कभी एक ही सरजमीं के रहे भारत-पाकिस्तान के बीच अब भले ही शरहद की दीवार हो, लेकिन कई लाखों साल पुराना इतिहास मिटता नहीं है। इसी इतिहास से जुड़ा है पाकिस्तान के कराची शहर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर।
इस हनुमान मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है। कहा जाता है कि इस मंदिर की पंचमुखी हनुमान मूर्ति 17 लाख साल पुरानी है, जिसका संबंध त्रेतायुग से है।
कहा जाता है कि पंचमुखी हनुमान जी की यह मूर्ति जमीन के अंदर से प्रकट हुई थी। लोगों की ऐसी धारणा है कि आज जिस जगह पर यह मंदिर स्थापित है, उस जगह से जब एक तपस्वी ने 11 मुट्ठी मिटटी हटाई तो हनुमान की पंचमुखी मूर्ति प्राप्त हुई। इसी कारण माना जाता है कि इस मंदिर की 11 परिक्रमाएं करने पर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस मंदिर में हनुमान जी के अद्भूत स्वरुप के दर्शन के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां केवल हिन्दू धर्म के ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी दर्शन के लिए आते हैं।
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