यों कहा। वजह यही है कि किसी आम बॉलीवुड फिल्म में लड़का लड़की को उठा कर ले जाता है या लड़की हमेशा रोती रह जाती है। लेकिन यहां एक बिगड़ैल लड़के के दिए धोखे का सबक उसे सिखाने का जिम्मा इस लड़की ने उठा लिया था। आपको शायद इसे पढ़कर लगे कि उस लड़की ने गलत किया, लेकिन अगर आप खुद को ऐसे लोगों की जगह रख कर देखेंगे जो धोखे का शिकार होकर भी कुछ नहीं कर पाते, तो शायद आपको यह बात समझ में आएगी।
भारत में यह सब बहुत आम है। लड़कियों के लिए दरवाजे भले ही अभी खुले हों या नहीं लेकिन भारतीय परिवार इस बात को मान चुके हैं कि जब लड़का जवान होता है तो उसकी गर्लफ्रेंड बनती हैं। लोगों को अब इस बात से कोई समस्या नहीं है। लेकिन लोग अभी भी यही मानते हैं कि शादी तो घरवालों की मर्जी से ही होनी चाहिए। ऐसे में ज्यादातर प्रेम संबंध घरवालों को पता चलते ही टूट जाते हैं। प्रेम में किए गए सारे कसमें-वादे लोग घरवालों के एक इमोशनल डायलॉग के साथ ही भूल जाते हैं। वो वक्त होता है जब लोगों को अचानक याद आता है कि अपने पार्टनर से ज्यादा उनके लिए उनका परिवार मायने रखता है और वो अपने घरवालों के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
कंगना से इंस्पायर हो रही हैं लड़कियां
इस दूल्हे ने भी शायद कुछ ऐसा ही किया होगा। उसने अपनी प्रेमिका से कहा होगा कि मैं यह शादी करने के लिए मजबूर हूं। तुमसे पहले मेरे लिए मेरे मां-बाप जरूरी हैं और मुझे उनको पहले देखना है। मैं शादी करके दहेज़ लेना तो नहीं चाहता लेकिन मुझे ऐसा करना पड़ रहा है। इसके लिए मुझे माफ कर देना। इतना कहते ही दिन में 5 बार शादी करने वाला लड़का दहेज़ में मिलने वाली मोटरसाइकिल के सपने देखने लगा होगा। अगर प्रेमिका शांति से पीछे हट जाती तो उसे एक आदर्श गर्लफ्रेंड माना जाता जिसने अपने बॉयफ्रेंड की खुशी के लिए त्याग कर दिया। लेकिन अब समय बदल चुका है।
लड़कियां भी बदल चुकी हैं। यह समय 'मेरा कुछ सामान...' टाइप गाने गुनगुनाने का नहीं है बल्कि 'रिवॉल्वर रानी से इंस्पायर होने का है। जो लड़के लड़कियों को सिर्फ टाइम पास समझ कर समय आने पर उनसे किनारा कर लेते हैं, यह घटना उनके लिए एक सबक है। हम यह नहीं कह रहे कि उस लड़की ने सही किया या गलत, यह तो आपको तय करना है। पकड़े जाने पर लड़की पर कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। लेकिन एक बार इस बारे में जरूर सोचिएगा कि इस लड़की ने ऐसा क्यों किया होगा। बाकी समय बदल चुका है, लड़कियां भी बदल रही हैं... इसलिए सावधान हो जाइए!