हमें मिलना ही था एपिसोड 21
अब तक आपने पढ़ा सलमा की फूफी नूरी को बहुत पसंद कर रही हैं वह नूरी की मां को बताती हैं आपकी बेटी बहुत खूबसूरत है,,, कहां रहते हैं आप लोग,, अब आगे 👉
नूरी की मां उनको बताती है हम लोग यहीं रहते हैं और मेरे दो बेटियां एक बेटा है,,, आइएगा आप लोग हमारे यहां,, सलमा की फूफी (बुआ)कहती है....हां जरा शादी निबट जाए फिर आते हैं आपके यहां,,, !
नूरी यह सब सुनकर परेशान हो जाती है अरे बाप रे,, यह आंटियां भी ना बस शादी में अपने बेटों के लिए दुल्हन ही पसंद करने आती हैं और कोई काम नहीं होता है क्या इन लोगों के पास..... किसी को भी पसंद करने बैठ जाती हैं अब किस तरह मना किया जाएगा अगर यह लोग आ गए तो,,, खैर जो होगा देखा जाएगा....!
नूरी की अम्मी अब्बू और हबीब खाना खाकर घर वापस हो जाते हैं मगर नूरी और सारा सलमा के साथ शादी तक वहीं पर रुक जाती हैं,,, सबके जाने के बाद फिर दौर चलता है गानों का,,,!
सारी लड़कियां मिलजुल कर रात भर जागने का प्रोग्राम बनाती हैं,,,, क्योंकि सलमा के मेहंदी भी आज ही लगनी है कल का दिन तो ब्यूटी पार्लर में ही निकल जाएगा सब का,,, इसलिए जो भी धमाल मचाना है सब लड़कियां और लड़के मिलकर आज ही मचा लेंगे,,,!
लड़कियां बैठ जाती है गाना गाने ,,,,,, तभी सलमा की दादी जान आती हैं और कहती हैं..... अरे यह क्या गाने गा रही हो तुम लोग,,, एक भी उबटन का गाना नहीं सुनाया है तुम लोगों ने,,, !
दादी आप शुरू हो जाइए सारा कहती है..... हां भाई चलो मैं शुरू करती हूं तुम लोगों को गाना पड़ेगा साथ में,, तालियां जोर से बजाओ दादी गाना शुरू करती है,,,
मैं तो आप ही हूं गोरी सफेदा
मैं बटना नहीं मलने की....
मल दो मल दो रे ससुर जी की दाढ़ी
या सासुर जी का चोंड़ा
मैं बटना नहीं मलने की...... मैं तो आप ही हूं
गौरी सफेदा....मैं बटना नहीं मलने मलने की......
अभी गाना जोरों पर चल रहा था तभी एक बहुत लंबी सी औरत बड़ा लंबा घूंघट काढ़े लड़कियों के बीच में आकर डांस करने लगती है....... सब लोग उसको हैरत से देख रहे हैं....जैसे पूछ रहे हो कौन है.... यह कोई जानता है क्या इसे.....मगर वह औरत जोर-जोर से डांस करने लगती है....!
उसके डांस करने से जल्दी ही लोगों को पता चल जाता है यह कोई औरत नहीं किसी लड़के की शरारत है,,, तभी वह जोर से कहता है बंद करो यार यह गाना बहुत हो चुका अब कोई बढ़िया सा गाना चलाओ,,,।
अरे अपना मुंह तो दिखा दादी जान उसके घुंघट के तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहती हैं..… नाना अभी नहीं दादी गाना हो जाने दीजिए....उसके बाद मुंह दिखाई होगी,,।
दादी जान कहती हैं अरे चल काम कर अपना तेरी आवाज ने हीं राज खोल दिया है,,, चुप रहे दादी थोड़ी देर के लिए.... लगाओ भाई गाना लगाओ और गाना बजता है,,, तभी वह डांस करते हुए सलमा की तरफ इशारा करता है,,, और गाना बज रहा .......
हम तो तेरे आशिक हैं सदियों पुराने
चाहे तू माने , चाहे ना माने ...हम तो तेरे आशिक हैं,,,
फिर दादी उसका रुपट्टा उतारते हुए कहती हैं बस खत्म हुआ तेरा नाटक..फिर वह हंसने लगता है... हमने तो कह दिया जो कहना था... दादी किसको सुना रहा था यह गाना,,, !
मेरी प्यारी दादी समझने वाले समझ गए जो ना समझे वह अनाड़ी है... अच्छा अच्छा शर्म नहीं आती अपनी दादी को अनाड़ी कहते हुए,,
हमें सब पता है यह गाना गाते वक्त तू किधर किधर देखकर आंखें मटका रहा था,,, बस करो दादी मैं चुप हो जाता हूं,,,
दादी कहती हैं अच्छा अच्छा ठीक है उधर देख कर आ गुलगुले बनाने शुरू कर दिए या नहीं..... अगर बन गए हो तो गरम-गरम लिया..... अरे दादी मैं यह समझा आप कह रही है... जा गरम गरम खा ले...।
हां हां खा भी लेना और सब के लिए लेते भी आना.... तभी सारा किचन से चाय लेकर आती है सबसे पहले दादी को देते हुए कहती है यह लीजिए दादी कम चीनी की है.....।
यह तो तूने बहुत अच्छा किया...... बिना कहे चाय बना कर ले आई अरे तभी तो जाग पाएंगे जब चाय मिलती रहेगी............. वैसे भी रतजगह है पूरी रात जागना है सबको.....।
तबही इमरान गरमा गरम मीठे गुलगुले लेकर आ जाता है सब लोग बड़े शौक से खाते हैं.... इमरान कहता है भाई हम लड़कों के लिए भी कोई चाए बना कर लाएगा या फिर अपनी चाय हमें खुद ही बनानी पड़ेगी........ तभी सारा कहती है नहीं सबको चाय पिलाने का काम मेरा है ....... ।
दादी ने मुझसे पहले ही बोल दिया था..... अरे वाह तब तो बहुत अच्छी बात है तो हो जाए चाए....... हां सुनो मगर मेरी चाय में चीनी जरूर डाल देना मुझे फीकी चाय बिल्कुल पसंद नहीं.... वह मुस्कुराती हुई किचन की तरफ चली जाती है और सभी लड़कों के लिए भी चाय बना कर ले आती है......।
गानों का दौर चल रहा है,,, मौका देख कर इमरान सारा से कहता है चाय तो अपने बहुत अच्छी बनाई थी.. वैसे आप भी बहुत अच्छी है,,,सारा उसकी बात का जवाब नहीं देती और मुस्कुराते हुए सब के साथ गाना गाने बैठ जाती है,,,
गानों के बाद बड़े लोग अपनी अपनी जगह जाकर सो जाते हैं.. उसके बाद जो लोग बचते हैं उनके साथ इनट्रोडेक्शन का दौर चलता हैं,, सलमा अपने सब रिश्ते दारो का इंट्रोडक्शन सभी दोस्तों से कराती है,,,,।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक........!
हमें तो मिलना ही था 💕
मौलिक रचना सय्यदा खातून ✍️
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