हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 14
अब तक आपने पढ़ा घर में नूरी के रिश्ते की बात चल रही है नूरी की अम्मा जान फातमा को फोन करके बताती हैं लड़के वालों से बोलना कि वह संडे में हमारे यहां आ जाएं
अब आगे 👉
नूरी और सारा कॉलेज गई हुई है अभी वह नहीं जानती के घर में मेहमान आने वाले हैं यह संडे में अपना प्रोग्राम बना लेती हैं सब दोस्त मिलकर पिकनिक जाना चाहते हैं क्योंकि सनी के जाने के बाद किसी का भी दिल नहीं लग रहा,,, इसलिए उन्होंने सोचा क्यों ना पिक देख पर चला जाए,,,।
घर पहुंचने के बाद नूरी और सारा अम्मा जान को बताती हैं,,,,,,, अम्मा जान इस बार हम सब कॉलेज के साथी पिकनिक के लिए जा रहे हैं,,,,।
ज़्यादा दूर नहीं बस सहस्त्र धारा और गुच्चूपानी तक जाने का प्रोग्राम है,,,, अम्मा जान कहती हैं,,,, कब जाना है तुम लोगों को मैंने कब मना किया है,,,,,,,,, जब तक यहां हो अपनी मनमर्जी से कर लो जो करना है,,,।
कल पराए घर की हो जाओगी,,, इसलिए मैं तुम्हें मना नहीं करूंगी,,,, बस यह याद रहे संडे में कुछ लोग आ रहे हैं,,,,,।
फातमा के साथ,,,,,,,, कौन लोग हैं,,,, अरे भाई फातिमा बता रही थी तो अच्छे ही होंगे,,,,,,, नूरी के रिश्ते की बात चलाई है उसने,,,,,, आखिर तुम्हारी खा़ला है,,,,,,, अच्छा रिश्ता ही बताया होगा,,, ।
यह बात सुनकर नूरी के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगती हैं वह कहती है पर अम्मी जान हम लोग संडे का प्रोग्राम बना चुके हैं,,,,,, आप उन से मना क्यों नहीं कर देती,,,,,,,वैसे भी आपको मालूम है ना,,,,,,,,,, मैं अभी शादी नहीं करना चाहती,,,,,।
पहले मुझे अपनी पढ़ाई तो पूरी कर लेने दें,,,,, यह क्या आपने एक नया सिलसिला शुरू कर दिया,,,।
अम्मा जान कहती हैं वैसे भी कुछ दिनों में तुम्हारे एग्जा़म हो जाएंगे और उसके बाद तुम्हारा बी एसी भी कंप्लीट हो जाएगा,,, ।
अरे अम्मी जान आप समझते क्यों नहीं,,,,, एग्जाम के पहले आपने यह क्या सिलसिला शुरू कर दिया पहले एग्जाम तो ठीक से हो जाने दे,,,,।
उसके बाद इत्मीनान से जिसे चाहे बुलाएं,,, तभी नूरी के अब्बू जान भी आ जाते हैं,,,,, अरे भाई मां बेटियां किस बात पर झगड़ रहीं हैं,, ।
बेगम क्यों तंग कर रखा है मेरी बेटी को अरे कुछ नहीं मैं तो बस इतना ही बता रही थी के संडे में नूरी को देखने कुछ लोग आ रहे हैं,,,,,,,।
देखा अब्बू इन्होंने एग्जा़म में यह सिलसिला शुरू कर दिया,,, कम से कम एग्जा़म तक तो रुक जातीं,,,,।
अब्बू जान कहते हैं,,,,,, अरे तुम्हें परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं,,,, बस थोड़ी देर के लिए सामने आ जाना बाक़ी हम लोग खुद देख लेंगे,,,, वैसे भी तुम्हारी मर्ज़ी के बिना हम तुम्हारी शादी नहीं करेंगे,,,।
तुम्हारे एग्जा़म से पहले हम कभी कुछ नहीं करेंगे,,,,, नूरी कहती है अरे आप लोग समझते क्यों नहीं कितना टेंशन हो जाता है,,,,, किसी के आने का,,,, और ऐसे कहां अच्छा लगता है,,,,, कि मेहमानों को छोड़कर हम कहीं चले जाएं,,, ।
मैं और सारा तो होंगे ही नहीं घर पर सब दोस्तों ने पिकनिक का प्रोग्राम बनाया है संडे में,,,,, हमें क्या पता था अम्मा जान अपना प्रोग्राम भी संडे में सेट कर लेंगी।
वैसे भी रिजल्ट आने तक कुछ नहीं डेड मुझे चैन से एग्जा़म देने दीजिए,,,,,,,, मेरी परसेंटेज पर असर पड़ जाएगा,,, प्लीज डैड आप तो समझते हैं ना,,,,,, कितनी मुश्किल से पढ़ाई की जाती है,,,,,।
प्लीज उनको रोक दीजिए इतने दिन तो रुक ही सकते हैं 4 महीने की तो बात है ,,,,,नूरी के डेड कहते हैं वैसे बेगम नूरी ठीक कह रही है,,,,,,,, एक तरफ होकर पहले इसको एग्जाम तो दे लेने दो।
अगर किस्मत में होगा तो वह रुक जाएंगे नहीं तो हमारी लड़की के लिए और बहुत,,,,,,,,,, तुम अभी फ़ोन करके उनसे कह दो,,,, मेरा नाम ले देना,,,,, कहना पहले बच्चों का एग्जा़म हो जाने दो,,,,, उसके बाद यह सिलसिला शुरू करेंगे,,, ।
नूरी की अम्मा जान उदास हो जाती हैं और फातमा को फ़ोन लगा कर कहती हैं सुनो फातमा उन लोगों से कह दो अभी कुछ महीने और रुक जाएं,,,,,, इसके अब्बा जान कह रहे थे,,,,, पहले बच्चियों को एग्जा़म दे लेने दो,,।
बाकी जैसा वह ठीक समझे कर लें,,,, फातमा कहती है आपा जान अच्छे रिश्ते मुश्किल से मिलते हैं अगर आप बार-बार इसी तरहं रिश्तो को मना करती रही तो आगे चलकर मुश्किल होगी,,,,,,।
वह फातमा से कहती हैं मैं समझती हूं तुम्हारी बात पर क्या करूं थोड़े ही दिन की बात है बीएससी कंप्लीट हो जाएगी उसके बाद देखने दिखाने का सिलसिला शुरू करेंगे,,, ।
देख लीजिए आपाजान मैं तो आपकी वजह से ही कह रही थी ,,,, दो लड़कियों की शादी करनी है आपको,,,,,,, वे कहती हैं ठीक है,,,, अब मैं जबरदस्ती तो नहीं कर सकती किसी के साथ जो होगा देखा जाएगा,,,
फातमा कहती है ठीक है मैं उन लोगों को रोक देती हूं बहुत अच्छे लोग हैं मान जाएंगे आप फिक्र ना करें,,, वैसे फोटो तो आपने देख लिया है ना हां फोटो तो नूरी के अब्बा को भी बहुत पसंद है,,,,,, सारी चीजें मुझे भी बहुत अच्छी लगी थीं इस रिश्ते की,,,,, खैर जो ख़ुदा को मंजूर है वही होगा,, कह कर रहा है फ़ोन रख देती हैं,,,।
और नूरी के अब्बा जान से कहती हैं ,,,मैंने फातमा से कह दिया यह लोग अभी ना आएं,,,, अगर इंतज़ार कर सकते हैं तो बीएससी करने का इंतजार करें,,,,, नहीं तो कोई ऐसी बात नहीं हम लोग अभी शादी नहीं करना चाहते,,, ।
ठीक है अच्छा किया बेगम ,,,,,,भाई लड़कियों की बात भी माननी पड़ती है,,,,,,,,, कोई ग़लत तो कह नहीं रही है वह उनकी बात अपनी जगह बिल्कुल ठीक है,,,।
फिर वह सारा और नूरी को भी को बुलाकर कहते हैं मैंने मना करवा दिया है मेहमानों को आने के लिए अब तुम लोग पिकनिक जाने के लिए अपनी तैयारियां कर लो,,
अब्बा जान कल नहीं जाना संडे में जाएंगे,, हां भाई लड़कियों की तैयारी तो कई दिन पहले से चलती है ठीक है जब चाहे जाओ,,।
सुनकर नूरी चैन की सांस लेती है,,, और खाना बनाने में अम्मा जान की मदद करने किचन में पहुंच जाती है,,, क्या बना रही हो अम्मा जान कुछ नहीं सारा खाना तैयार हो गया है,,,,,, बस शामी कबाब रह गए हैं फ्राई करने से,,,, वही कर रही थी,,,,।
अरे लाइए अम्मा जान मैं कर देती हूं,,, आजकल मेरे पास थोड़ा टाइम है,,, अम्मा जान कहती हैं ठीक है तू कबाब फ्राई कर ले,,, मैं सारा को बोलती हूं खाना लगाने के लिए,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक हमें मिलना ही था,,, 💕
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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