हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 25
अब तक आपने पढ़ा सारा के पास फोन आता है नूरी उससे पूछती है किसका फोन है? तो सारा शर्मा जाती है और नूरी को बताती नहीं है,,, नूरी कहती है ओ हो,, तो यह बात है अब आगे 👉 इमरान का फोन था जो सारा को सलमा की शादी में मिला था,, जब सारा ने फोन उठाया तो उधर से इमरान की आवाज आई,,, शुक्र है कम से कम तुमने फोन तो उठा लिया,,, पता है कितना मिस कर रहा था मैं तुम्हें ,,,,कई बार तुम्हें फोन लगाया लेकिन तुमने उठाया ही नहीं,,,,।
सारा,, अरे सब लोगों के सामने कैसे उठाती,,, इमरान बाद में मिस कॉल तो कर सकती थी ना,,,, मैं तो इंतजार करते-करते सूख गया,,,,।
सारा हंसने लगती है और सुनाइए कैसे हैं आप,, क्या सुनाएं जीते हैं ना मरते हैं बस आपके इश्क में दीवाने हो गए हैं,,, आप सुनाइए क्या आप भी हमें याद कर रही है या नहीं,,,।
नहीं मैंने तो आपको याद नहीं किया,,, ठीक है फिर फोन रख देता हूं,,,।
सारा अरे अरे आप तो बुरा मान गए मैंने ऐसा तो नहीं कहा,,, !
तो कब मिल रही हैं आप,,, परसों रिसेप्शन पार्टी में आ रही है ना सब लोग सलमा के यहां रिसेप्शन पार्टी में जा रहे हैं,,, आंटी कह रही थी आप लोगों को भी इनवाइट किया गया है,,,।
लेकिन मेरा आना तो मुश्किल है,,,, अरे आप ज़रूर आइए,,,,,, मैं इंतजार करूंगा,,, मिलने का एक मौक़ा मिला है,,, उसे हाथ से मत जाने दीजिए,,,। सारा सोचती हूं अगर घर के सब लोग आए तो आने की कोशिश करूंगी।
इमरान कोशिश नहीं आना है आपको मैं इंतजार करूंगा ,,, दो चार दिन बाद हम लोग अपने घर चलें जाएंगे,,,,।
सारा,,, और जाते ही हमें भुला देंगे,,,
ठीक है अभी रखता हूं शब्बा खैर,,, और हम यहां आपको,,, ख़ैर जाने दें,,।
जावेद,,,, नहीं भाई ऐसे कैसे जानें दें,,, क्या कहना चाहती हैं बात पूरी कीजिए
अरे कुछ नहीं फिर कभी,,,,!
फोन रखने के बाद सारा सोचती है यह क्या होता जा रहा है मुझे,,,,, एक ही नज़र में वह मुझे पसंद आ गया,,, और अब लगता है उसका और मेरा साथ सदियों पुराना है,,,,।
कुछ रिश्ते होते हैं ज़िंदगी में बेनाम भी,
अजनबी होते हुए भी लगने लगते हैं
जैसे हों एकदम खा़स ही,,,!
सारा अभी इमरान के बारे में सोच रही थी ,,,, तभी नूरी उससे कहती है यह अपने आप अकेले-अकेले क्यों मुस्कुरा रही हो,,,, जरूर कोई ख़ास बात है,,। लगता है फोन कोई स्पेशल था ,,,।
सारा मुस्कुरा कर कहती है,,,, आपी आप भी ना,,,, तो बता दो भाई ,,,।
हम भी मुस्कुरा लेंगे तुम्हारे साथ,,,,।
इमरान का फोन था,,,, कह रहा था सलमा की ससुराल में रिसेप्शन पार्टी है पूछ रहा था हम लोग भी वहां आ रहे हैं या नहीं ,,,,।
नूरी कहती है,,, मेरा तो अब किसी पार्टी में जाने का दिल नहीं होता तुम चली जाना ,,,, सारा आप यह कैसी बातें कर रही हो आपी,,,,, सच का सामना तो करना ही पड़ेगा,,,,, यह तो खुशी की बात है आप जिस पार्टी में जाती हैं लोग आपको पसंद कर लेते हैं,,,, पर अब तो अब्बू ने दो साल दे दिए हैं ना आपको फिर क्या डर ,,,, चलिए प्लीज़ मेरी खातिर,,,।
ठीक है तुम जिद करती हो तो चली जाऊंगी मैं भी वैसे एक बात बताऊं जावेद अच्छा लड़का है वह जिस तरहां सलमा की शादी में तुम्हारे आगे पीछे घूम रहा था तभी मुझे लग गया था कि वह तुम्हें पसंद करता है ,,,, ।
हां मैंने भी उससे बातचीत करके यह अंदाजा लगाया कि इमरान एक अच्छा इंसान है,,,, उसने अपनी मॉम से भी मुझे मिलवाया था वह भी बहुत अच्छी हैं सब लोग पढ़े लिखे और खानदानी तो है,,,, बहुत सोच समझ कर ही मैंने उसे अपना फोन नंबर दिया है,,, ।
जब रिसेप्शन में जाएंगे तब मैं आपको उससे मिलवाऊंगी,,, नूरी कहती है नहीं नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं,,,, मैं उससे खुद ही बात कर लूंगी सारा कहती है वैसे वह मुझसे कह रहा था मैं आपकी बड़ी बहन और अम्मी जान से भी मिल चुका हूं ,,,,,।
नूरी हां भाई काफी समझदार लगता है आगे तुम्हारी किस्मत और दोनों बहने रिसेप्शन में जाने के लिए अपनी अपनी ड्रेस निकालतीं है,,।
तभी अभी जान कहती हैं तुम लोग जरा जल्दी ही तैयार हो जाना,,, फंक्शन में टाइम से पहुंच जाएं तो अच्छा ,,,,,।
सारा कहती है आप टेंशन ना लें हम लोग जल्दी तैयार हो जाएंगे,,,, और सुनो लड़कियों मैं सोच रही हूं बनारसी साड़ी बांध लूं,,।
नूरी नहीं अम्मी जॉन आप नीला पोत का सूट पहन लीजिए,,, वह ग़रारा सूट आप पर बहुत जंचता है,, अम्मी जॉन हंसने लगती है ,,, ठीक है जो तुम कह रही हो,,,।
शाम को सब लोग तैयार होकर रिसेप्शन में पहुंच जाते हैं ,,,जहां जावेद पहले से ही सबके साथ उनका इंतजार कर रहा था,,,, अम्मी अब्बू के साथ हबीब था और उनके पीछे नूरी और सारा दोनों ही बहने आज एक से बढ़कर एक हसीन लग रही थी,,,।
नूरी ने काले रंग का लहंगे का सूट पहन रखा था,,,, जिस पर बहुत ही प्यारा काम बना हुआ था,,, गले में सुंदर नेकलेस और मैचिंग इयररिंग्स उसकी सुंदरता को और भी बढ़ा रहे थे,,,, सच में दोनों बहने इतनी खूबसूरत थी कि हर कोई उन्हें देखता ही रह जाता था ,,,,।
सारा ने लाइट पिंक कलर का लहंगा सूट पहना था कानों में हीरे के टॉप्स गले में चैन ऐसा लग रहा था जैसे कोई अप्सरा आसमान से उतर आई है खूबसूरत होने के साथ-साथ उसकी सादगी लोगों को बहुत पसंद आती थी,,,,।
इमरान तो बस उसको देखता ही रह गया कमर तक खुले लंबे लंबे बाल और ऊपर से चेहरे पर बिखरी मुस्कुराहट इमरान को दीवाना बना रही थी सभी लोग आगे सोफे पर जाकर सलमा के मम्मी डैडी के पास बैठ गए,, ।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक ,,👉👉👉👉👉
हमें मिलना ही था 💕
मौलिक रचना सय्यदा खातून ✍️
-----------🌷🌷🌷------------