योगी आदित्यनाथ ने अपने घर जिले में एक डिग्री कॉलेज खोला था. नाम रखा महायोगी गुरू गोरखनाथ डिग्री कॉलेज. साल था 1999. यमकेश्वर ब्लॉक के बिठयानी में खुला ये कॉलेज स्टेट में बीजेपी सरकार आते ही सरकारी कॉलेज हो गया. इसमें पढ़ने वाले स्टूडेंट्स इसे वरदान मानते हैं. कॉलेज के प्रिंसिपल साब, जो कि एक मुस्लिम हैं, वो कहते हैं कि ये निष्पक्षता, सहिष्णुता और मानवता की मिसाल है.
इस कॉलेज के बारे में बतियाने से पहले नेत्र बंद करके एक मिनट योगी का ध्यान कर लो. उनकी इमेज कैसी है ये तो पता ही होगा. यूपी में उनको हिंदू हृदय सम्राट समझा जाता है. उनको बीजेपी ने यूपी का सीएम बनाया तो उनकी स्पीचेज के कई पुराने वीडियो वायरल हुए. जिसमें मुसलमानों के खिलाफ तगड़ा मिर्ची मार्का कॉन्टेंट था. अब आंख खोल के इस कॉलेज की तरफ चलो. प्रिंसिपल आफताब अहमद के कैबिन की तरफ. इस कैबिन में हिंदू देवी देवताओं के फोटोज़ हैं. स्वतंत्रता सेनानियों की फ्रेम में लगी तस्वीरें टंगी हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को आफताब ने बताया कि “कॉलेज में सबसे अच्छी बात ये है कि ये जाति, धर्म और रंग से पूरी तरह फ्री है. ये पहाड़ों के वातावरण की तरह ही साफ है.”
कॉलेज में तकरीबन डेढ़ सौ स्टूडेंट्स हैं. ज्यादातर लड़कियां. 2005 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से अटैच कर दिया गया. पूरे जिले में अकेला डिग्री कॉलेज है. सबसे नजदीक ऋषिकेश में है, जिसकी दूरी 50 किलोमीटर है. आफताब की पोस्टिंग यहां 2014 में हुई. वो देहरादून के रहने वाले हैं. योगी आदित्यनाथ ने छोटे भाई महेंद्र सिंह बिस्ट यहां के प्रबंधक हैं. ये कहते हैं कि भेदभाव के लिए कॉलेज का रुख ज़ीरो टॉलरेंस वाला है. हम किसी भी विचारधारा का प्रचार नहीं करते. कॉलेज का प्रिंसिपल मुस्लिम है. और वो हर साल मेरे साथ होली खेल ने वाले पहले शख्स होते हैं.
आठ साल से यहां हिस्ट्री पढ़ाते हैं मुकेश त्यागी. वो कहते हैं कि यूपी के सीएम की चाहे जो विचारधारा हो, उसका इस कॉलेज पर कोई फर्क नहीं पड़ता. यहां सिर्फ एजूकेशन से मतलब है. किसी किस्म का धार्मिक भेदभाव नहीं पाला जाता.
अभी कॉलेज में 10 क्लासरूम्स और एक लाइब्रेरी है. जाहिर है कि ये काफी कम है. आर्ट फैकल्टी के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू करने का प्लान है. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी काम चल रहा है. स्टाफ बढ़ाने के लिए भी प्लानिंग चल रही है. खैर फ्यूचर की प्लानिंग तो फ्यूचर में रहती है, अभी यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का फ्यूचर ब्राइट है. क्योंकि उनको पढ़ने के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़ता. जितनी मेहनत करके वो कॉलेज जाते उससे कम मेहनत करके अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं.