भारत में क़रीब 95% workforce, आकस्मिक और नैमित्तिक कर्मचारी के रूप में काम कर रहा है . ऐसे कितने ही कर्मचारियों की मासिक आय गुज़ारे भर को भी पर्याप्त नहीं होती । पेमेंट भी अधिकतर अनियमित ही होता है । इस आम बजट में आकस्मिक और नैमित्तिक कर्मचारियों के लिए क्या कोई उम्मीद है जो उनके जीवन स्तर को सुधार सके ?