Meaning of दहेज छड़ी in Hindi
Meaning of दहेज छड़ी in English
English usage of दहेज छड़ी
Articles Related to ‘दहेज छड़ी’
- परी की छड़ी
- हम दहेज के खिलाफ़ हैं
- ( दहेज ... ) ये कैसा रिवाज है . . . !
- दहेजप्रथा - शिखा
- दहेज दानव
- दहेज़ से महंगी बेटी (कहानी) - राम लखारा 'विपुल'
- यह इंडिया है मेरे यार!
- बहुएं भी किसी की बेटी हैं
- दहेज की आग
- मेरी कलम, मेरी बातें...
- जादुई दुनिया
- हंसी के ठहाके लगाइये, टेंशन फ्री हो जाइये !!!
- उफ ये समाज और बेटियाँ
- जोक्य
- दहेज रूपी दानव!
- ''बेटी को इंसाफ -मरने से पहले या मरने के बाद ?
- दहेज ... ये कैसा रिवाज है ! 2
- घरेलू हिंसा और महिलाएं
- गृह लक्ष्मी पर हावी होती लक्ष्मी
- दहेज का पिटारा
- दहेज लोभियों को सबक
- दहेज दानव
- सबक दहेज़ के दानवों को
- हीरालाल कश्यप भी दोषी
- दहेज प्रथा
- कैसे ख़त्म हो पाएगा ?
- सूरज बनने की ख्वाहिश है यहाँ सबको ,, सूरज की तरह कोई तपना नही चाहता !!
- संसार के साथ व्यवहार करने के सिद्धांत
- "संस्मरण"
- घरेलू हिंसा एक अपराध
- इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या ...
- वो ऐसा कैसे कर सकती थी!
- हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति के बेजोड़-मेल की प्रतीक थीं “मस्तानी”
- दहेज से गूंजी शहनाई
- दहेज़
- दहेज लोभियों को सबक
- अंग्रेजों को दहेज में मिली थी मायानगरी मुबंई
- तबियत बदल जायेगा दवाई खरीद कर देख लो ( ग़ज़ल )
- दहेज या प्यार ?
- अबला की चाह
- दहेज़ (एक अभिशाप)
- बहुएं भी किसी की बेटी हैं
- तिलकहरूंओं को गुड से पानी पिलाकर कहा नहीं लेंगे दहेज.....
- ‘कन्याभ्रूण’ आखिर ये हत्याएँ क्यों?
- दहेज़ के खिलाफ एक जंग
- दहेज प्रथा:एक अभिशाप
- बेटी का हक़ -कहानी
- दहेज के भेंट चढ़ी एक लाड़ली
- दहेज- कविता
- दूल्हे ने ठुकराया 4 करोड़ रुपए का दहेज, 1 रुपए लेकर बोला आपकी बेटी ही है सबसे बड़ी दौलत
- दहेज की आग
- बारात दरवाजे पर, दुल्हन दहेज मे दी जाने वाली बाइक से "मजनू के साथ फरार"
- 5- मां ( निशा काबरा)
- लड़की दहेज़ का दावा क्यों नही कर सकती...
- दहेज़ सम्बंधित लेख
- भयंकर होता दहेज का दानव ...
- दहेज की बलिवेदी
- अनुत्तरित प्रश्न
- कोई ला के मुझे दे!
- दहेज
- वो ऐसा कैसे कर सकती है (दहेज)
- बारात दरवाजे पर, दुल्हन दहेज मे दी जाने वाली बाइक से "मजनू के साथ फरार"
- अर्थ.....
- बेटी बचाओ
- बेइज्जति
- किसका करें विश्वास अब
- हंसी के ठहाके लगाइये, टेंशन फ्री हो जाइये !!!
- औरत ही औरत की दुश्मन
- ‘मुबारक हो बेटी हुई है।’
- क्योंकि वो “बेटी” है
- मेरे जीवनसाथी 20
- दहेज़-दानव की काल-कटारी
- दहेज,जैसी कुप्रथा,समाज से मिटाने, स्वम् बहिन,बेटीयो को पहल करना होगी, जिस दिन बहिन अपने भाई के विवाह,में दहेज पर रोक लगा सकेगी, उसी दिन समाज से यह कुप्रथा समाप्त हो जायेगी
- दहेज प्रथा एक अभिशाप
- दहेज एक लानत
- रेलवे में नौकरी लगे राजपूत दूल्हे ने दहेज में 11 लाख रुपए लौटाकर दुल्हन के लिए कही ये बात
- दहेज़ निरोधक धारा ४९८ ए की प्रासंगिकता !!!
- मोतियों की लड़ी हूँ मैं - लोफर
- दहेज: परंपरा और आधुनिकता के बीच की खाई को पाटना
- AAP ने विधानसभा मे प्रस्ताव पास कर, खाई कसम न दहेज लेगे न देगे
- दुल्हन बोली दहेज के दो लाख लौटाओ तभी निकाह करुंगी, बारात बैरंग लौटी तो गांव के युवक ने थामा हाथ
- धूम मचाले - धूम ३ टाइटल सांग
- दहेज का दानव
- जिस दहेज वाली साइट का बड़े-बड़े नेता विरोध कर रहे थे, वो तो कुछ और निकली !
- दहेज रूपी कोढ़
- दहेज़ के टर्रे
- जादुई दुनिया
- दहेज ना मिलने पर ससुराल वालों ने बहू के माथे पर लिखावा दिया 'मेरा बाप चोर है'
- दहेज प्रथा ने दो बेगुनाहों की जान
- ऐसे करे दहेज के दानव का नाश
- दहेज
- दहेज प्रथा। वामपंथी और सनातन धर्मी में शास्त्रार्थ भाग्-६
- दहेज में दुल्हे को नहीं मिले पैसे तो कह दिया- तलाक - तलाक - तलाक, दूल्हा-दुल्हन भिड़े
- पिलेट्स - यह भारत में लाभ और यात्रा है
- दहेज और सरकारी नौकरी
- IAS बने लड़कों के पापा मांग रहे 10-10 करोड़ दहेज, बेटियों के अरबपति पिता लाइन में लगे
- केतकी की चाल
- नवाजुद्दीन सिद्दीकी पर छोटे भाई की पत्नी ने लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप
- खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो जाने किस-किस प्रतिभा को तुम गर्भपात मे मार रहे हो जिनका कोई दोष नहीं, तुम उन पर धर तलवार रहे हो बंद करो कुकृत्य – पाप यह, नयी सृष्टि रच जाने दो आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो जिस दहेज-दानव के डर से करते हो ये जुल्मो-सितम क्यों नहीं उसी दुष्ट-दानव को कर देते तुम जड़ से खतम भ्रूणहत्या का पाप हटे, अब ऐसा जाल बिछाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो बेटा आया, खुशियां आईं सोहर-मांगर छम-छम-छम बेटी आयी, जैसे आया कोई मातम का मौसम मन के इस संकीर्ण भाव को, रे मानव मिट जाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो चौखट से सरहद तक नारी फिर भी अबला हाय बेचारी? मर्दों के इस पूर्वाग्रह मे नारी जीत-जीत के हारी बंद करो खाना हक उनका, उनका हक उन्हें पाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो चीरहरण का तांडव अब भी चुप बैठे हैं पांडव अब भी नारी अब भी दहशत में है खेल रहे हैं कौरव अब भी हे केशव! नारी को ही अब चंडी बनकर आने दो खिलने दो खुश
- कानून है तब भी
अक्षरों पर क्लिक करके अन्य शब्द देखें