दुनिया में कम ही ऐसे लोग हुए हैं जो इतिहास पर अपना गहरा प्रभाव डालने में कामयाब रहे हैं. नहीं, यहां बात दुनिया के महान लोगों की नहीं बल्कि उन लोगों की हो रही है जिन्होंने सीक्रेट लाइफ़स्टाइल अपनाई, कई खतरों से बढ़ते हुए तमाम खुलासे किए और जिनकी मौत तमाम तरह के सवाल भी छोड़ गई. ज़्यादातर केसों में ये लोग टॉप क्लास सीक्रेट जासूस, सीरियल किलर, सरकारी वै ज्ञान िक, माफ़िया सदस्य या Whistleblowers रहे हैं. इन लोगों पर कई हैरतअंगेज़ इल्ज़ाम लगते रहे हैं जिन पर विश्वास कर पाना भी मुश्किल है. जानिए दुनिया के इन दिलचस्प लोगों के बारे में
1. Sidney Gottlieb : LSD की मदद से लोगों के दिमाग के साथ करता था प्रयोग, फिडेल कास्त्रो को दिया था जहर
1918 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में Sidney Gottlieb नाम के एक शख़्स का जन्म हुआ था. उनका असली नाम Joseph Scheider था. उन्होंने केमिस्ट्री में पीएचडी की थी और वे दुनिया के ख़तरनाक ज़हरों के विशेषज्ञ थे. 1951 में सिडनी ने सीआईए ज्वाइन की थी और MKULTRA नाम के एक प्रॉजेक्ट के तहत उन्हें एक टॉप सीक्रेट काम सौंपा गया था. इस प्रॉजेक्ट में इंसानों के दिमाग को कंट्रोल करने की कोशिशें की जाती थीं. प्रॉजेक्ट के दौरान सिडनी ने कई ऐसे प्रयोग कराए थे, जिनमें इंसानों को गिनी पिग्स की तरह इस्तेमाल किया जाता था. वे इसी वजह से Black Sorcerer के नाम से जाने जाते थे.
उन्होंने ऑपरेशन 'मिडनाइट क्लाइमैक्स' नाम के एक प्रॉजेक्ट की भी कमान संभाली थी. इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों पर नज़र रखने के लिए सीआईए सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क और मरीन में घर खरीद रही थी. सीआईए ने इस प्रोजेक्ट के लिए कई वेश्याओं के साथ करार किया था. ये महिलाएं लोगों को घर ले आती थीं और इन लोगों को रिक्रिएशनल ड्रग एलएसडी की डोज़ देने के बाद एजेंट्स उन लोगों की हरकतों का मुआयना करते थे. देश भर के जेलों में कुछ एक्सक्लूसिव कैदियों को एलएसडी दिया जा रहा था और दिमाग को कंट्रोल करने वाले प्रयोग किए जा रहे थे.
सिडनी जब लोगों के दिमाग के साथ नहीं खेल रहे होते थे तो कई प्रभावशाली हस्तियों की ज़िंदगी के साथ खेलने की कोशिश करते थे. क्यूबा के क्रांतिकारी, फ़िडेल कास्त्रो और इराक के जनरल, अब्दुल कासिम को उन्होंने ज़हर देने की कोशिश की थी. वियतनाम युद्ध के दौरान वियतनामी सैनिकों के दिमाग को कंट्रोल करने वाले प्रयोग किए जाते थे. सिडनी इस टीम में भी शामिल था. 1960 में कॉन्गो के प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश में सिडनी ने अहम भूमिका निभाई थी. सिडनी ने 1972 में सीआईए को छोड़ दिया था और भारत आ गए थे. लेकिन आने से पहले उन्होंने करीब 80 प्रतिशत संवेदनशील फाइल्स को खत्म कर दिया था. इनमें उनके खुद के कई प्रॉजेक्ट्स भी शामिल थे. एक शातिर दिमाग और विवादास्पद इस शख़्स की ज़िंदगी से जुड़े कई तथ्य अब भी रहस्यमयी बने हुए हैं.
.2. Wolf Messing: जिसके मुरीद थे अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टालिन, हिटलर से भी लिया था पंगा
1899 में वॉल्फ़ मेसिंग का जन्म पोलैंड में हुआ था. युवावस्था में मेसिंग की Psychic abilities बेहद खास थी. वे बॉडी लैंग्वेज भांप कर, मानसिक टेलीपैथी से लोगों की राय बदल देने में माहिर थे. वे कई बार भविष्य भी बता सकते थे.
अपने शो के दौरान मेसिंग Trance की स्टेट में चले जाया करते थे और खोई वस्तुओं को ढूंढ़ने की एक्टिंग किया करते थे. वे सैंकड़ों लोगों के सामने परफ़ार्म करते थे और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उनकी लोकप्रियता में काफ़ी इजाफ़ा हुआ था.
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और महान फ़िलोसॉफ़र- लेख क सिग्मंड फ्रॉयड भी उनसे काफ़ी प्रभावित थे. 1937 में मेसिंग ने भविष्यवाणी की थी कि एडोल्फ़ हिटलर अगर रूस को डराता है या पूर्व में हमले की कोशिश करता है तो उसकी मौत निश्चित है.
मेसिंग का ये संदेश हिटलर को नागवार गुज़रा और इसी वजह से मेसिंग को अपना देश छोड़ कर रूस की शरण लेनी पड़ी. मेसिंग को इसके बाद स्टालिन के सामने भी अपनी Psychic क्षमताओं का परिचय देना पड़ा था. इसके लिए उन्होंने महज़ एक कोरे कागज़ की बदौलत एक बैंक कर्मचारी से कैश हासिल करने में सफ़लता प्राप्त की थी.
स्टालिन ने मेसिंग की क्षमताओं से प्रभावित होकर उन्हें KGB में अध्यापक बना दिया था. वोल्फ़ मेसिंग की मौत 1974 में हुई थी. उनकी ज़िंदगी के काफ़ी महत्वपूर्ण हिस्से उनकी ऑटोबायोग्राफ़ी About Myself में हैं. अपनी Psychic क्षमताओं और ज़िंदगी से जुड़े कई विवादास्पद तथ्यों के चलते वे मॉर्डन डे के रहस्यमयी शख़्स बने हुए हैं.
3. Adam Rainer : दुनिया का इकलौता शख़्स जो बौना भी था और लंबू भी
एडम रैनर का जन्म 1899 में ऑस्ट्रिया में हुआ था. जब वे 19 साल के थे, तब उनकी मेडिकल जांच हुई थी और उनकी हाइट केवल 4 फ़ीट 8 इंच थी. रेनर पतले थे, कमज़ोर थे और लोगों को लगने लगा था कि वे ताउम्र बौने रह जाएंगे.
लेकिन 1920 में उनके हाथ, पैर काफी तेज़ी से बढ़ने लगे और उनकी तबीयत खराब रहने लगी. उनकी आंखों की रोशनी जाती रही और उनके लिए खाना और चलना मुश्किल हो गया था.
1930 तक एडम की हाइट लगभग 7 फ़ीट हो चुकी थी. ऐसा माना जा रहा था कि उनके Pituitary Gland में ट्यूमर है जिसकी वजह से उनके ग्रोथ हॉर्मोन में गड़बड़ी आ गई थी.
सर्जरी कराने के बावजूद उनकी सेहत में फ़र्क नहीं पड़ा और उन्होंने जल्दी ही बिस्तर पकड़ लिया. 1950 में उनकी मौत हो गई. इस समय तक उनकी हाइट 7 फ़ीट 8 इंच थी. गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस का मानना था कि एडम दुनिया का इकलौता ऐसा शख़्स था, जिसने ज़िंदगी में बौने होने से लेकर बेहद लंबे होने का सफ़र तय किया था.
4. Raymond Lee Harvey : मानसिक रोगी जिसने रची थी अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या की साजिश
5 मई 1979 को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस ने रेमंड ली हार्वी को गिरफ़्तार किया था. अमेरिका के राष्ट्रपति जिमी कार्टर की लॉस एंजेलेस में स्पीच से महज़ दस मिनट पहले, उसे लोडेड स्टार्टर गन के साथ गिरफ़्तार किया गया था.
हार्वी उस समय प्रेसिडेंट कार्टर से महज़ 50 फ़ीट की दूरी पर ख़ड़ा था. पुलिस से पूछताछ में उसने बताया कि वह चार लोगों के एक ग्रुप का हिस्सा था जो जिमी कार्टर की हत्या करना चाहते थे. हार्वी हवा में गोली चलाने वाला था और भगदड़ के बीच एक दूसरा शख़्स जिमी कार्टर की हत्या कर देता. हार्वी ने 21 साल के एक शख़्स को अपना साथी बताया. इस युवक ने ये तो माना कि वो हार्वी का साथी था, लेकिन उसने ये मानने से इंकार कर दिया कि वही जिमी को मारने वाला था.
रेमंड का मानसिक बीमारी का इतिहास रहा है. शायद यही कारण था कि शुरुआत में उसकी कहानी को झूठा और बेबुनियाद समझा गया, लेकिन जांच के दौरान उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाने लगा. मेनस्ट्रीम मीडिया में राष्ट्रपति की मौत की साजिश को दिखाया गया, लेकिन जल्दी ही इस मामले से जुड़ी बेहद कम जानकारियां सामने आने लगीं. इसके अलावा रेमंड ली हार्वी के बारे में भी कई बातें रहस्यमयी बनी रहीं.
5. Walter Hout : वो अमेरिकी आर्मी ऑफ़िसर जिसने मृत एलियंस को देखने का दावा किया था
1947 में वॉल्टर हाउट मेक्सिको के शहर रॉसवेल में एक पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफ़िसर थे. 8 जुलाई 1947 में उन्होंने प्रेस रिलीज़ जारी की थी. इसके मुताबिक, यूएस आर्मी को रेगिस्तान से एक फ्लाइंग डिस्क मिलने की बात थी.
लेकिन इसके बाद वॉल्टर को कहा गया कि इस आइडिया को प्रमोट किया जाए कि वह कुछ और नहीं, बल्कि High-Altitude मौसमी गुब्बारा था. उनके इस बयान की मीडिया में आलोचना हुई, लेकिन अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने इस घटना के बारे में कोई बात नहीं की.
हालांकि 2002 में उन्होंने एफ़िडेविट पर साइन किया और कहा था कि रॉसवेल में अंडे के आकार की उड़न-तश्तरियां और कई सारे मृत एलियंस की बॉडी देखी गयी है. उन्होंने इन एलियंस के सिर को बेहद बड़ा बताया.
2007 में उनकी मौत के बाद एक किताब में वॉल्टर की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए गए. अपने कर्नल दोस्त विलियम ब्लैनकार्ड की इज़्ज़त के चलते उन्होंने सालों तक इस बात को छिपाए रखा था. उनका एफ़ीडेविट आज भी संदिग्ध बना हुआ है.
6. Alexander Solonic: रूसी माफ़िया जिसका क्रिमिनल नेटवर्क आज भी है रहस्य
1960 में एलेक्ज़ेंडर सोलोनिक का जन्म रूस के कुरगान में हुआ था. 80 के दशक के अंत में वो रेप के आरोप में गिरफ़्तार हुआ. लेकिन 1990 में वो जेल से भागने के बाद रूस के इतिहास का सबसे मशहूर हत्यारा कहलाया जाने लगा.
उसने अंडरवल्ड के कई नामी गिरामी क्रिमिनल्स को मार गिराया था. कुछ ही सालों में उसे सबसे खूंखार कॉन्ट्रेक्ट किलर का दर्जा मिल चुका था. उसने कई रसूखदार अपराधियों को ख़त्म किया था.
वह रूस की टॉप 10 माफ़िया लिस्ट में शुमार था. 1997 में एक ग्रीक अखबार में खबर छपी कि माफ़िया बॉस एथेंस से 15 मील दूर मृत पड़ा मिला है. एलेक्ज़ेंडर की गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी. एलेक्ज़ेंडर की मौत के साथ ही 90 के दशक के मध्य में बिछाया गया उसका क्रिमिनल नेटवर्क रहस्य ही बना रहा.
7. Arnold Paole : जिसे वैंपायर समझकर कब्र से निकाला और उसकी डेड बॉडी को जला दिया
18वीं शताब्दी की शुरुआत में दक्षिण पूर्वी यूरोप के लोग वैंपायर के अस्तित्व में विश्वास करते थे. इसे ट्रांसिल्वेनिया में एक बड़ी समस्या समझा जाता था. लोग शक होने पर कब्र खोद कर डेड बॉ़डी का निरीक्षण तक करते थे. कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों की डेड बॉडी को देखने का दावा तक किया था.
1726 में आर्नोल्ड पेओल की मौत मेडुगेना में हुई थी. उसके मरने के बाद कई लोगों को वो दिखाई देने लगा. सर्बिया में हुई इस घटना की रिपोर्ट के मुताबिक, 'आर्नोल्ड की डेड बॉडी चार लोगों की मौत की ज़िम्मेदार थी. जब उसकी कब्र को खोदा गया तो उसकी आंखों, कान और चेहरे पर खून देखा गया. लोगों ने उसे वैंपायर समझ कर उसकी बॉडी को जला दिया. लंदन जर्नल में ये ख़बर 11 मार्च 1732 में छपी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, हंगरी में वैंपायर ज़िंदा लोगों का खून पी रहे थे.
8. Sergei Tretyakov: वो रूसी जासूस जो अमेरिका का भी सीक्रेट एजेंट था.
सर्जेई एक रूसी जासूस था. रूस में रहने के दौरान वे रूसी इंटेलिजेंस सर्विस में कर्नल थे. 1997 में वो डबल एजेंट बन गए और अमेरिका को रूस की कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराने लगे. 2000 में वो अमेरिका आ गए. यहां आने पर अमेरिकी प्रशासन ने उन्हें 2 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया था.
2008 में सर्जेई ने रूस की इंटेलीजेंस सर्विस SVR को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी थीं. उन्होंने इन जानकारियों मे कहा था कि SVR ने एक प्रभावशाली राजनेताओं की लिस्ट बना कर उनकी हत्या कराई थी ताकि व्लादिमीर पुतिन रूस की सत्ता पर काबिज हो सकें.उन्होंने एक शख़्स से अपनी बातचीत का ब्यौरा दिया था. इस शख़्स ने प्राइवेट न्यूक्लियर हथियारों के खुलासे किए थे.
सर्जेई ने रूस के एक प्रॉजेक्ट Active Measures के बारे में भी खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि प्रौपोगैंडा, फ़ेक न्यूज़ और गलत जानकारियों के सहारे विश्व के कई महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है. Active Measures को सोवियत इंटेलिजेंस का दिल और दिमाग कहा जाता था.ये भी दावा किया गया कि अमेरिका के Whistle blower एडवर्ड स्नोडेन का मीडिया लीक, अमेरिका को सबक सिखाने के लिए ही किया गया था.
13 जून 2010 को सर्जेई अमेरिका के अपने घर में मृत पाया गया था. मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीट का टुकड़ा गले में अटकने की वजह से उनकी मौत हुई थी. वहीं कई अफ़वाहें ऐसी भी थीं कि अमेरिका के सामने मुंह खोलने की वजह से SVR ने उन्हें मार गिराया था.