हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 17
अब तक आपने पढ़ा टपकेश्वर,गुच्छूपानी,और सहस्त्र धारा देखने के बाद सब लोग वापस होटल में पहुंच जाते हैं,,
अब आगे 👉
होटल में पहुंचकर सब लोग बहुत ख़ुश हैं और देखी गई जगाहों के बारे में डिस्कशन चल रहा है,,,,,,,, किसी को गुच्चू पानी बहुत अच्छा लगा तो किसी को सहत्र धारा और कोई कह रहा था,,,,,,,,, टपकेश्वर महादेव का मंदिर क्या लाजवाब बना हुआ है,,।
गुफाओं के अंदर बनी एक एक मूर्ति देखने के का़बिल है,,, मैं तो सीढ़ियां चढ़ते चढ़ते ही थक गई ,,,,तभी अलका ने कहा,,, ।
किसने कहा था एक साथ सारी सीढ़ियां चढ़ ने के लिए,,,, अरे हां,,,,, पीछे कितने ख़ूबसूरत पहाड़ थे और पानी कितनी तेजी से बह रहा था,,,, देखकर दिल बड़ा रोमांचित हो गया,,, ।
तभी विजय नूरी की वीडियो देखते हुए कहता है,,, अरे इसकी वीडियो देखो झरने के नीचे कितनी प्यारी वीडियो बनी है,,,,,,, पर यह क्या इसका चेहरा क्यों उतरा हुआ है,,।
अरे कुछ नहीं यार बस यह तो हर जगह यही सोच रही थी काश मेरा सनी भी होता मेरे साथ,,, ।
नूरी कम बोला करो तुम लोग ,,,,मैं तो बिल्कुल भी नहीं सोच रही थी,,,,,, बल्कि मैं तो बहुत खुश हो रही थी दिन ऐसा आएगा कि मैं अपने सनी के साथ इस से भी ख़ूबसूरत जगह पर घूमेंगे देखना।
तुम वीडियो भेजना मत भूलना,,।
अरे इसकी शादी हो जाने दो यह सब को भूल जाएगी कोई याद नहीं रहेगा सनी के अलावा इसे,,,
और इसे देखो,,,,,,,, सलमा अलग पत्थर पर बैठी है पानी में पैरा डाले हुए ,,,,, बस अपने आप में मगन है यह तो ,,,, ।
अपने उनको भी साथ ले आती तो कम से कम यहां उनके ख़्यालों में गुम तो ना रहती,,, ।
लाऊंगी लाऊंगी उनको भी लेकर आऊंगी,,,, एक दिन,,। बस अब तो कुछ ही दिन बचे हैं शादी में,,,,,।
हां भाई यह तो एक-एक दिन गिन रही है एग्जाम के चार दिन बाद ही शादी रख ली,,, ।
अरे तुम लोगों की वजह से ही रखी है ,,,, ताकि तुम लोग फ्री होकर एग़्जाम के बाद जहां चाहो वहां चले जाओ,,, नहीं तो पता चलता कोई कहीं चला गया, कोई कहीं और शादी में कोई नहीं आया,,,,,।
यह काम तो अच्छा किया तूने सलमा,,,,, भाई तेरी शादी किए बिना हम कहीं नहीं जाने वाले,,,,,,बिरयानी जो खानी है तेरी शादी की हमें,,, ।
ये वीडियो तो देखो,,, सारा को ऊंची काली पहाड़ी पर बैठी चारों तरफ को ऐसे देख रही है जैसे कोई खोज करने आई होगी किसी की,,, ।



क्या ढूंढ रही है सारा तू अकेली पहाड़ी पर बैठी हुई,,?
अरे खोज नहीं कर रही थी मैं कितने खूबसूरत नज़ारे थे बस मैं तो उन्हीं में खोई हुई थी,,, हर एक सीन इतना प्यारा लग रहा था मैं तो वीडियो बना बना कर थक गई,,, ।
ऊपर से पहाड़ियों पर भागते हुए बादल और ठंडी ठंडी हवा क्या मस्त लग रही थी,,, ।
तभी नवीन कहता है,, कहीं तू यह गाना तो नहीं गा रही थी यह वादियां यह फिजाएं बुला रही है तुम्हें
यह खामोशियों की हसीन सदाएं बुला रही है तुम्हें,,
सुनते ही सब की हंसी का फव्वारा फूट जाता है,, ।
तभी नवीन कहता है अरे यह देखो इस सारा की बच्ची ने विजय के फोटो पर क्या कमेंट किया है,,, विजय मेरे फोटो पर,,,,, हां भाई तेरे फोटो पर,,,,,,,,, बहुत हीरो बन रहा था अपने आप को,,, देख देख नीचे देख,,,
मेरा जूता है जापानी मेरी पतलून इंग्लिशतानी
सर पर लाल टोपी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी
मेरा जूता है जापानी,,,,,,।
सब लोगों का हंसते-हंसते बुरा हाल हो जाता है,, वाह क्या कमाल लिखा है,,, हां देखो तो सही गले में मफलर, सर पर कैप, कैसा झूमता हुआ चल रहा था,,,। मैंने चुपचाप इसका वीडियो बना लिया,,,, ।

अरे तू तो बड़ी छुपी रुस्तम निकली,,,,,, सब एक दूसरे को फोटो देख देख कर मज़ाक बना रहे थे,,,, तभी नूरी ने कहा भाई सब लोग अपने अपने फोटो और वीडियोज़ ग्रुप में डाल दे,,,, जिसने जिसका भी खींचा है सब डाल दो यार,,
हां हां ताकि तुम लोग फनी कमेंट लिख सको,,, आभा कहती है मेरा तो दिल करता है यार यही बस जाऊं,,, यहां की खूबसूरती ने तो मेरा दिल जीत लिया यह बात तो है उत्तराखंड है ही इतना खूबसूरत यहां की हर एक जगह देखने के काबिल है,,, अगली बार फिर प्रोग्राम बनाते हैं लक्ष्मण झूला राम झूला और बहुत से जग आए हैं ऋषिकेश में भी देखने के का़बिल हैं,,, ।
अब एक बार हरिद्वार आएंगे तो ऋषिकेश भी घूमेंगे,,, ठीक है यार ,,,, अब तो सो जाओ या रात भर जागने का इरादा है,,, ।
लाइट बंद करो और लड़के अपने आप अपने रूम में जाओ,,, क्यों अभी तुम लोगों को कुछ और बातें करनी है क्या,,,।
हां अभी हमारी बातें खत्म नहीं हुई,,,,, हमें तो पूरी रात जागना है तुम कब तक बैठे रहोगे,,, हमें भी पूरी रात जागना है एक दौर अंताक्षरी का फिर से शुरू हो जाए,,,बोलो क्या कहती हो,,,।
ओह नो,,,, अब मूड नहीं,,,, तुम लोग जाओ हमें हमें नींद आ रही है ,,,,,लगता है तुम लोगों के फ़ोन आने का टाइम हो गया है,,,
हमारे पास किसी का फोन नहीं आ रहा मम्मी का आना था वही हैं जो परेशान होती हैं,,,, अपनी बेटियों के लिए हमने उन्हें पहले ही फ़ोन करके बता दिया है ,, ।
अशोक कहता है एग्जाम के बाद सब इधर-उधर चले जाएंगे,,, ऐसे मौक़े ज़िन्दगी में मुश्किल से मिलते हैं,,।
तो क्या इरादा है,,,, अशोक कहता है,,,,
रुक जा रात ठहर जा रे चंदा
बीते ना मिलन की बेला,,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक हमें तो मिलना ही था,,, 💕
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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